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Nawab Pataudi Property Dispute: शत्रु संपत्ति की जद में नवाब पटौदी की विवादित प्रॉपर्टी! 20 से अधिक वारिसों ने ठोका दावा - नवाब पटौदी प्रॉपर्टी विवाद में सैफ अली खान को राहत

भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान की ज्यादातर संपत्ति विवादित (Nawab Pataudi Property Dispute in bhopal) है, इनमें से कई संपत्तियां शत्रु संपत्ति कानून (Nawab Pataudi disputed property may be declared as enemy property) के दायरे में आने वाली हैं, वहीं सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद नवाब की संपत्ति के (20 Successor of Nawab Pataudi Property) 20 से अधिक दावेदार सामने आए हैं, इन सभी ने हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई है.

Nawab Pataudi Property Dispute
शत्रु संपत्ति की जद में नवाब पटौदी की प्रॉपर्टी
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Published : Dec 15, 2021, 10:54 AM IST

Updated : Dec 15, 2021, 4:16 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से शर्मिला टैगोर व सैफ अली खान व अन्य को राहत मिल गई है. चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने भोपाल में वीआईपी रोड को दोनों तरफ से रेलिंग लगाकर बंद किए जाने के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए पूर्व का आदेश निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने अंतिम आदेश में कहा था कि उनके पास इस मामले में सिविल कोर्ट में प्रकरण दायर करने का अधिकार है, इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, हाई कोर्ट ने पूर्व में पारित आदेश को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी थी, जिस पर यह रिव्यू याचिका दायर की गई थी. उसी की सुनवाई के दौरान नया आदेश जारी किया है.

एमपी पंचायत चुनाव: SC में आज होगी सुनवाई, जानिए अब कब होगा 'रोटेशन' पर फैसला

शत्रु संपत्ति की जद में नवाब पटौदी परिवार की जायदाद

भोपाल की प्रॉपर्टी को लेकर नवाब पटौदी शुरू से ही विवादों (Nawab Pataudi Property Dispute in bhopal) में रहे हैं, भोपाल में उनकी ज्यादातर जमीन-जायदाद शत्रु संपत्ति की जद में आ चुकी है, गृह मंत्रालय का शत्रु संपत्ति विभाग (Nawab Pataudi disputed property may be declared as enemy property) इस प्रॉपर्टी की जांच कर रहा है, भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने जायदाद का वारिस अपनी बड़ी बेटी आबिदा को बनाया था, जो पाकिस्तान चली गई थीं, जिसके बाद इस प्रॉपर्टी पर नवाब की मझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार ने कब्जा कर लिया था, जिनके पोते हैं सैफ अली खान, यानि कि हमीदुल्ला खान के पड़पोते हैं.

नवाब की प्रॉपर्टी के मामले हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में लंबित

भोपाल नवाब की संपत्ति को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं. नवाब की 7 से ज्यादा गांव में 4000 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है, इसमें से 600 एकड़ भूमि पर एक तालाब, 2300 एकड़ भूमि पर जंगल और 1200 एकड़ कृषि भूमि है. यहां एक एयरपोर्ट बना है. भोपाल नवाब की 133 निजी प्रॉपर्टी को छोड़कर सब को सीलिंग के दायरे में ले लिया गया था, अफसरों की मिलीभगत के चलते जमीनें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थी. करीब 2 साल पहले भोपाल, सीहोर, रायसेन जिले में 4 हजार एकड़ जमीन का मामला सामने आने के बाद तत्कालीन अपर आयुक्त राजेश जैन ने साल 1971 का राजस्व रिकॉर्ड खंगाला था. वर्ष 1961 में सीलिंग एक्ट आया था.

नवाब की संपत्ति के सबूतों से भरा ट्रक पकड़ाने पर बढ़ा शक

सीलिंग एक्ट के प्रावधान के मुताबिक जिसके पास 54 एकड़ से ज्यादा जमीन थी, उसे इसके दायरे में लाया गया था. इसी के तहत भोपाल नवाब की 133 निजी प्रॉपर्टी को छोड़कर सब को इसके दायरे में लिया गया था, पर अफसरों की गलती के कारण कुछ जमीनें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थीं. इसमें भोपाल की ये जमीनें भी शामिल हैं, इसलिए इस संपत्ति को सीलिंग के दायरे में लिया जाना था. लंबे समय से चल रहे इस विवाद को लेकर एक बार फिर नोटिस जारी हुआ है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सुनवाई नहीं हो पाई है. करीब एक साल पहले भोपाल के नवाब खानदान से जुड़े 100 साल पुराने दस्तावेजों से भरा ट्रक अहमदाबाद पैलेस के सामने पकड़ाने के बाद इस खानदान की संपत्तियों को लेकर चल रहा विवाद और भी गहरा गया है, यह विवाद पांच जिलों में फैला हुआ है.

नवाब की संपत्ति के 20 से अधिक उत्तराधिकारी होने का दावा

नवाब हमीदुल्ला की हजारों एकड़ संपत्ति हैं. 31 जुलाई 2019 को रामपुर स्टेट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने नवाब की संपत्तियों के बंटवारे पर एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि नवाब की संपत्तियों का बंटवारा मुस्लिम विधि से ही होगा. इस स्थिति में अब हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गई है, जिसमें इस फैसले का हवाला देकर संपत्ति पर अधिकार के लिए 20 से अधिक लोगों ने उत्तराधिकारी (20 Successor of Nawab Pataudi Property) होने का दावा पेश किया है. अगर इनके पक्ष में फैसला आया तो नवाब की संपत्ति के 20 से अधिक टुकड़े हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि नवाब की संपत्तियों का अधिकांश रिकॉर्ड भोपाल में अहमदाबाद पैलेस, फ्लैग स्टाफ हाउस, मोटर गैराज व रायसेन जिले के चिकलौद में है, सबसे बड़ा विवाद शत्रु संपत्ति और अहदाबाद पैलेस को लेकर ही है.

क्या होती है शत्रु संपत्ति?

शॉर्ट में समझाएं तो शत्रु संपत्ति का सीधा सा मतलब है शत्रु की संपत्ति. दुश्मन की (Know about enemy property) संपत्ति. फर्क बस इतना है कि वो दुश्मन किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि मुल्क का है. जैसे पाकिस्तान, चीन. 1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ. जो लोग पाकिस्तान चले गए वो अपना सब कुछ तो उठाकर नहीं ले गए. बहुत कुछ पीछे छूट गया. घर-मकान, हवेलियां-कोठियां, जमीन-जवाहरात, कंपनियां वगैरह-वगैरह. इन सब पर सरकार का कब्जा हो गया. आसान भाषा में यूं समझिए कि जिनका इन संपत्तियों पर मालिकाना हक था वो तो चले गए पराए मुल्क, जायदाद यहीं पर रह गई. उसे शत्रु संपत्ति कहा जाता है. शत्रु संपत्ति एक और तरह की भी होती है. जब दो देशों में युद्ध छिड़ जाए तब भी सरकार अपने दुश्मन देश के नागरिकों की मुल्क में मौजूद प्रॉपर्टी एक तरह से जब्त कर लेती है. ताकि दुश्मन देश लड़ाई के दौरान उसका फायदा न उठा सके. ऐसा दुनिया भर में होता रहा है. वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन ने जर्मन्स की प्रॉपर्टी यूं ही कब्जे में कर ली थी.

भोपाल। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से शर्मिला टैगोर व सैफ अली खान व अन्य को राहत मिल गई है. चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने भोपाल में वीआईपी रोड को दोनों तरफ से रेलिंग लगाकर बंद किए जाने के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए पूर्व का आदेश निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने अंतिम आदेश में कहा था कि उनके पास इस मामले में सिविल कोर्ट में प्रकरण दायर करने का अधिकार है, इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, हाई कोर्ट ने पूर्व में पारित आदेश को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी थी, जिस पर यह रिव्यू याचिका दायर की गई थी. उसी की सुनवाई के दौरान नया आदेश जारी किया है.

एमपी पंचायत चुनाव: SC में आज होगी सुनवाई, जानिए अब कब होगा 'रोटेशन' पर फैसला

शत्रु संपत्ति की जद में नवाब पटौदी परिवार की जायदाद

भोपाल की प्रॉपर्टी को लेकर नवाब पटौदी शुरू से ही विवादों (Nawab Pataudi Property Dispute in bhopal) में रहे हैं, भोपाल में उनकी ज्यादातर जमीन-जायदाद शत्रु संपत्ति की जद में आ चुकी है, गृह मंत्रालय का शत्रु संपत्ति विभाग (Nawab Pataudi disputed property may be declared as enemy property) इस प्रॉपर्टी की जांच कर रहा है, भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने जायदाद का वारिस अपनी बड़ी बेटी आबिदा को बनाया था, जो पाकिस्तान चली गई थीं, जिसके बाद इस प्रॉपर्टी पर नवाब की मझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार ने कब्जा कर लिया था, जिनके पोते हैं सैफ अली खान, यानि कि हमीदुल्ला खान के पड़पोते हैं.

नवाब की प्रॉपर्टी के मामले हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में लंबित

भोपाल नवाब की संपत्ति को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं. नवाब की 7 से ज्यादा गांव में 4000 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है, इसमें से 600 एकड़ भूमि पर एक तालाब, 2300 एकड़ भूमि पर जंगल और 1200 एकड़ कृषि भूमि है. यहां एक एयरपोर्ट बना है. भोपाल नवाब की 133 निजी प्रॉपर्टी को छोड़कर सब को सीलिंग के दायरे में ले लिया गया था, अफसरों की मिलीभगत के चलते जमीनें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थी. करीब 2 साल पहले भोपाल, सीहोर, रायसेन जिले में 4 हजार एकड़ जमीन का मामला सामने आने के बाद तत्कालीन अपर आयुक्त राजेश जैन ने साल 1971 का राजस्व रिकॉर्ड खंगाला था. वर्ष 1961 में सीलिंग एक्ट आया था.

नवाब की संपत्ति के सबूतों से भरा ट्रक पकड़ाने पर बढ़ा शक

सीलिंग एक्ट के प्रावधान के मुताबिक जिसके पास 54 एकड़ से ज्यादा जमीन थी, उसे इसके दायरे में लाया गया था. इसी के तहत भोपाल नवाब की 133 निजी प्रॉपर्टी को छोड़कर सब को इसके दायरे में लिया गया था, पर अफसरों की गलती के कारण कुछ जमीनें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थीं. इसमें भोपाल की ये जमीनें भी शामिल हैं, इसलिए इस संपत्ति को सीलिंग के दायरे में लिया जाना था. लंबे समय से चल रहे इस विवाद को लेकर एक बार फिर नोटिस जारी हुआ है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सुनवाई नहीं हो पाई है. करीब एक साल पहले भोपाल के नवाब खानदान से जुड़े 100 साल पुराने दस्तावेजों से भरा ट्रक अहमदाबाद पैलेस के सामने पकड़ाने के बाद इस खानदान की संपत्तियों को लेकर चल रहा विवाद और भी गहरा गया है, यह विवाद पांच जिलों में फैला हुआ है.

नवाब की संपत्ति के 20 से अधिक उत्तराधिकारी होने का दावा

नवाब हमीदुल्ला की हजारों एकड़ संपत्ति हैं. 31 जुलाई 2019 को रामपुर स्टेट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने नवाब की संपत्तियों के बंटवारे पर एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि नवाब की संपत्तियों का बंटवारा मुस्लिम विधि से ही होगा. इस स्थिति में अब हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गई है, जिसमें इस फैसले का हवाला देकर संपत्ति पर अधिकार के लिए 20 से अधिक लोगों ने उत्तराधिकारी (20 Successor of Nawab Pataudi Property) होने का दावा पेश किया है. अगर इनके पक्ष में फैसला आया तो नवाब की संपत्ति के 20 से अधिक टुकड़े हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि नवाब की संपत्तियों का अधिकांश रिकॉर्ड भोपाल में अहमदाबाद पैलेस, फ्लैग स्टाफ हाउस, मोटर गैराज व रायसेन जिले के चिकलौद में है, सबसे बड़ा विवाद शत्रु संपत्ति और अहदाबाद पैलेस को लेकर ही है.

क्या होती है शत्रु संपत्ति?

शॉर्ट में समझाएं तो शत्रु संपत्ति का सीधा सा मतलब है शत्रु की संपत्ति. दुश्मन की (Know about enemy property) संपत्ति. फर्क बस इतना है कि वो दुश्मन किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि मुल्क का है. जैसे पाकिस्तान, चीन. 1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ. जो लोग पाकिस्तान चले गए वो अपना सब कुछ तो उठाकर नहीं ले गए. बहुत कुछ पीछे छूट गया. घर-मकान, हवेलियां-कोठियां, जमीन-जवाहरात, कंपनियां वगैरह-वगैरह. इन सब पर सरकार का कब्जा हो गया. आसान भाषा में यूं समझिए कि जिनका इन संपत्तियों पर मालिकाना हक था वो तो चले गए पराए मुल्क, जायदाद यहीं पर रह गई. उसे शत्रु संपत्ति कहा जाता है. शत्रु संपत्ति एक और तरह की भी होती है. जब दो देशों में युद्ध छिड़ जाए तब भी सरकार अपने दुश्मन देश के नागरिकों की मुल्क में मौजूद प्रॉपर्टी एक तरह से जब्त कर लेती है. ताकि दुश्मन देश लड़ाई के दौरान उसका फायदा न उठा सके. ऐसा दुनिया भर में होता रहा है. वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन ने जर्मन्स की प्रॉपर्टी यूं ही कब्जे में कर ली थी.

Last Updated : Dec 15, 2021, 4:16 PM IST

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