भोपाल। प्रदेश में होने जा रही बोर्ड परीक्षाओं में बच्चों को परीक्षा के तनाव से बचाने के लिए मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संयुक्त रुप से ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रिंसिपल समेत प्राचार्यों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें उन्हें बच्चों को तनाव से बचाने लिए काउंसलिंग करने का प्रशिक्षण दिया गया.
बाल आयोग के सदस्य बृजेश सिंह चौहान ने बताया कि, एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रदेश के 51 डाइट प्रिंसिपल, 314 ब्लॉक शिक्षा अधिकारी समेत सीटीसी प्रशिक्षण के 9 प्राचार्यों को बुलाया गया है. इसके अलावा उन्होंने करीब 200 से ज्यादा स्कूलों का निरीक्षण किया. जिसके सर्वे में सामने आया है कि, कई बार बच्चें परीक्षा की प्रेशर में आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं. ऐसा तमाम घटनाओं पर आयोग ने चिंता जाहिर की है. जिसके चलते उक्त टीचर्स को परीक्षण दिया गया है, जिसमें बच्चों को कैसे परीक्षा के बारे में कैसे समझाएं और उसका प्रेशर मैनेजमेंट जैसी बातें बताई गईं. सभी टीचर्स यहां से मास्टर ट्रेनर बनकर जाएंगे और संकुल और आगे के स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, इस साल परीक्षा को पर्व की तरह मनाएं.
बता दें पहले सरकार ने इसके लिए काउंसलर नियुक्त किए थे और वह काउंसलर सीधे परीक्षार्थियों से बात करते थे. लेकिन सरकार के पास अमला कम होने के चलते अब आयोग ने शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है. जो काउंसलर की भूमिका निभाएंगे. साथ ही बच्चों से बातचीत करते हुए एक ब्रिज की तरह काम करेंगे.