भोपाल। हर वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 2014 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इसकी शुरुआत की थी. तब से हर साल 7 नवंबर को कैंसर जागरुकता दिवस मनाया जा रहा है. देश भर में कैंसर के केस लगातार बढ़ रहे हैं, सरकार समय-समय पर लोगों के लिए कैम्प आयोजित करती रही है, लेकिन मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मध्य प्रदेश में भी यही हाल है. यहां एक लाख की आबादी पर सालाना 1789 कैंसर के नए मरीज सामने आ रहे हैं. इनमें 892 केस पुरुषों में, जबकि 897 केस महिलाओं के हैं.
एमपी में बढ़ रहे कैंसर के मरीज
जिस दर से मध्य प्रदेश में केसों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में आने वाले पांच सालों में यानी 2025 तक मप्र में कैंसर रोगियों की संख्या 77 हजार से बढ़कर 88 हजार के पार पहुंच जाएगी. मप्र में जन्म से 75 वर्ष की आयु तक हर 9 में से 1 पुरुष और हर 8 में से एक महिला काे कैंसर का है. आईसीएमआर के नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज इन्फॉर्मेशन एंड रिसर्च की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. प्रोफाइल ऑफ कैंसर एंड रिलेटेड फैक्टर मप्र 2021 के मुताबिक मप्र में पुरुषों में मुंह, फेफड़े और जीभ का कैंसर सर्वाधिक है. जबकि महिलाओं में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और ओवरी कैंसर के केस सर्वाधिक हैं.
प्रदेश के इन अस्पतालों में है कैंसर के इलाज की सुविधा
एम्स-भोपाल, कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर-ग्वालियर, चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर-इंदौर, गांधी मेडिकल कॉलेज व जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर-भोपाल.
इसलिए बढ़ रहे सबसे ज्यादा केस
तंबाकू उत्पादों (गुटखा, खैनी, सिगरेट, बीड़ी) का सेवन, शराबखोरी, अनहेल्दी डाइट, शारीरिक असक्रियता, मोटापा, इन्फेक्शन, वायु प्रदूषण. रिपोर्ट के मुताबिक यदि इन कारणों पर नियंत्रण पा लिया जाए तो कैंसर रोगियों की संख्या 50 फीसदी तक कम की जा सकती है.
क्या है कैंसर?
कैंसर रोग को बेहतर समझने के लिए ईटीवी भारत ने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन से खास बातचीत की. कैंसर रोग के संबंध में डॉ. नवनीत जैन ने बताया कि कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसमें कोशिकाओं (cell) की अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर के अंगों में फेल कर यह पूरे शरीर को नष्ट करने लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है यह एक जानलेवा रोग है. डॉ. जैन ने कहा कि अगर कैंसर पीड़ित मरीज समय पर अपना इलाज शुरू कर दे तो उसकी जान निश्चित तौर पर बचाई जा सकती है.
कितने प्रकार के कैंसर रोग हो सकते हैं ?
बात केंसर रोग के प्रकारों की करें तो इस पर अभी भी शोध जारी हैं. दरअसल, असंख्य प्रकार की कोशिकाएं मिलकर मानव शरीर का निर्माण करती हैं. कैंसर की बीमारी कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से जुड़ा एक रोग है, इसलिए इसके कई प्रकार हो सकते हैं. अब तक जो तरह तरह के कैंसर रोग सामने आ चुके हैं. उनकी संख्या 100 से ऊपर है. लेकिन भारत में मुख्यतः ज्यादा लोग लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, स्टमक कैंसर और माउथ कैंसर यानी मुंह के कैंसर का ज्यादा शिकार हो रहे हैं.
कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारण
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन बताते हैं कि बीते कुछ सालों में भारत में हर साल 18 से 20 लाख लोग कैंसर रोग का शिकार हो रहे हैं. डॉ. जैन के मुताबिक भारत में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के प्रमुख कारणों में एक कारण तंबाकू का सेवन भी है. इसके साथ ही महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर भी भारत में एक आम बात हो चुकी है, जिसके पीछे का एक बड़ा कारण हार्मोनल इंबैलेंस है. वहीं, कई बार कैंसर रोग आनुवंशिकी से निर्धारित भी होता है.
किस तरह किया जाता है कैंसर का इलाज ?
कैंसर रोग से बेहतर तरह से निपटने के लिए आज भी देश-विदेश में लगातार शोध जारी है. वर्तमान में अलग-अलग थैरेपी के माध्यम से अलग-अलग स्टेज के कैंसर रोगियों का इलाज किया जाता है. कैंसर की चार स्टेज होती हैं. अगर कैंसर का पता पहले या दूसरे स्टेज में चल जाए तो ऑनको सर्जरी, रेडियंस थेरेपी, कीमोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी के माध्यम से मरीज का इलाज किया जा सकता है.
कैसे रखें खुद को कैंसर रोग से सुरक्षित ?
कैंसर रोग एक ऐसा रोग है, जिसके बारे में शुरुआती दौर में कई बार पता नहीं चल पाता है. ऐसे में कैंसर रोग से बचाव का सबसे बेहतर विकल्प यही है कि समय-समय पर अपना और अपने परिवारजनों का मेडिकल चेकअप कराते रहें. इस बात का भी पूरा ख्याल रखें कि यदि शरीर के किसी भी हिस्से में कोई गांठ या उभर महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
सिगरेट-गुटखा और खैनी के कारण 13 लाख लोग हर साल मरते हैं, सरकार तंबाकू पर ही बैन क्यों नहीं लगाती ?
बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि अबतक कैंसर रोग को पूरी तरह खत्म करने को लेकर कोई थेरेपी नहीं आ पाई है, लेकिन अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाते हैं. समय-समय पर अपना और अपने परिवार की मेडिकल जांच कराते हैं, तो निश्चित तौर पर आप कैंसर जैसी जानलेवा रोग से खुद को और अपने परिवारजनों को बचा सकते हैं.