भोपाल. व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापम (Vyapam 2012) द्वारा 2012 में आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले में एक युवक ने लिखित परीक्षा में अपने स्थान पर किसी अन्य को सॉल्वर बनाकर परीक्षा पास की और नौकरी भी हासिल कर ली थी. 2012 में पास होने के बाद से वह 9 सालों तक पुलिस विभाग में नौकरी करता रहा. ग्वालियर में पदस्थापना के समय जब उसकी शिकायत हुई तब पूरे मामले का खुलासा हुआ.
इस तरह हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
भोपाल के मिसरोद (Misrod) थाना प्रभारी रासबिहारी शर्मा ने बताया कि थाना क्षेत्र के आरकेडीएफ कॉलेज में साल में 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा की लिखित परीक्षा हुई थी. इस परीक्षा में अमित सिंह नाम के एक युवक का रजिस्ट्रेशन था. व्यापम द्वारा आयोजित इस परीक्षा में अमित सिंह पास हो गया था, जिसके बाद में उसे बतौर आरक्षक सागर में पहली पोस्टिंग दे दी गई. उसने कई सालों तक सागर में नौकरी की, जिसके बाद उसका तबादला ग्वालियर हो गया. ग्वालियर में नौकरी के दौरान धर्मेन्द्र नामक व्यक्ति ने शिकायत कर बताया कि अमित ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में किसी दूसरे व्यक्ति को बैठाया था.
जांच में सही साबित हुए आरोप
शिकायत के बाद विभाग ने जांच कराई. पता चला कि यह परीक्षा में भोपाल के आरकेडीएफ कॉलेज में आयोजित की गई थी. जांच करने पर यह शिकायत सही पाई गई और ग्वालियर में विश्वविद्यालय थाने में अमित सिंह के खिलाफ जीरो पर कायमी कर ली गई. फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने का आरोप लगने के बाद आरक्षक को बर्खास्त कर दिया गया. क्योंकि परीक्षा केन्द्र भोपाल में था इसलिए जीरो पर कायम प्रकरण को भोपाल भेज दिया गया. अब मिसरोद पुलिस ने अमित सिंह व उसके साथी सॉल्वर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है. पुलिस जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी के लिए ग्वालियर जाएगी.