भोपाल। राजधानी भोपाल में चलने वाली 210 बीसीएलएल बसों में पैनिक बटन लगाया जा रहा है. पैनिक बटन बसों में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए लगाया जा रहा है. इस बटन को दबाते ही यात्री की परेशानी कुछ ही मिनट में ही दूर किया जा सकेगा. इस बटन को लगाने की लागत भी काफी कम है.
ऐसे काम करेगा पैनिक बटन
एक बस में चार जगह पर पैनिक बटन को लगाया जाएगा. जिससे बीसीएलएल बस में सवारी कर रहे सभी यात्री कवर हो सकेंगे. पैनिक बटन को व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम यानी जीपीएस से जोड़ा जाएगा. भोपाल की सभी बीसीएलएल की बसों में पहले से ही लाइव लोकेशन के लिए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगा हुआ है. इसी से पैनिक बटन को जोड़ा जाएगा. पैनिक बटन को दबाते ही चार जगह इसके इनपुट मिलेंगे. जैसे ही पैनिक बटन को दबाया जाएगा, पास के पुलिस स्टेशन, डायल 100, बीसीएलएल और स्मार्ट सिटी कॉल सेंटर को सूचना मिलेगी. साथ ही बस में लगे व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से बस की लोकेशन भी मिल जाएगी. अगले बस स्टॉप पर पुलिस यात्री की समस्या का निराकरण करेगी.
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. पैनिक बटन लगने से महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी. जिसको लेकर भोपाल बीसीएलएल की बसों में सफर करने वाली महिलाओं ने भी खुशी जाहिर की है.
खर्च कम सुरक्षा ज्यादा
पैनिक बटन को लगाने से ज्यादा खर्च भी नहीं आ रहा है. एक बटन को लगाने में सिर्फ 1500 रुपए का खर्चा आएगा. एक बस में चार बटन लगाए जाएंगे, यानी 210 बसों में करीब 12 लाख रुपए का खर्चा आएगा. बटन लगाने की जिम्मेदारी जीपीएस लगाने वाली कंपनी के पास ही रहेगी. बीसीएलएल की बसों में कोविड-19 के कारण रोज 30 से 35 हजार यात्री सफर करते हैं. कोरोना काल के पहले 1 दिन में एक से डेढ़ लाख यात्री बीसीएलएल बस की सवारी करते थे. इसलिए बीसीएलएल बस को भोपाल की लाइफ लाइन भी कहा जाता है.