भोपाल। भावांतर भुगतान योजना में 30 लाख अपात्र लाभार्थियों के नाम सामने आने के बाद एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस सरकार इस मामले की जांच करने की बात कह रही है. सरकार के मुताबिक बीजेपी शासन में शुरू की गई भावांतर योजना में 30 लाख ऐसे लोग हैं, जो नौकरीपेशा हैं और टैक्स देते हैं या फिर ऐसे जो कारोबारी हैं. जिस पर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटलवार करते हुए कहा कि ये योजनाएं बंद नहीं होनी चाहिए.
मिश्रा का कहना है कि जनहितैषी योजनाओं को बंद करना चाहते हैं, जबकि इसका फायदा तो गरीबों को मिल रहा है. अगर कोई योजना में अपात्र है तो उन्हें हटाओ, लेकिन योजनाएं तो बंद नहीं की जानी चाहिए. अगर कोई योजना खराब है तो उसके बारे में बताएं. चाहे वह तीर्थ दर्शन योजना हो या फिर संबल योजना हो, लेकिन उसे बंद तो नहीं किया जाना चाहिए.
पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले किसानों से, फिर पुलिस से वादा कर मुकर गए. हमारी योजना को डर के मारे कागज पर बंद नहीं कर पा रहे हैं, सिर्फ जांच के नाम पर बंद कर रहे हैं. वहीं उन्होंने कर्जमाफी पर कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कर्ज माफी को लेकर जो 37 लाख किसानों की सूची तैयार की थी. उनमें से अब 5 लाख किसान बाहर हो गए हैं. ये वो किसान हैं, जिन पर दो लाख से ज्यादा का कर्ज है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्ज माफ नहीं करने पर मुख्यमंत्री बदलने की बात कही थी, लेकिन सीएम तो नहीं बदले खुद कांग्रेस अध्यक्ष ही बदल गए. बता दें, जिन किसानों के कर्जमाफी की लिस्ट से नाम हटाए गए, उन पर 2 लाख 10 हजार से 2 लाख 50 हजार रुपए तक का कर्ज है.