भोपाल। 2023 का केन्द्रीय बजट अगले 25 सालों के लिए भारत की बुनियाद होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान ने केवल देश नहीं भारत के बाहर बसे भारतवासियों की भी बजट को लेकर उम्मीदें बढ़ा दी हैं. पीएम मोदी ने जैसे बजट सत्र की शुरुआत में कहा कि, इस बार पेश होने जा रहे बजट पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं. मोदी सरकार 2.0 का आखिरी पूर्ण बजट है ये. माना जा रहा है कि 2024 के चुनावी साल के मद्देनजर ये बजट लोकलुभावन होगा. कर में छूट से लेकर हेल्थ और सर्विस सेक्टर में फंड की बढोत्तरी होगी. दूसरी तरफ देश का किसान भी बहुत उम्मीद लगाए है कि, बजट में उसके हिस्से क्या आएगा.
एजुकेशन बजट बढ़ाने से एफडीआई में मदद: लंदन में रहने वाले चार्टड अकाउंट और अर्थशास्त्र के जानकार जयदीप बंसल ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि, फॉरेन डायरेक्ट इन्वेंस्टमेंट के लिए जरुरी है. भारत सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अपना बजट पर ज्यादा फोकस करे. जिस तरह से भारत निरंतर प्रगति कर रहा है. वैश्विक मंदी के बावजूद इसका बहुत असर भारत पर नहीं आया है. सरकार के फोकस पूरी अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए है. इसमें भी दो राय नही कि चुनावी साल के पहले के इस बजट में सरकार का प्रयास होगा कि कैसे देश में रहने वाले अलग अलग वर्गों तक लोक लुभावन बजट पेश किया जाए. हांलाकि ये भी सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि ज्यादा सब्सिडी या फ्री बीज पर सरकार की दिलचस्पी नहीं है.
एनआरआई होने के नाते दिया सुझाव: जयदीप बंसल ने एनआरआई होने के नाते सुझाव दिया कि, शिक्षा के बजट पर सरकार को ज्यादा फोकस करना चाहिए. जिस तरह से फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट आ रहा है. उस लिहाज से शिक्षा एक ऐसा विषय है. जिस पर बहुत गंभीरता से सोचे जाने की जरुरत है. शिक्षा का सेक्टर ऐसा है जो एफडीआई के इस्तेमाल में मददगार साबित होगा. एजुकेशन के जरिए ही सोशल सेक्टर के इन्वेंसटमेंट में मदद मिलेगी. एजुकेशन सोशल इंडीकेटर को भी बढ़ाएगा.
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टूरिज्म सेक्टर को बजट से आस: कोरोना का दौर बीत जाने के बाद एक बार फिर भारत का पर्यटन क्षेत्र पटरी पर लौट रहा है. ये एक ऐसा क्षेत्र है जो भारत में आमदनी बढ़ाने का बड़ा जरिया साबित हो सकता है. घरेलू पर्यटन के अलावा भी जो विदेशी पर्यटन है. उसके लिए राहें आसान करने के साथ इस आय को दुगुना किया जा सकता है.