भोपाल। जबलपुर में हॉस्पिटल में हुई आगजनी की घटनाओं के मामले में सरकार सदन में घिर गई. कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने जबलपुर में पिछले दिनों हुई आगजनी की घटनाओं को लेकर आरोप लगाया कि अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी ने आदेश जारी किया कि बिल्डिंग परमिशन जारी होने के साथ ही एनओसी जारी कर दी जाए. दो मंजिल की बिल्डिंग परमिशन पर 4 मंजिला हॉस्पिटल बन गए. जिसमें आगजनी में 8 लोगों की मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के जवाब से असंतुष्ट होने और विपक्ष के बढ़ते हंगामे को देख विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मामले का परीक्षण कराने का निर्देश दिया. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस पूरे मामले की सरकार जांच कराएगी. (MP winter assembly session 2023)
हॉस्पिटलों को फायर NOC देने में गड़बड़ीः कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने हॉस्पिटलों में आगजनी की घटना का सवाल प्रश्नकाल के दौरान उठाया था. इस सवाल को लेकर पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई. विनय सक्सेना ने कहा कि 3 अगस्त 2022 को अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन द्वारा यह छूट दी गई कि यदि बिल्डिंग में परमिशन होगी तो उन्हें हॉस्पिटल की अनुमति दी जा सकती है. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा कि इस तरह का कोई भी नियमों में बदलाव नहीं होगा. कांग्रेस विधायक ने जारी किए गए आदेश की कॉपी सदन में लहराते हुए कहा कि मंत्री सदन में गलत जानकारी दे रहे हैं. (Mistake in giving fire noc to hospitals) (Health minister badly trapped on congress mla question)
2 मंजिल की अनुमित पर 4 मंजिल हॉस्पिटल कैसे बनाः कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि जब हॉस्पिटल की बिल्डिंग परमिशन सिर्फ 2 मंजिल की थी तो 4 मंजिल हॉस्पिटल कैसे बन गया. उसे नगर निगम ने कैसे परमिशन दे दी और उस पर फायर एनओसी कैसे जारी हो गई. इस हॉस्पिटल में आग लगने से 8 लोगों की मौत हुई थी. मंत्रालय द्वारा नर्सिंग होम के नियमित निरीक्षण किए जाने के संबंध में जारी पत्र में लीगल कंप्लायंस के अंतर्गत भवनों का बिल्डिंग कंपटीशन लाइसेंस का उल्लेख था. लेकिन बाद में बिल्डिंग कंप्लीशन के स्थान पर बिल्डिंग परमिशन शब्द आखिर क्यों लिख दिया. (How a 4 floor hospital was built on the permission of 2 floors)
जवाब में मंत्री उलझे, अध्यक्ष ने कहा परीक्षण कराएंः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि नियमों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया. हॉस्पिटल को जो परमिशन दी गई वह नियमों के हिसाब से दी गई है. प्रदेश भर में सभी अस्पतालों की जांच कराई गई थी. जहां भी कमियां पाई गई वहां कमियों को दुरुस्त कराया गया था. हॉस्पिटलों को नोटिस जारी किया गया था. मंत्री संतुष्टि भरा जवाब नहीं दे सके तो विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि कोई भी नियमों में बदलाव का अधिकार मंत्री और शासन को है किसी अधिकारी को नहीं है. फिर अधिकारी ने कैसे से बदल दिया. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मंत्री को निर्देश दिया कि कांग्रेस विधायक के साथ बैठकर मामले का परीक्षण कराएं.