भोपाल। प्रदेश के संविदा कर्मचारी अपनी नियमितीकरण की मांग पर अड़ गए हैं. संविदा कर्मचारियों का कहना है कि जो अतिथि विद्वान आंदोलन कर नियमितीकरण की मांग कर रहे है. वह किसी चयन प्रक्रिया या फिर परीक्षा के माध्यम से नहीं चुने गए हैं. इसलिए संविदा कर्मियों का नियमितीकरण पहले होना चाहिए. साथ ही कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वे सभी मजबूरन आंदोलन करेंगे.
इस मामले में मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश के जितने भी संविदा कर्मचारी विभाग, परियोजना और योजनाओं में कार्यरत हैं, वह सभी विधिवत चयन प्रक्रिया और परीक्षा के माध्यम से आए हैं. सभी कर्मचारी शासन के नियमित कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं. उनके समान ही कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश शासन सबसे पहले संविदा कर्मचारियों की ओर ध्यान दें, वे सभी विधिवत चयन प्रक्रिया के माध्यम से आए हैं. इसलिए सबसे पहला हक संविदा कर्मचारियों का बनता है.
उन्होंने कहा कि वे सभी प्रदेश शासन के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से मांग कर रहे है कि सबसे पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए. उसके बाद अन्य कर्मचारियों को नियमित किया जाए. जिससे कि प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को वचन पत्र का लाभ मिले. अन्यथा कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.