ETV Bharat / state

खटलापुर हादसे से प्रशासन ने नहीं लिया सबक, डेढ़ माह बाद भी स्थिति जस की तस

भोपाल में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दीपोत्सव मनाया. इस दौरान हर उम्र के लोगों ने घाटों पर दीपदान किया.

एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल
author img

By

Published : Nov 13, 2019, 10:03 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 10:17 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के खटलापुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दीपोत्सव मनाया. इस दौरान हर उम्र के लोगों ने घाटों पर दीपदान किया, लेकिन जलाशयों के घाटों पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखी. घाटों पर न निगम अमला रहा और न एसडीआरएफ, एनडीआरएफ टीमें तैनात दिखी.

खटलापुर हादसे से प्रशासन ने नहीं लिया सबक

कार्तिक पूर्णिमा के चलते लोग तालाब में बिना किसी गाइडलाइन के ही दीपदान कर रहे थे. कई लोग सीढ़ियों पर पानी के करीब बैठकर पूजा-अर्चना कर रहे थे, इस दौराान लोगों को रोकने, समझाने वाला कोई नहीं था. इसके अलावा यहां किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी और न ही निगम के गोताखोर वहां मौजूद रहे. कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया. इस मौके पर जगह-जगह पूजा अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही मंदिरों में कथा-पाठ का आयोजन किया गया.

स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का किया था दावा
खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के बाद से प्रशासन की ओर से इस बात का दावा किया गया था कि तालाबों के किनारे जितने भी तीज त्योहार आयोजित किए जाएंगे, उस दौरान प्रशासन की ओर से बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, लेकिन मात्र डेढ़ महीने बीते जाने के बाद से ही सरकार के सारे दावे हवा हो गए.

गणेश विर्सजन के दौरान 11 लोगों की डूबने से हुई थी मौत
खटलापुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान इसी तरह की लापरवाही बरतने पर 11 लोगों की जान चली गई थी, जिसकी जांच अभी भी जारी है और दोषियों पर कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन खटलापुरा घाट की घटना के डेढ़ महीने बाद ही स्थिति जस की तस बनी हुई है.

भोपाल। राजधानी भोपाल के खटलापुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दीपोत्सव मनाया. इस दौरान हर उम्र के लोगों ने घाटों पर दीपदान किया, लेकिन जलाशयों के घाटों पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखी. घाटों पर न निगम अमला रहा और न एसडीआरएफ, एनडीआरएफ टीमें तैनात दिखी.

खटलापुर हादसे से प्रशासन ने नहीं लिया सबक

कार्तिक पूर्णिमा के चलते लोग तालाब में बिना किसी गाइडलाइन के ही दीपदान कर रहे थे. कई लोग सीढ़ियों पर पानी के करीब बैठकर पूजा-अर्चना कर रहे थे, इस दौराान लोगों को रोकने, समझाने वाला कोई नहीं था. इसके अलावा यहां किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी और न ही निगम के गोताखोर वहां मौजूद रहे. कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया. इस मौके पर जगह-जगह पूजा अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही मंदिरों में कथा-पाठ का आयोजन किया गया.

स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का किया था दावा
खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के बाद से प्रशासन की ओर से इस बात का दावा किया गया था कि तालाबों के किनारे जितने भी तीज त्योहार आयोजित किए जाएंगे, उस दौरान प्रशासन की ओर से बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, लेकिन मात्र डेढ़ महीने बीते जाने के बाद से ही सरकार के सारे दावे हवा हो गए.

गणेश विर्सजन के दौरान 11 लोगों की डूबने से हुई थी मौत
खटलापुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान इसी तरह की लापरवाही बरतने पर 11 लोगों की जान चली गई थी, जिसकी जांच अभी भी जारी है और दोषियों पर कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन खटलापुरा घाट की घटना के डेढ़ महीने बाद ही स्थिति जस की तस बनी हुई है.

Intro:एक बार फिर सुरक्षा की खुली पोल ,कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाएं करती रही दीपदान, सुरक्षा में तैनात जवान दिखे नदारद


भोपाल | कार्तिक पूर्णिमा का पर्व शहर में श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया जगह-जगह पूजा अर्चना एवं कथा पाठ के धार्मिक अनुष्ठान किए गए मंदिरों में इस दौरान भारी भीड़ भी देखी गई साथी सभी बड़े जलाशयों में भी देर रात तक लोगों का तांता लगा रहा लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दौरान एक बार फिर नगर निगम , एसडीआरएफ, एनडीआरएफ कि टीमें इन क्षेत्रों से नदारद दिखाई दी .

शहर के खटला पुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान इसी तरह की लापरवाही बरतने पर 11 लोगों की जान चली गई थी जिसकी जांच अभी भी जारी है और दोषियों पर कार्यवाही का इंतजार किया जा रहा है लेकिन खटलापुरा घाट की घटना के डेढ़ महीने बाद ही स्थिति जस की तस हो गई है . Body:कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हिंदू परंपराओं के अनुसार व्रत रखने वाली महिलाएं परिवार के साथ तालाबों पर पहुंचकर घी के दीपक जलाते हैं और इन दीपों को इन तालाबों के जल में विसर्जित किया जाता है इस दीपदान के दौरान हजारों की संख्या में लोग इन तालाबों पर पहुंचते हैं देर रात भी शीतल दास की बगिया पर शहर के हजारों लोगों ने यहां पहुंचकर दीपदान किया लेकिन ताज्जुब की बात यह थी कि इस त्योहार पर सुरक्षा में तैनात रहने वाली एजेंसियां नदारद थी. Conclusion:यहां पर लोग तालाब में बिना किसी गाइडलाइन के ही दीपदान कर रहे थे कई लोग सीढ़ियों पर पानी के करीब ही बैठे हुए थे जिन्हें रोकने या समझाने वाला कोई भी व्यक्ति यहां पर मौजूद नहीं था यदि इस बीच में कोई बड़ा हादसा हो जाता तो शायद उसे बचाना मुश्किल हो सकता था क्योंकि ना तो यहां पर किसी प्रकार से कोई सुरक्षा की गई थी और ना ही सुरक्षा में तैनात रहने वाले नगर निगम के गोताखोर मौजूद थे इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का दल भी यहां पर तैनात नहीं था जबकि प्रशासन की ओर से इस बात का दावा किया गया था कि तालाबों के किनारे जितने भी तीज त्यौहार आयोजित किए जाएंगे उस दौरान प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्था रहेगी और सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी लेकिन मात्र डेढ़ महीने में ही यह सारे दावे हवा हो चले हैं .


यहां मौजूद लोगों ने बताया कि कुछ देर के लिए नगर निगम के गोताखोरों का एक दल जरूर आया था लेकिन वह भी थोड़ी देर रुकने के बाद यहां से चला गया अब ना तो यहां पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद है और ना ही सुरक्षा देने के लिए किसी भी विभाग की टीम स्थिति यह है कि ऐसी स्थिति में यदि कोई हादसा हो जाता है तो उसे बचाने वाला भी कोई नहीं है .

बड़े तालाब पर बनी शीतल दास की बगिया पर हर तीज त्यौहार के दिन लोगों के द्वारा दीपदान किया जाता है इस दौरान कई लोग भगवान को नोखा बिहार भी कराते हैं लेकिन ताज्जुब की बात है कि इतने बड़े त्यौहार के दिन भी यहां पर नाम मात्र की सुरक्षा नहीं दिखाई दी है तालाब में भी प्रशासन के द्वारा वोट पर तैनात टीम का दावा किया गया था जिसमें बताया गया था कि तालाब में करीब 5 वोट तैनात रहती है जो हमेशा यहां पर नजर रखती है लेकिन जिस समय महिलाएं तालाब किनारे बैठ कर पूजा-अर्चना कर रही थी उस समय कोई भी वोट यहां पर मौजूद नहीं थी .
Last Updated : Nov 13, 2019, 10:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.