भोपाल : मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली. राज्य कैबिनेट ने फैसला लिया है कि आम बजट की तर्ज पर मध्य प्रदेश का बजट भी पेपरलेस होगा. प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट से बजट पेश करेंगे. कैबिनेट की बैठक में दुग्ध संघ को घाटे से उबारने के लिए 14 करोड़ 80 लाख रुपए अनुदान के रूप में देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. साथ ही किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से जीरो फीसदी ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिए जाने के फैसले को जारी रखने का फैसला लिया गया.
कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
-मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई. बैठक में कोरोना काल में प्रभावित हुए निर्माण की गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश में काम कर रहे ठेकेदारों को 31 दिसंबर 2031 तक होने वाले ठेकों के लिए परफॉर्मेंस गारंटी की राशि को 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किए जाने का निर्णय किया गया.
- कैबिनेट की बैठक में दुग्ध संघ को घाटे से उबारने के लिए 14 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि अनुदान के रूप में दिए जाने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी. इससे दुग्ध संघ से जुड़े पशुपालकों को राहत मिलेगी. कोरोना संक्रमण की वजह से पशुपालकों को दूध का भुगतान नहीं किया जा सका था.
- मध्य प्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी यानी मैप आईटी को राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम में मिला दिया गया है. अब इसका नया नाम एमपी सीडीसी होगा.
- कैबिनेट की बैठक में किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से 0 फीसदी ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिए जाने के फैसले को जारी रखने का निर्णय लिया गया. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक सरकार के इस फैसले से मध्य प्रदेश के 24 लाख किसानों को फायदा मिलेगा.
पेपरलेस होगा मध्यप्रदेश का बजट
केंद्र सरकार की तर्ज पर मध्यप्रदेश का आगामी बजट पेपरलेस होगा. शिवराज मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट पर बजट पेश करेंगे. मध्यप्रदेश का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य होगा जो पेपरलेस बजट पेश करेगा.
केंद्रीय वित्तमंत्री ने सोमवार को पेश किया था पेपरलेस बजट
देश का पहला पेपरलेस बजट सोमवार को पेश किया गया. केंद्रीय वित्तमंत्री ने इसे मेड इन इंडिया टैबलेट से पढ़ा. सांसदों को भी बजट उनके मोबाइल पर मिला. आप भी पढ़ना चाहें तो यूनियन बजट ऐप से बजट को पढ़ सकते हैं. मोदी सरकार में इससे पहले भी कई चीजें पहली बार हुई हैं.