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मध्यप्रदेश में निर्भया फंड के खर्च का ब्योरा, जानिए कैसे मिलता है पीड़ित को मुआवजा ?

मध्यप्रदेश में निर्भया फंड पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, इस फंड के जरिए पीड़ितों को न्याय दिलाया जाता है, साथ ही उनकी सुरक्षा भी की जाती है.

Nirbhaya Fund
मध्यप्रदेश में निर्भया फंड
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Published : Jan 11, 2021, 1:35 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 3:13 PM IST

भोपाल। दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद सरकार ने निर्भया फंड बनाया था, निर्भया फंड के जरिए पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा और पुनर्वास का काम किया जाता है. यही नहीं उनके रहने खाने की व्यवस्था के साथ-साथ सहायता राशि भी दी जाती है.

  • पीड़ित को ऐसे मिलता है मुआवजा

निर्भया फंड राज्य के गृह विभाग के द्वारा संचालित किया जाता है, इसमें राज्य सेवा प्राधिकरण की मदद ली जाती है. इसके तहत पीड़ित को मुआवजे के लिए आवेदन करना होता है, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की मदद से पुलिस विभाग मामले का निपटारा करता है और उसके बाद मुआवजे को मंजूरी मिलती है, यह राशि सीधे पीड़ित के खाते में भेजी जाती है.

  • वन स्टॉप सेंटर

यह जिला प्रशासन द्वारा संचालित होता है, प्रत्येक जिले में एक केंद्र होता है, जिसमें पीड़ित की काउंसलिंग, एफआईआर दर्ज कराने और यदि आवश्यक हो, तो सुरक्षित रहने के लिए आवास सहित सभी सहायता प्रदान की जाती है. इससे संबंधित निधि सीधे केंद्र सरकार द्वारा जिला प्रशासन को हस्तांतरित की जाती है.

  • महिला हेल्प लाइन 181

यह हेल्प लाइन पहले गृह विभाग और महिला एवं बाल कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चलाई गई थी, इसे अब महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा सीएम हेल्प लाइन के साथ बैक एंड सर्विस के रूप में चलाया जा रहा है.

  • महिला पुलिस वालंटियर

महिला पुलिस वालंटियर योजना भी बनाई जा रही है, जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. इस विंग में सभी महिलाएं ही होंगी, जो पीड़िता को न्याय दिलाने का काम करेंगी. साथ ही उनकी देख-रेख के साथ सुरक्षा करेंगी.

वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक मध्य प्रदेश द्वारा प्राप्त निधि

मध्य प्रदेश को पिछले पांच वित्तीय वर्षों में कुल 111.59 करोड़ रुपये मिले हैं, हालांकि, अभी तक केवल 42.72 करोड़ का खर्च किया गया है.

  • वर्ष 2015-16-1.09 करोड़
  • वर्ष 2016-17-29.53 करोड़
  • वर्ष 2017-18-19.69 करोड़
  • वर्ष 2018-19--15.57 करोड़
  • वर्ष 2019-2020-45.71 करोड़

पीड़ितों के लिए मिले मुआवजे का खर्च

  • प्राप्त- 84.44 करोड़
  • खर्च -22.94 करोड़

वन स्टॉप सेंटर का खर्च

  • जुलाई 2020 तक 25.18 करोड़
  • खर्च किया- 19.16 करोड़

महिला हेल्प लाइन 181

  • प्राप्त- 62.7 लाख
  • महिला पुलिस स्वयंसेवक
  • प्राप्त- 1.35 करोड़

पिछले पांच वर्षों में दुष्कर्म के मामले

  • साल 2015 में 4391
  • साल 2016 में 4882
  • साल 2017 में 6526
  • साल 2018 - 6480
  • साल 2019 - 5822

भोपाल। दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद सरकार ने निर्भया फंड बनाया था, निर्भया फंड के जरिए पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा और पुनर्वास का काम किया जाता है. यही नहीं उनके रहने खाने की व्यवस्था के साथ-साथ सहायता राशि भी दी जाती है.

  • पीड़ित को ऐसे मिलता है मुआवजा

निर्भया फंड राज्य के गृह विभाग के द्वारा संचालित किया जाता है, इसमें राज्य सेवा प्राधिकरण की मदद ली जाती है. इसके तहत पीड़ित को मुआवजे के लिए आवेदन करना होता है, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की मदद से पुलिस विभाग मामले का निपटारा करता है और उसके बाद मुआवजे को मंजूरी मिलती है, यह राशि सीधे पीड़ित के खाते में भेजी जाती है.

  • वन स्टॉप सेंटर

यह जिला प्रशासन द्वारा संचालित होता है, प्रत्येक जिले में एक केंद्र होता है, जिसमें पीड़ित की काउंसलिंग, एफआईआर दर्ज कराने और यदि आवश्यक हो, तो सुरक्षित रहने के लिए आवास सहित सभी सहायता प्रदान की जाती है. इससे संबंधित निधि सीधे केंद्र सरकार द्वारा जिला प्रशासन को हस्तांतरित की जाती है.

  • महिला हेल्प लाइन 181

यह हेल्प लाइन पहले गृह विभाग और महिला एवं बाल कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चलाई गई थी, इसे अब महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा सीएम हेल्प लाइन के साथ बैक एंड सर्विस के रूप में चलाया जा रहा है.

  • महिला पुलिस वालंटियर

महिला पुलिस वालंटियर योजना भी बनाई जा रही है, जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. इस विंग में सभी महिलाएं ही होंगी, जो पीड़िता को न्याय दिलाने का काम करेंगी. साथ ही उनकी देख-रेख के साथ सुरक्षा करेंगी.

वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक मध्य प्रदेश द्वारा प्राप्त निधि

मध्य प्रदेश को पिछले पांच वित्तीय वर्षों में कुल 111.59 करोड़ रुपये मिले हैं, हालांकि, अभी तक केवल 42.72 करोड़ का खर्च किया गया है.

  • वर्ष 2015-16-1.09 करोड़
  • वर्ष 2016-17-29.53 करोड़
  • वर्ष 2017-18-19.69 करोड़
  • वर्ष 2018-19--15.57 करोड़
  • वर्ष 2019-2020-45.71 करोड़

पीड़ितों के लिए मिले मुआवजे का खर्च

  • प्राप्त- 84.44 करोड़
  • खर्च -22.94 करोड़

वन स्टॉप सेंटर का खर्च

  • जुलाई 2020 तक 25.18 करोड़
  • खर्च किया- 19.16 करोड़

महिला हेल्प लाइन 181

  • प्राप्त- 62.7 लाख
  • महिला पुलिस स्वयंसेवक
  • प्राप्त- 1.35 करोड़

पिछले पांच वर्षों में दुष्कर्म के मामले

  • साल 2015 में 4391
  • साल 2016 में 4882
  • साल 2017 में 6526
  • साल 2018 - 6480
  • साल 2019 - 5822
Last Updated : Jan 11, 2021, 3:13 PM IST
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