भोपाल। राजभवन में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए ''मध्य प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों की नई ग्रेडिंग का सूत्रपात'' नाम से कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पहले तकनीकी सत्र को NAC के चेयरमैन बीएस चौहान और हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति आरपी तिवारी ने संबोधित किया. दूसरे सत्र में कुलपतियों के साथ समूह का गठन किया गया. इस तरह सात विषयों पर समूह ने विचार-विमर्श कर राज्यपाल को कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्व में बदलते शिक्षा के मानकों पर खरे उतरने वाले शिक्षा संस्थान ही भविष्य में अस्तित्व में रह पाएंगे. राज्यपाल ने कहा कि समय की मांग है कि कुलपति शिक्षा को बेहतर करने के लिए उच्च मापदण्ड निर्धारित करें. अनुशासन को मजबूत बनाएं. स्वायत्तता का उपयोग शिक्षा के नए विचारों, शोध और संसाधनों को जुटाने में करें. नई शिक्षा नीति के अनुसार नए पाठ्यक्रम शुरू करें.
उन्होंने कहा कि सरकार का बजट सीमित होता है. अनेक योजनाओं में अनुदान की राशि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास उपलब्ध है. आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर आयोग के पास भेजे गए हैं. राज्यपाल ने कहा कि शोध कार्य से संसाधन जुटा सकते हैं. प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय ने अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर इस दिशा में प्रयास किया है.
राज्यपाल टंडन ने कहा कि भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए युवाओं को अच्छे से अच्छे मानव संसाधन उपलब्ध कराना विश्वविद्यालयों का काम है. उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ यह भी याद रखें कि हम अपनी जड़ों से दूर न हो जाएं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के आधार पर ही प्राचीन भारत को जगतगुरू कहा जाता था.