भोपाल। राजधानी भोपाल में सड़क हादसे होना आम बात है, आए दिन कहीं न कहीं सड़क हादसे होते रहते हैं. 2018 में हादसों की बात करें तो राजधानी की सड़कों पर रोजाना औसतन एक व्यक्ति की हादसे में मौत हुई थी, जबकि 2019 में इन आकड़ों में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मशक्कत शुरू कर दी थी. रोकथाम के लिए DIG की तरफ से भी ट्रैफिक पुलिस को हादसों में कमी लाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके चलते सड़क हादसों और मरने वालों की संख्या में 2018 के मुकाबले 2019 में कमी आई.
ट्रैफिक पुलिस की मानें तो 2018 में जिन जगहों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए, उन्हें ब्लैक स्पॉट मानते हुए चिह्नित किया गया और ब्लैक स्पॉट पर चेकपॉइंट सहित कई तरह की रणनीति बनाई. जिसके बाद हादसों में कमी भी आई है, ट्रैफिक पुलिस का ये भी कहना है कि 2019 के ब्लैक स्पॉट को भी चिह्नित किया जाएगा, ताकि 2020 में भी हादसों का ग्राफ और कम हो सके.
आंकड़ों की नजर से
- 2018 में 3508 हादसे हुए, जबकि 2019 में 3280 सड़क हादसे हुए.
- 2018 में सड़क हादसों में 327 लोगों की मौत हुई, जबकि 2019 में 257 लोगों की मौत हुई.
- 2018 में सड़क हादसों में 3001 लोग घायल हुए तो वहीं 2019 में 2588 लोग घायल हुए.
पुलिस ने 2019 में हर साल के मुकाबले चेकिंग भी ज्यादा की थी, साथ ही ट्रैफिक नियमों को लेकर भी कई अवेयरनेस कैंपेन चलाये थे, जिसके चलते 2019 के आंकड़ों में कमी आई है. हालांकि, ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि 2020 में भी हादसों में कमी लाई जाएगी. लोगों को और जागरूक किया जाएगा और सख्ती से नियम का पालन करवाया जाएगा. ऐसे में देखना होगा कि ट्रैफिक पुलिस हादसों और इसमें मरने वालों के संख्या को किस हद तक कम करने में कामयाब हो पाती है.