भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के लिए 1425 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना 'नर्मदा-झाबुआ लिफ्ट इरीगेशन' को स्वीकृति दे दी है. साथ ही अन्य परियोजनाओं के लिए नाबार्ड से चार हजार करोड़ का ऋण भी स्वीकृत किया है. मध्यप्रदेश ने कृषि विकास में 24 प्रतिशत तक विकास दर हासिल की है. इसका एक प्रमुख कारण सिंचाई के क्षेत्र में विशेष प्रयास है. इस विकास दर को हासिल करने में नाबार्ड का विशेष सहयोग रहा है. नाबार्ड द्वारा कृषि, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं कृषि अधोसंरचना विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाबार्ड (राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक) के 39वां स्थापना दिवस पर महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संघों, प्रगतिशील किसानों से बातचीत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजनरी लीडर और मैन ऑफ आइडिया है. उन्होंने कोविड की चुनौती को अवसर में बदला है और नए आत्मनिर्भर भारत का मंत्र एवं संकल्प लिया है. हम उसे पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएंगे.
इसके लिए खेती, किसान एवं गांवों के विकास की जरूरत है. मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष कार्य हुए हैं. पिछले साल सिंचाई क्षमता को 7.5 लाख हेक्टेयर से लेकर 42 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया है. इसमें नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है. आगामी समय में प्रदेश में किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंचाने के प्रभावी प्रयास करेंगे.