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2018 के मुकाबले 2019 में कम हुए सड़क हादसे, मौत का ग्राफ भी गिरा

पुलिस ने 2019 के साल की शुरूआत से ही सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है, नतीजा ये रहा कि 2018 के सड़क हादसों के आंकड़ों के मुकाबले 2019 के आंकड़ों में कमी देखने को मिली.

pradeep chouhan ssp
प्रदीप चौहान, एएसपी ट्रैफिक, भोपाल
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Published : Jan 8, 2020, 5:15 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 5:37 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में सड़क हादसे होना आम बात है, आए दिन कहीं न कहीं सड़क हादसे होते रहते हैं. 2018 में हादसों की बात करें तो राजधानी की सड़कों पर रोजाना औसतन एक व्यक्ति की हादसे में मौत हुई थी, जबकि 2019 में इन आकड़ों में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मशक्कत शुरू कर दी थी. रोकथाम के लिए DIG की तरफ से भी ट्रैफिक पुलिस को हादसों में कमी लाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके चलते सड़क हादसों और मरने वालों की संख्या में 2018 के मुकाबले 2019 में कमी आई.

हादसों और मौत का गिरा ग्राफ

ट्रैफिक पुलिस की मानें तो 2018 में जिन जगहों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए, उन्हें ब्लैक स्पॉट मानते हुए चिह्नित किया गया और ब्लैक स्पॉट पर चेकपॉइंट सहित कई तरह की रणनीति बनाई. जिसके बाद हादसों में कमी भी आई है, ट्रैफिक पुलिस का ये भी कहना है कि 2019 के ब्लैक स्पॉट को भी चिह्नित किया जाएगा, ताकि 2020 में भी हादसों का ग्राफ और कम हो सके.

आंकड़ों की नजर से

  • 2018 में 3508 हादसे हुए, जबकि 2019 में 3280 सड़क हादसे हुए.
  • 2018 में सड़क हादसों में 327 लोगों की मौत हुई, जबकि 2019 में 257 लोगों की मौत हुई.
  • 2018 में सड़क हादसों में 3001 लोग घायल हुए तो वहीं 2019 में 2588 लोग घायल हुए.

पुलिस ने 2019 में हर साल के मुकाबले चेकिंग भी ज्यादा की थी, साथ ही ट्रैफिक नियमों को लेकर भी कई अवेयरनेस कैंपेन चलाये थे, जिसके चलते 2019 के आंकड़ों में कमी आई है. हालांकि, ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि 2020 में भी हादसों में कमी लाई जाएगी. लोगों को और जागरूक किया जाएगा और सख्ती से नियम का पालन करवाया जाएगा. ऐसे में देखना होगा कि ट्रैफिक पुलिस हादसों और इसमें मरने वालों के संख्या को किस हद तक कम करने में कामयाब हो पाती है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में सड़क हादसे होना आम बात है, आए दिन कहीं न कहीं सड़क हादसे होते रहते हैं. 2018 में हादसों की बात करें तो राजधानी की सड़कों पर रोजाना औसतन एक व्यक्ति की हादसे में मौत हुई थी, जबकि 2019 में इन आकड़ों में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मशक्कत शुरू कर दी थी. रोकथाम के लिए DIG की तरफ से भी ट्रैफिक पुलिस को हादसों में कमी लाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके चलते सड़क हादसों और मरने वालों की संख्या में 2018 के मुकाबले 2019 में कमी आई.

हादसों और मौत का गिरा ग्राफ

ट्रैफिक पुलिस की मानें तो 2018 में जिन जगहों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए, उन्हें ब्लैक स्पॉट मानते हुए चिह्नित किया गया और ब्लैक स्पॉट पर चेकपॉइंट सहित कई तरह की रणनीति बनाई. जिसके बाद हादसों में कमी भी आई है, ट्रैफिक पुलिस का ये भी कहना है कि 2019 के ब्लैक स्पॉट को भी चिह्नित किया जाएगा, ताकि 2020 में भी हादसों का ग्राफ और कम हो सके.

आंकड़ों की नजर से

  • 2018 में 3508 हादसे हुए, जबकि 2019 में 3280 सड़क हादसे हुए.
  • 2018 में सड़क हादसों में 327 लोगों की मौत हुई, जबकि 2019 में 257 लोगों की मौत हुई.
  • 2018 में सड़क हादसों में 3001 लोग घायल हुए तो वहीं 2019 में 2588 लोग घायल हुए.

पुलिस ने 2019 में हर साल के मुकाबले चेकिंग भी ज्यादा की थी, साथ ही ट्रैफिक नियमों को लेकर भी कई अवेयरनेस कैंपेन चलाये थे, जिसके चलते 2019 के आंकड़ों में कमी आई है. हालांकि, ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि 2020 में भी हादसों में कमी लाई जाएगी. लोगों को और जागरूक किया जाएगा और सख्ती से नियम का पालन करवाया जाएगा. ऐसे में देखना होगा कि ट्रैफिक पुलिस हादसों और इसमें मरने वालों के संख्या को किस हद तक कम करने में कामयाब हो पाती है.

Intro:सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस की कवायद काम आई,,, ट्रैफिक पुलिस ने 2019 के साल की शुरुवात से ही सतर्कता बरतनी शुरू करदी नतीजा ये रहा कि 2018 के सड़क हादसों के आंकड़ों के मुकाबले 2019 के आंकड़ों में कमी देखने को मिली,,,
Body:सड़क हादसे राजधानी में आम हो चुके है आए दिन कहीं न कही सड़क हादसे होते रहते थे 2018 के लड़कों की बात करे तो औसतन राजधानी की सड़कों पर हर रोज 1 व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत होती थी,,,, लिहाज 2019 में इन आकड़ो में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मशक्कत शुरू कर दी और इन हादसों को रोकने के लिए डीआईजी की तरफ से भी ट्रैफिक पुलिस साफ निर्देश दिए गए कि इन हादसों में कमी लाई जाए,,, जिसके चलते सड़क हादसों और मरने वालों की संख्या में 2018 के मुकाबले 2019 में कमी आई,,, अगर आंकड़ों को देखें तो

2018 में 3508 हादसे हुए जबकि 2019 में 3280 सड़क हादसे हुए

2018 में सड़क हादसों में 327 लोगों की मौत हुई तो 2019 में 257 लोगों की मौत हुई

2018 में सड़क हादसों में 3001 लोग घायल हुए तो वहीं 2019 में 2588 लोग घायल हुएConclusion:ट्रैफिक पुलिस की माने तो 2018 में जिन जगहों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए उन्हें ब्लैक स्पॉट मानते हुए चिन्हित किया गया,, और ब्लैक स्पॉट पर चेकपॉइंट समेत कई तरह जी रणनीति बनाई जिसके चलते हादसों में कमी लाई गई वहीं ट्रैफिक पुलिस का ये भी कहना है कि 2019 के ब्लैक स्पॉट को भी चिन्हित किया जाएगा ताकि 2020 में भी हादसों का ग्राफ और कम हो सके,,


पुलिस ने 2019 में हर साल के मुकाबले चेकिंग भी ज्यादा की तो साथ ही ट्रैफिक के नियमों को लेकर भी कई जागरूकता कार्यक्रम चलाये,,, जिसके चलते ही 2019 में आंकड़ों में कमी आई,, हालांकि ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि 2020 मैं भी हादसों को लेकर कमी लाई जाएगी,,, लोगों को और जागरूक किया जाएगा और सकती से नियम का पालन करवाया जाएगा,, ऐसे में देखना होगा कि हादसों और इसमें मरने वालों के आंकड़ों को किस हद तक ट्रैफिक पुलिस कम करने में कामयाब हो पाती है

बाइट- प्रदीप चौहान, एएसपी ट्रैफिक, भोपाल

Last Updated : Jan 8, 2020, 5:37 PM IST
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