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कोरोना काल में नौकरियां चली गईं, व्यवसाय फेल हो गए, लेकिन सरकार के पास कोई प्लान तक नहीं: पीसी शर्मा

शिवराज सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि, 'लोगों के काम धंधे बंद हो गए, नौकरियां चली गईं, व्यवसाय फेल हो गए, भुखमरी के हालात बन गए. बाहर से जो लोग आए, उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई, लेकिन सरकार के पास कोई प्लान तक नहीं है'.

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पीसी शर्मा
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Published : Nov 20, 2020, 2:47 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में अचानक बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की वजह से एक बार फिर सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल गुरुवार को प्रदेश में जो कोरोना के आंकड़े सामने आए हैं, उसमें राजधानी भोपाल में 4 सौ के ऊपर कोरोना मरीज पाए गए. यही हालात इंदौर का भी है. दूसरे शहरों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इन हालातों में जहां सरकार ने आज एक बड़ी बैठक बुलाई है और कोरोना को लेकर क्या उपाय करना है, इस पर एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि, 'प्रदेश सरकार के पास कोरोना से निपटने के लिए कोई प्लान नहीं है. सरकार दोबारा सख्ती बरतने का मन बना रही है, ऐसे में प्रदेश में हालात बद से बदतर हो सकते हैं'.

पीसी शर्मा का बायन
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि, 'कोरोना के भोपाल में जो आंकड़े आए हैं, इंदौर में भी 300 के ऊपर मरीज पाए गए हैं. छोटी जगहों का तो पता ही नहीं चलता है. इससे साफ है कि, सरकार के पास कोई प्लान नहीं है'. उन्होंने कहा, 'प्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार थी, तो 20 मार्च तक कोरोना नाम की कोई चीज नहीं थी. 26 मार्च को कोरोना का पहला केस आया और उसके बाद 21 दिन का लॉकडाउन लगाया गया, जो 3 महीने तक चलता रहा'.

शिवराज सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करते हुए पीसी शर्मा ने कहा है कि, 'लोगों के काम धंधे बंद हो गए, नौकरियां चली गईं, व्यवसाय फेल हो गए. भुखमरी के हालात बन गए. बाहर से जो लोग आए, उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई, लेकिन सरकार के पास कोई प्लान नहीं है. त्योहार के समय भी इन्होंने कोई प्लान नहीं बनाया. बिना प्लान के सब चलता रहा और ऑक्सीजन की कमी आ गई'.

एक तरफ जहां प्रदेश के कई जिलों में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है, मास्क नहीं पहनने पर 10 घंटे के आइसोलेशन की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने समीक्षा बैठक बुलाई है और इस बैठक में कोरोना के लेकर नई योजना बनाई जा सकती है. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो, शासन और प्रशासन रात 8 बजे बाजार बंद करने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर सख्ती बरतने की भी तैयारी है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में अचानक बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की वजह से एक बार फिर सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल गुरुवार को प्रदेश में जो कोरोना के आंकड़े सामने आए हैं, उसमें राजधानी भोपाल में 4 सौ के ऊपर कोरोना मरीज पाए गए. यही हालात इंदौर का भी है. दूसरे शहरों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इन हालातों में जहां सरकार ने आज एक बड़ी बैठक बुलाई है और कोरोना को लेकर क्या उपाय करना है, इस पर एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि, 'प्रदेश सरकार के पास कोरोना से निपटने के लिए कोई प्लान नहीं है. सरकार दोबारा सख्ती बरतने का मन बना रही है, ऐसे में प्रदेश में हालात बद से बदतर हो सकते हैं'.

पीसी शर्मा का बायन
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि, 'कोरोना के भोपाल में जो आंकड़े आए हैं, इंदौर में भी 300 के ऊपर मरीज पाए गए हैं. छोटी जगहों का तो पता ही नहीं चलता है. इससे साफ है कि, सरकार के पास कोई प्लान नहीं है'. उन्होंने कहा, 'प्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार थी, तो 20 मार्च तक कोरोना नाम की कोई चीज नहीं थी. 26 मार्च को कोरोना का पहला केस आया और उसके बाद 21 दिन का लॉकडाउन लगाया गया, जो 3 महीने तक चलता रहा'.

शिवराज सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करते हुए पीसी शर्मा ने कहा है कि, 'लोगों के काम धंधे बंद हो गए, नौकरियां चली गईं, व्यवसाय फेल हो गए. भुखमरी के हालात बन गए. बाहर से जो लोग आए, उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई, लेकिन सरकार के पास कोई प्लान नहीं है. त्योहार के समय भी इन्होंने कोई प्लान नहीं बनाया. बिना प्लान के सब चलता रहा और ऑक्सीजन की कमी आ गई'.

एक तरफ जहां प्रदेश के कई जिलों में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है, मास्क नहीं पहनने पर 10 घंटे के आइसोलेशन की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने समीक्षा बैठक बुलाई है और इस बैठक में कोरोना के लेकर नई योजना बनाई जा सकती है. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो, शासन और प्रशासन रात 8 बजे बाजार बंद करने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर सख्ती बरतने की भी तैयारी है.

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