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बिना दवाई के भी ठीक हो सकती हैं ये बीमारियां, डॉक्टर ने बताए एक से बढ़कर एक उपाय

एम्स के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह ने बताया कि वर्कशॉप में प्रदेश के सभी सीनियर डॉक्टर्स मौजूद रहे. वर्कशॉप में एंटी मैक्रोब्रियल रेसिस्टेंट पॉलिसी के बारे में बताया गया और यह सभी वरिष्ठ डॉक्टर्स अपने जिलों के बाकी डॉक्टर्स को ट्रेंड करेंगे साथ ही आम जनता तक भी यह बात पहुंचायी जाएगी.

डॉ सरमन सिंह एम्स डायरेक्टर
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Published : Apr 24, 2019, 12:23 AM IST

भोपाल। एंटी बायोटिकस का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है. इसकी गलत जानकारी से मरीज को नुकसान ही होता है. एंटीबायोटिक्स के सही उपयोग के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से नेशनल स्वास्थ्य मिशन ने एम्स में आज एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया.

बाइट

एम्स के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह ने बताया कि वर्कशॉप में प्रदेश के सभी सीनियर डॉक्टर्स मौजूद रहे. वर्कशॉप में एंटी मैक्रोब्रियल रेसिस्टेंट पॉलिसी के बारे में बताया गया और यह सभी वरिष्ठ डॉक्टर्स अपने जिलों के बाकी डॉक्टर्स को ट्रेंड करेंगे साथ ही आम जनता तक भी यह बात पहुंचायी जाएगी. लोगों को भ्रम रहता है कि बिना दवाई लिए वह ठीक नहीं हो सकते जबकि साधारण सर्दी-जुकाम में बिना दवाई लिए ही मरीज ठीक हो सकता है.


एनएचएम के संयुक्त संचालक डॉ पंकज शुक्ला ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में एंटी बायोटिक का इस्तेमाल बहुत खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. जिसके लिए जागरूकता लाना बहुत जरूरी है. ऐसी अभी तक चार वर्कशॉप हो चुके है. इनके क्या परिणाम निकले इसके लिए भी जल्द ही एक रिसर्च की जाएगी ताकि इनके इम्पैक्ट के बारे में पता चल सके.

भोपाल। एंटी बायोटिकस का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है. इसकी गलत जानकारी से मरीज को नुकसान ही होता है. एंटीबायोटिक्स के सही उपयोग के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से नेशनल स्वास्थ्य मिशन ने एम्स में आज एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया.

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एम्स के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह ने बताया कि वर्कशॉप में प्रदेश के सभी सीनियर डॉक्टर्स मौजूद रहे. वर्कशॉप में एंटी मैक्रोब्रियल रेसिस्टेंट पॉलिसी के बारे में बताया गया और यह सभी वरिष्ठ डॉक्टर्स अपने जिलों के बाकी डॉक्टर्स को ट्रेंड करेंगे साथ ही आम जनता तक भी यह बात पहुंचायी जाएगी. लोगों को भ्रम रहता है कि बिना दवाई लिए वह ठीक नहीं हो सकते जबकि साधारण सर्दी-जुकाम में बिना दवाई लिए ही मरीज ठीक हो सकता है.


एनएचएम के संयुक्त संचालक डॉ पंकज शुक्ला ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में एंटी बायोटिक का इस्तेमाल बहुत खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. जिसके लिए जागरूकता लाना बहुत जरूरी है. ऐसी अभी तक चार वर्कशॉप हो चुके है. इनके क्या परिणाम निकले इसके लिए भी जल्द ही एक रिसर्च की जाएगी ताकि इनके इम्पैक्ट के बारे में पता चल सके.

Intro:भोपाल- साधारण से सर्दी-जुखाम में एंटी बायोटिक दवाएं लेना हमेशा सही नहीं होता। अगर डॉक्टर मरीज को बिना किसी दवाई की सलाह के कुछ उपायों से ही इलाज करने कहता है तो वह एकदम सही कहता है। एंटी बायोटिकस का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसकी गलत जानकारी से मरीज को नुकसान ही होता है,इसी बात को प्रदेश के चिकित्सकों तक पहुँचाने के लिए नेशनल स्वास्थ्य मिशन ने एम्स में आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।


Body:इस बारे में एम्स के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह ने बताया कि इसमें प्रदेश के सभी सीनियर डॉक्टर्स आये है। इस कार्यशाला में एंटी मैक्रोब्रियल रेसिस्टेंट पालिसी के बारे में बताया जाएगा और यह सभी वरिष्ठ चिकित्स अपने जिलों के बाकी डॉक्टर्स को ट्रेन करेंगे। साथ ही आम जनता तक भी यह बात पहुँचायी जाएंगी,क्योंकि लोगों को भम्र रहता है कि बिना दवाई लिए वह ठीक नहीं हो सकते जबकि साधारण सर्दी-जुकाम में बिना दवाई लिए ही मरीज ठीक हों सकता है।


Conclusion:वही एन एच एम के संयुक्त संचालक डॉ पंकज शुक्ला ने इस बारे में जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में एंटी बायोटिक का प्रयोग बहुत खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है जिसके लिए जागरूकता लाना बहुत जरूरी है,इसी उद्देश्य से आज इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया। ऐसी अभी तक 4 कार्यशाला हो चुकी है। इनके क्या परिणाम निकले इसके लिए भी जल्द ही एक रिसर्च की जाएगी ताकि इनके इम्पैक्ट के बारे में पता चल सके।
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