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NAC ग्रेडिंग की पहल नहीं करने पर कुलपति होंगे जिम्मेदार: राज्यपाल लालजी टंडन

राजभवन में उच्च शिक्षा में सुधार करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल ने कहा कि नैक ग्रेडिंग की पहल नहीं करने पर कुलपति जिम्मेदार होंगे.

राजभवन में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन
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Published : Sep 16, 2019, 9:33 AM IST

भोपाल। राजभवन में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए ''मध्य प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों की नई ग्रेडिंग का सूत्रपात'' नाम से कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पहले तकनीकी सत्र को NAC के चेयरमैन बीएस चौहान और हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति आरपी तिवारी ने संबोधित किया. दूसरे सत्र में कुलपतियों के साथ समूह का गठन किया गया. इस तरह सात विषयों पर समूह ने विचार-विमर्श कर राज्यपाल को कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

organized workshop to improve higher education at raj bhavan in bhopal
राजभवन में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन


राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्व में बदलते शिक्षा के मानकों पर खरे उतरने वाले शिक्षा संस्थान ही भविष्य में अस्तित्व में रह पाएंगे. राज्यपाल ने कहा कि समय की मांग है कि कुलपति शिक्षा को बेहतर करने के लिए उच्च मापदण्ड निर्धारित करें. अनुशासन को मजबूत बनाएं. स्वायत्तता का उपयोग शिक्षा के नए विचारों, शोध और संसाधनों को जुटाने में करें. नई शिक्षा नीति के अनुसार नए पाठ्यक्रम शुरू करें.
उन्होंने कहा कि सरकार का बजट सीमित होता है. अनेक योजनाओं में अनुदान की राशि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास उपलब्ध है. आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर आयोग के पास भेजे गए हैं. राज्यपाल ने कहा कि शोध कार्य से संसाधन जुटा सकते हैं. प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय ने अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर इस दिशा में प्रयास किया है.

राज्यपाल टंडन ने कहा कि भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए युवाओं को अच्छे से अच्छे मानव संसाधन उपलब्ध कराना विश्वविद्यालयों का काम है. उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ यह भी याद रखें कि हम अपनी जड़ों से दूर न हो जाएं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के आधार पर ही प्राचीन भारत को जगतगुरू कहा जाता था.

भोपाल। राजभवन में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए ''मध्य प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों की नई ग्रेडिंग का सूत्रपात'' नाम से कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पहले तकनीकी सत्र को NAC के चेयरमैन बीएस चौहान और हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति आरपी तिवारी ने संबोधित किया. दूसरे सत्र में कुलपतियों के साथ समूह का गठन किया गया. इस तरह सात विषयों पर समूह ने विचार-विमर्श कर राज्यपाल को कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

organized workshop to improve higher education at raj bhavan in bhopal
राजभवन में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन


राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्व में बदलते शिक्षा के मानकों पर खरे उतरने वाले शिक्षा संस्थान ही भविष्य में अस्तित्व में रह पाएंगे. राज्यपाल ने कहा कि समय की मांग है कि कुलपति शिक्षा को बेहतर करने के लिए उच्च मापदण्ड निर्धारित करें. अनुशासन को मजबूत बनाएं. स्वायत्तता का उपयोग शिक्षा के नए विचारों, शोध और संसाधनों को जुटाने में करें. नई शिक्षा नीति के अनुसार नए पाठ्यक्रम शुरू करें.
उन्होंने कहा कि सरकार का बजट सीमित होता है. अनेक योजनाओं में अनुदान की राशि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास उपलब्ध है. आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर आयोग के पास भेजे गए हैं. राज्यपाल ने कहा कि शोध कार्य से संसाधन जुटा सकते हैं. प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय ने अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर इस दिशा में प्रयास किया है.

राज्यपाल टंडन ने कहा कि भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए युवाओं को अच्छे से अच्छे मानव संसाधन उपलब्ध कराना विश्वविद्यालयों का काम है. उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ यह भी याद रखें कि हम अपनी जड़ों से दूर न हो जाएं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के आधार पर ही प्राचीन भारत को जगतगुरू कहा जाता था.

Intro:
नैक ग्रेडिंग की पहल नहीं करने पर कुलपति होंगे जिम्मेदार = राज्यपाल

भोपाल | राजभवन में उच्च शिक्षा उन्नयन प्रयासों की श्रंखला में " मध्य प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों की नई ग्रेडिंग का सूत्रपात " नाम से कार्यशाला का आयोजन किया गया . कार्यशाला में प्रथम तकनीकी सत्र को नेक के चेयरमैन बीएस चौहान और हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति आरपी तिवारी ने संबोधित किया. दूसरे सत्र में कुल पतियों के साथ समूह का गठन किया गया 7 विषयों पर समूह द्वारा विचार विमर्श कर राज्यपाल को कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया .

कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि विकास का सिद्धांत समय अनुसार परिवर्तन ही है. जो समय के साथ नहीं चलेंगे, वे मुख्य-धारा से बाहर हो जायेंगे . उन्होंने कहा कि विश्व में बदलते शैक्षणिक मानकों पर खरे उतरने वाले शिक्षा संस्थान ही भविष्य में अस्तित्व में रह पाएंगे. राज्यपाल ने कहा कि समय की माँग है कि कुलपति शैक्षणिक गुणवत्ता के उच्च मापदण्ड निर्धारित करें . अनुशासन के वातावरण को मजबूत बनायें . स्वायत्तता का उपयोग शैक्षणिक नवाचारों, शोध और संसाधनों को जुटाने में करें . नई शिक्षा नीति के अनुसार नये पाठ्यक्रम शुरू करें .



Body:राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग के लिए प्रयास करना कुलपतियों का उत्तरदायित्व है . कुलपतियों को शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने, समय अनुसार नये प्रयोग और शोध करने, रिक्त पदों की पूर्ति, शैक्षणिक कैलेण्डर लागू करने, विद्यार्थियों को रोजगारपरक उच्चतम ज्ञान देने और बुनियादी सुविधाएँ जुटाने के लिए जवाबदारी के साथ कठोर और नवाचारी कार्य करने होंगे .

राज्यपाल ने कहा कि कर्मठ कुलपतियों को भरपूर संरक्षण और सहयोग मिलेगा . स्व-प्रेरणा और परिणाम के अभाव में कुलपतियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित की जाएगी .

लालजी टंडन ने कहा कि जो बीत गया, उसे भूलकर नये जोश के साथ उज्जवल भविष्य के लिए प्रयास करें . उन्होंने कहा कि सरकार का बजट सीमित होता है . अनेक योजनाओं में अनुदान की राशि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास उपलब्ध है . आवश्यकता मानक प्रस्ताव तैयार कर आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने की है .

उन्होंने कहा कि शोध कार्य द्वारा भी संसाधन जुटा सकते हैं. सूचना क्रांति के इस युग में उच्च स्तरीय ज्ञान का प्रसार भी आय का माध्यम बन गया है. विद्वतापूर्ण व्याख्यान विचार और शोध को दुनिया में प्रसारित किया जा सकता है. कौशल उन्नयन, उद्यमिता आधारित पाठ्यक्रम का संचालन भी महत्वपूर्ण संसाधन है. प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय ने अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर इस दिशा में प्रयास किया है. उनका सहयोग निजी क्षेत्र का संस्थान 1000 करोड़ रूपए का वेंचर फण्ड भी उपलब्ध करा रहा है.
Conclusion:राज्यपाल टंडन ने कहा कि भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है . इसलिए युवा शक्ति को गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन उपलब्ध कराने का दायित्व विश्वविद्यालयों का है. उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ यह भी याद रखें कि हम अपनी जड़ों से दूर न हो जायें. शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के आधार पर ही प्राचीन भारत को जगतगुरू कहा जाता था. करीब आधी दुनिया हजारों वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में भारत के योगदान को स्वीकारती है. ऐसे भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में युवा पीढ़ी को अवगत कराने का प्रयास करें. इससे राष्ट्रीय स्वाभिमान जागृत होगा और देश के अनुरूप शिक्षण पद्धति विकसित होगी.

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में नैक उदारता,सुधारता और पात्रता के फार्मूले का पालन कर विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग के लिए मार्गदर्शन देगी. उन्होंने कुलपतियों से कहा कि नैक की ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए शैक्षणिक वातावरण और व्यापक चिंतन जरूरी है.
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