भोपाल। विदेश में बसे अप्रवासी भारतीयों की निगाह में बजट में इस बात पर खास फोकस रखा गया है कि, फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट किस तरह से बढ़े. हांलाकि चुनाव के पहले का आखिरी बजट लेकिन इसके बावजूद भी फ्री बी स्कीम पर जोर नहीं रहा सरकार का. विदेशों में बसे भारतीयों ने इसकी भी सराहना की है. कर में छूट से मिडिल क्लास को राहत और भारत की इकॉनोमी की अहम हिस्सा किसानों के लिए बजट में कई सौगातें दी गई हैं.
एफडीआई के इस्तेमाल में मदद: अर्थशास्त्र के जानकार जयदीप बंसल ने लंदन से ईटीवी भारत से बातचीत में चुनाव से पहले के इस बजट मे उम्मीद की जा रही थी कि, बहुत लोकलुभावन बजट होगा. लेकिन सरकार ने बहुत स्थिरता का परिचय दिया है बजट में. पूरे बजट में कोई बड़ा जोखिम सरकार ने लिया हो ऐसा दिखाई नहीं देता. ये एक स्थिर बजट है. फॉरेन फाइनेशियल इन्वेस्टमेंट के नजरिए से भी पूरे विश्व की निगाहें इस बजट पर लगी हुई थी. मुझे लगता है कि फॉरेन इन्वेंस्टर्स भी निराश नहीं हुए.
मॉडरेट से गुड के बीच बजट: जयदीप बंसल ने कहा कि चुनाव के पहले ये आखिरी पूर्ण बजट है. इसके बावजूद बहुत फ्री बी स्कीम के जरिए बजट को लोकलुभावन बनाने की कोशिश नहीं हुई. सरकार का फिजीकल डिफिशिट बढ़ा है बेशक, लेकिन उस गैप को भरने की भी पूरी कोशिश की गई है. जयदीप कहते हैं मैं इस बजट को मॉडरेट से गुड के बीच में रखता हूं.
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विदेशी निवेश को आकर्षित करने का प्रयास: मोदी सरकार लगातार इस बात के प्रयास कर रही है कि,किस तरह से विदेशी निवेश ज्यादा से ज्यादा बढ़े. इसके लिए भारत में व्यापार के जो नियम कायदे हैं. उन्हें आसान किया जा रहा है. जिससे नए सैक्टर में भी तेजी से विदेशी निवेश बढ़ाया जा सके. पेश हुए बजट में फार्मा सैक्टर में विदेशी निवेश के लिए सरकार ने खास प्रावधान किया है. फार्मा सैक्टर मे विदेशी निवेश लाने के लिए बाकायदा कार्यक्रम चलाया जाएगा.