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Pandit Pradeep Mishra: शिव महापुराण कथा के दौरान नशे से दूर रहने की सलाह, शरीर की महत्ता बताई

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Published : Jun 13, 2023, 7:51 AM IST

भोपाल में चली रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने लोगों को नशे से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि इस बहूमूल्य शरीर को ऐसे ही बर्बाद नहीं करो. उन्होंने कई उदाहरणों से शरीर की महत्ता बताई. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कर्ज व मर्ज में कोई साथ नहीं देता. इस हालत में केवल भगवान शिव ही आपका साथ देते हैं. इसलिए भोलेनाथ को रोजाना एक लोटा जल अवश्य चढाएं.

Pandit Pradeep Mishra
शिव महापुराण कथा के दौरान नशे से दूर रहने की सलाह
शिव महापुराण कथा के दौरान नशे से दूर रहने की सलाह

भोपाल। कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने नशे से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि लोग 25 हजार के मोबाइल पर कवर चढ़ाते हैं, लेमिनेशन कराते हैं. लेकिन करोड़ों के इस शरीर का ध्यान नहीं रखते और प्याले में डूब जाते हैं. गटर का पानी पीते हैं. यह बात शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने भक्तों से कही. उन्होंने मनुष्य के शरीर का महत्व बताते हुए कहा कि हमारा शरीर करोड़ों का है और इसको गटर के पानी यानी शराब पीकर लोग बर्बाद कर रहे हैं. जिससे उनकी किडनी खराब हो रही हैं. दरअसल, प्रदीप मिश्रा यहां भक्तों के पत्रों को पढ़ रहे थे.

महिला की व्यथा का उल्लेख : पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक पत्र का उल्लेख किया. इसमें एक महिला ने लिखा कि उनके बच्चे को गर्भ में सोनोग्राफी के दौरान डॉक्टरों ने किडनी नहीं होना बताया और कहा था 15 दिवस के अंदर ही बच्चा खत्म हो जाएगा या जीवित नहीं रहेगा. इसलिए 15 दिन के अंदर ही ऑपरेशन करना होगा. पत्र में आगे उस मां ने लिखा कि उन्होंने इसके बाद एक की जगह 3 डॉक्टरों से अलग-अलग सेंटरों पर जांच कराई. तब भी यही पता चला कि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की दोनों किडनियां नहीं हैं. जिसके बाद उन्होंने शंकर भगवान को जल चढ़ाकर उसे पिया और बेल पत्री का सेवन किया तथा रुद्राक्ष के पानी को चढ़ाकर उसे भी पिया गया. इसके बाद 22 वें दिन में ही उस बच्चे की दोनों किडनी सोनोग्राफी में नजर आने लगीं. जिसे डॉक्टर भी चमत्कार मान रहे हैं. इसके बाद प्रदीप मिश्रा ने शरीर के अंगो का महत्व बताया.

शराब से खराब हो रहीं किडनी : सबसे पहले किडनी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में जितनी मौतें कुएं, बावड़ियों, तालाबों में डूबने से नहीं होती, इतनी मौतें शाम के बाद प्याले में डूबने के कारण होती हैं. इसके लिए चाहे तो सरकार आंकड़ा भी निकाल ले. लोगों को इस गटर रूपी पानी से दूर रहना चाहिए. पंडित प्रदीप मिश्रा यहां एक और उदाहरण देते हुए लोगों को समझाया कि शराब को इसलिए नहीं पीना चाहिए क्योंकि जिस तरह से आप महंगी गाड़ी खरीदते हैं. उसमें घासलेट या गटर का पानी डालकर तो नहीं चलाते. इसी तरह आपका यह शरीर जो करोड़ों का है, इसमें इस गटर के पानी को डालकर क्यों गंदा करते हैं.

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हेलमेट लगाएं और सीट बेल्ट बांधें : पंडित प्रदीप मिश्रा ने लोगों को शरीर का महत्व बताते हुए अन्य उदाहरण भी दिए. उन्होंने कहा कि लोग आज के समय में टू व्हीलर और फोर व्हीलर तो खरीद लेते हैं लेकिन हेलमेट नहीं लगाते. वहीं फोर व्हीलर में सीट बेल्ट भी नहीं लगाते. लाखों- करोड़ों की गाड़ी खरीद ली उस पर स्क्रैच आ जाए तो उनको बड़ा दुख होता है. लेकिन हेलमेट ना लगाने और सीट बेल्ट नहीं पहने से आप का एक्सीडेंट होता है तो उसका जिम्मेदार कौन है. हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने से आपकी जान सुरक्षित रहती है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर भगवान शिव की महिमा बताते हुए कहा कि आपको कर्ज और मर्ज में कोई नहीं पूछता. जब आप कर्ज़ में हो जाता है तो आप भले कितनों के पास चले जाएं लेकिन लोग आपको सिर्फ दिलासा ही देते हैं. कुछ पैसा दे भी दे लेकिन पूरा का पूरा कर्ज कोई नहीं उतरता. इसी तरह स्थिति बीमारी या मर्ज में भी होती है. जब आपका रोग बढ़ जाता है और आप बीमार होते हैं तो आपका साथ देने वाला कोई नहीं होता. इसलिए शिव को एक लोटा जल चढ़ाएं, क्योंकि यह शिव ही है, जो आपके साथ जीवित अवस्था में भी रहते हैं और मरने के बाद श्मशान में भी.

शिव महापुराण कथा के दौरान नशे से दूर रहने की सलाह

भोपाल। कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने नशे से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि लोग 25 हजार के मोबाइल पर कवर चढ़ाते हैं, लेमिनेशन कराते हैं. लेकिन करोड़ों के इस शरीर का ध्यान नहीं रखते और प्याले में डूब जाते हैं. गटर का पानी पीते हैं. यह बात शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने भक्तों से कही. उन्होंने मनुष्य के शरीर का महत्व बताते हुए कहा कि हमारा शरीर करोड़ों का है और इसको गटर के पानी यानी शराब पीकर लोग बर्बाद कर रहे हैं. जिससे उनकी किडनी खराब हो रही हैं. दरअसल, प्रदीप मिश्रा यहां भक्तों के पत्रों को पढ़ रहे थे.

महिला की व्यथा का उल्लेख : पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक पत्र का उल्लेख किया. इसमें एक महिला ने लिखा कि उनके बच्चे को गर्भ में सोनोग्राफी के दौरान डॉक्टरों ने किडनी नहीं होना बताया और कहा था 15 दिवस के अंदर ही बच्चा खत्म हो जाएगा या जीवित नहीं रहेगा. इसलिए 15 दिन के अंदर ही ऑपरेशन करना होगा. पत्र में आगे उस मां ने लिखा कि उन्होंने इसके बाद एक की जगह 3 डॉक्टरों से अलग-अलग सेंटरों पर जांच कराई. तब भी यही पता चला कि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की दोनों किडनियां नहीं हैं. जिसके बाद उन्होंने शंकर भगवान को जल चढ़ाकर उसे पिया और बेल पत्री का सेवन किया तथा रुद्राक्ष के पानी को चढ़ाकर उसे भी पिया गया. इसके बाद 22 वें दिन में ही उस बच्चे की दोनों किडनी सोनोग्राफी में नजर आने लगीं. जिसे डॉक्टर भी चमत्कार मान रहे हैं. इसके बाद प्रदीप मिश्रा ने शरीर के अंगो का महत्व बताया.

शराब से खराब हो रहीं किडनी : सबसे पहले किडनी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में जितनी मौतें कुएं, बावड़ियों, तालाबों में डूबने से नहीं होती, इतनी मौतें शाम के बाद प्याले में डूबने के कारण होती हैं. इसके लिए चाहे तो सरकार आंकड़ा भी निकाल ले. लोगों को इस गटर रूपी पानी से दूर रहना चाहिए. पंडित प्रदीप मिश्रा यहां एक और उदाहरण देते हुए लोगों को समझाया कि शराब को इसलिए नहीं पीना चाहिए क्योंकि जिस तरह से आप महंगी गाड़ी खरीदते हैं. उसमें घासलेट या गटर का पानी डालकर तो नहीं चलाते. इसी तरह आपका यह शरीर जो करोड़ों का है, इसमें इस गटर के पानी को डालकर क्यों गंदा करते हैं.

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हेलमेट लगाएं और सीट बेल्ट बांधें : पंडित प्रदीप मिश्रा ने लोगों को शरीर का महत्व बताते हुए अन्य उदाहरण भी दिए. उन्होंने कहा कि लोग आज के समय में टू व्हीलर और फोर व्हीलर तो खरीद लेते हैं लेकिन हेलमेट नहीं लगाते. वहीं फोर व्हीलर में सीट बेल्ट भी नहीं लगाते. लाखों- करोड़ों की गाड़ी खरीद ली उस पर स्क्रैच आ जाए तो उनको बड़ा दुख होता है. लेकिन हेलमेट ना लगाने और सीट बेल्ट नहीं पहने से आप का एक्सीडेंट होता है तो उसका जिम्मेदार कौन है. हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने से आपकी जान सुरक्षित रहती है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर भगवान शिव की महिमा बताते हुए कहा कि आपको कर्ज और मर्ज में कोई नहीं पूछता. जब आप कर्ज़ में हो जाता है तो आप भले कितनों के पास चले जाएं लेकिन लोग आपको सिर्फ दिलासा ही देते हैं. कुछ पैसा दे भी दे लेकिन पूरा का पूरा कर्ज कोई नहीं उतरता. इसी तरह स्थिति बीमारी या मर्ज में भी होती है. जब आपका रोग बढ़ जाता है और आप बीमार होते हैं तो आपका साथ देने वाला कोई नहीं होता. इसलिए शिव को एक लोटा जल चढ़ाएं, क्योंकि यह शिव ही है, जो आपके साथ जीवित अवस्था में भी रहते हैं और मरने के बाद श्मशान में भी.

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