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भीख मांगने वाले बच्चों को बचाने के लिए कार्यशाला का आयोजन, प्रदेश सरकार जल्द बनाएगी बाल श्रम पंचायत

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Published : Jun 1, 2019, 8:25 AM IST

भोपाल में बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम से बचाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया.

बाल श्रम पर कार्यशाला का आयोजन

भोपाल| बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम से बचाने के लिए प्रदेश सरकार बाल श्रम पंचायत का आयोजन करने जा रही है. इसी के तहत 'प्रदेश में बाल अधिकारों के व्यावसायिक सिद्धांतों विषयक' कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है. उनका कहना है कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में बाल श्रम एक विकराल समस्या बन चुका है. इसके समाधान के लिए बाल श्रम कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा . तभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बचाया जा सकता है.

बाल श्रम पर कार्यशाला का आयोजन

महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि अगले महीने से बाल श्रमिकों के लिए बाल श्रम पंचायतों का आयोजन भी किया जाएगा. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश में पीथमपुर से की जाएगी. श्रम मंत्री ने कहा कि बाल श्रम का मूल कारण गरीबी और अशिक्षा है. इस समस्या के निदान के लिए सर्वप्रथम उन क्षेत्रों को चिन्हित करना होगा. जहां से बाल श्रमिक भारी तादात में आते हैं. ऐसे क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता पैदा करनी होगी. इन बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की भी आवश्यकता है .

कार्यक्रम के दौरान श्रम मंत्री ने सेव द चिल्ड्रन संस्था द्वारा प्रकाशित 'कपास के बच्चे' का विमोचन किया. इस अवसर पर गांधीवादी राजाजी एकता परिषद के अध्यक्ष रणसिंह और श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे .

भोपाल| बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम से बचाने के लिए प्रदेश सरकार बाल श्रम पंचायत का आयोजन करने जा रही है. इसी के तहत 'प्रदेश में बाल अधिकारों के व्यावसायिक सिद्धांतों विषयक' कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है. उनका कहना है कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में बाल श्रम एक विकराल समस्या बन चुका है. इसके समाधान के लिए बाल श्रम कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा . तभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बचाया जा सकता है.

बाल श्रम पर कार्यशाला का आयोजन

महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि अगले महीने से बाल श्रमिकों के लिए बाल श्रम पंचायतों का आयोजन भी किया जाएगा. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश में पीथमपुर से की जाएगी. श्रम मंत्री ने कहा कि बाल श्रम का मूल कारण गरीबी और अशिक्षा है. इस समस्या के निदान के लिए सर्वप्रथम उन क्षेत्रों को चिन्हित करना होगा. जहां से बाल श्रमिक भारी तादात में आते हैं. ऐसे क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता पैदा करनी होगी. इन बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की भी आवश्यकता है .

कार्यक्रम के दौरान श्रम मंत्री ने सेव द चिल्ड्रन संस्था द्वारा प्रकाशित 'कपास के बच्चे' का विमोचन किया. इस अवसर पर गांधीवादी राजाजी एकता परिषद के अध्यक्ष रणसिंह और श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे .

Intro:बाल श्रमिकों के लिए प्रदेश सरकार जल्द बुलाएगी बाल श्रम पंचायत


भोपाल | राजधानी में पिछले कुछ दिनों से लगातार भीख मांगने वाले बच्चों को पकड़ा जा रहा है . भोपाल कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव की पहल पर इस तरह के बच्चों को बचाने का काम किया जा रहा है जो मजबूरी बस शिक्षा की राह छोड़कर भीख मांगने पर मजबूर है तो वही अब बाल श्रम करने वाले बच्चों के भविष्य को देखते हुए प्रदेश सरकार भी बाल श्रम पंचायत का आयोजन करने जा रही है .बच्चों को बाल श्रम से किस तरह बचाया जाए और उनके लिए प्रदेश सरकार क्या कर सकती है . इसे देखते हुए राजधानी में" प्रदेश में बाल अधिकारों के व्यावसायिक सिद्धांतों विषयक " कार्यशाला का आयोजन किया गया .इस कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया .


Body:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है . भारत ही नहीं पूरे विश्व में बाल श्रम एक विकराल समस्या बन चुका है . इसके समाधान के लिए बाल श्रम कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा . तभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बचाया जा सकता है . उन्होंने कहा कि अगले महीने से बाल श्रमिकों के लिए बाल श्रम पंचायतों का आयोजन भी किया जाएगा . इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश में पीथमपुर से की जाएगी .


श्रम मंत्री ने कहा कि बाल श्रम का मूल कारण गरीबी और अशिक्षा है . इस समस्या के निदान के लिए सर्वप्रथम उन क्षेत्रों को चिन्हित करना होगा जहां से बाल श्रमिक भारी तादात में आते हैं . ऐसे क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता पैदा करनी होगी . इन बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की भी आवश्यकता है .


Conclusion:श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि राज्य सरकार बाल श्रमिकों के उत्थान एवं उनके शोषण की रोकथाम के लिए सजग होकर कार्य कर रही है . समाज के सभी वर्गों को सरकार के साथ बाल श्रम रोकने के लिए आगे आना होगा . प्रदेश में श्रमोदय विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चे अच्छे स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं . मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप मध्य प्रदेश में 6 नए श्रमोदय विद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है . इन विद्यालयों में निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निशुल्क उत्कृष्ट शिक्षा दी जाएगी . बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है .

कार्यक्रम के दौरान श्रम मंत्री ने" सेव द चिल्ड्रन " संस्था द्वारा प्रकाशित पुस्तक " कपास के बच्चे " का विमोचन भी किया . इस अवसर पर गांधीवादी राजा जी, एकता परिषद के अध्यक्ष रणसिंह एवं श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य रूप से मौजूद रहे .

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