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MP Power Crisis: कई शहरों में बिजली की अघोषित कटौती, बीजेपी के सांसद और मंत्री ने संकट को नकारा - एमपी में बिजली संकट अपडेट न्यूज

पूरे देश के साथ मध्य प्रदेश में भी बिजली संकट होने की आशंका है. इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक में उर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि कोयले की कमी के कारण रबी के सीजन में किसानों को दिक्कत आ सकती है. वहीं इस मामले में सांसद वीडी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश में किसी प्रकार का कोई संकट नहीं है.

Power crisis in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में बिजली संकट
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Published : Oct 10, 2021, 4:56 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक (Energy Department Review Meeting) के दौरान निर्देश दिए कि किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए. लेकिन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि कोयले की कमी के चलते बिजली नहीं मिल रही है. रबी सीजन में भी किसानों को बिजली देने में दिक्कतें आएगीं. इस पर सीएम ने कहा कि इसके लिए बिजली के 1-2 मेगावाट प्लांट लगाने की नीति बनाएं. लेकेिन अभी किल्लत किस तरह से दूर होगी. इसे लेकर मुख्यमंत्री और विभाग के पास कोई जवाब नहीं है.

बिजली संकट के चलते विभाग कई शहरों में बिजली की अघोषित कटौती कर रहा है. वहीं इस संकट को लेकर बीजेपी के सांसद वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश में किसी प्रकार का कोई बिजली संकट नहीं है.

कई पावर प्लांंट में कोयले का स्टाक नहीं

श भर में 135 पावर हाउस है, जहां कोयले से बनाई बिजली जाती है. इनमें से 110 पावर हाउस की स्थिति कोयले को लेकर गड़बड़ हो गई है. मध्य प्रदेश की बात करें तो वर्तमान स्थिति में 223 लाख मीट्रिक टन कोयला मध्य प्रदेश के पास है. जिससे बिजली बनाई जा सकेगी. यह कोयला मात्र 3 दिन में खत्म हो जाएगा.

कोयले के संकट के कारण सतना जिले के बिरसिंहपुर की चार यूनिट बंद कर दी गई हैं. हालांकि यहां पर 78 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टाक है. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि 8 लाख मीट्रिक टन कोयला का टेंडर निकाला गया है.

मप्र के थर्मल प्लांट में कितना बचा कोयला

प्लांटक्षमता (मेगावाट) कोयले की जरुरत (मीट्रिक टन) उत्पादन (मेगावाट)
सिंगाजी पावर प्लांट2520 मेगावाट 32,0001100 मेगावाट
सारणी 1330 मेगावाट 1,20,000500 मेगावाट
बिरसिंहपुर210 मेगावाट 35,000210 मेगावाट

क्यों हो रहा बिजली संकट?

बताया जा रहा है कि कई राज्यों ने कोल इंडिया को कोयले का पैसा नहीं दिया है. स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्डस पर कोल इंडिया का 21 हजार 619 करोड़ बकाया है. इसलिए कोल इंडिया ने कोयले की स्पलाई रोक दी है. मध्य प्रदेश में 7 रैक कोयला आया था, लेकिन बिजली बनाने के लिए 30 प्रतिशत ज्यादा खर्च हो रहा है. इस कारण भी एमपी में बिजली का संकट गहरा सकता है.

सांसद और मंत्री ने बिजली संकट को नकारा

जानकारों की माने तो यदि एक दिन भी कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है तो थर्मल पावर प्लांट ठप्प हो जाऐंगें. बिजली संकट के बावजूद भी सांसद और मंत्री कह रहे हैं कि कोई बिजली संकट नहीं है. सांसद वीडी शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री जनता को तकलीफ नहीं होने देंगे. इस संकट पर बारिकी से नजर रखी जा रही है. वहीं मंत्री भूपेंद्र सिंह कहते है कि कोई बिजली संकट नहीं है.

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक (Energy Department Review Meeting) के दौरान निर्देश दिए कि किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए. लेकिन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि कोयले की कमी के चलते बिजली नहीं मिल रही है. रबी सीजन में भी किसानों को बिजली देने में दिक्कतें आएगीं. इस पर सीएम ने कहा कि इसके लिए बिजली के 1-2 मेगावाट प्लांट लगाने की नीति बनाएं. लेकेिन अभी किल्लत किस तरह से दूर होगी. इसे लेकर मुख्यमंत्री और विभाग के पास कोई जवाब नहीं है.

बिजली संकट के चलते विभाग कई शहरों में बिजली की अघोषित कटौती कर रहा है. वहीं इस संकट को लेकर बीजेपी के सांसद वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश में किसी प्रकार का कोई बिजली संकट नहीं है.

कई पावर प्लांंट में कोयले का स्टाक नहीं

श भर में 135 पावर हाउस है, जहां कोयले से बनाई बिजली जाती है. इनमें से 110 पावर हाउस की स्थिति कोयले को लेकर गड़बड़ हो गई है. मध्य प्रदेश की बात करें तो वर्तमान स्थिति में 223 लाख मीट्रिक टन कोयला मध्य प्रदेश के पास है. जिससे बिजली बनाई जा सकेगी. यह कोयला मात्र 3 दिन में खत्म हो जाएगा.

कोयले के संकट के कारण सतना जिले के बिरसिंहपुर की चार यूनिट बंद कर दी गई हैं. हालांकि यहां पर 78 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टाक है. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि 8 लाख मीट्रिक टन कोयला का टेंडर निकाला गया है.

मप्र के थर्मल प्लांट में कितना बचा कोयला

प्लांटक्षमता (मेगावाट) कोयले की जरुरत (मीट्रिक टन) उत्पादन (मेगावाट)
सिंगाजी पावर प्लांट2520 मेगावाट 32,0001100 मेगावाट
सारणी 1330 मेगावाट 1,20,000500 मेगावाट
बिरसिंहपुर210 मेगावाट 35,000210 मेगावाट

क्यों हो रहा बिजली संकट?

बताया जा रहा है कि कई राज्यों ने कोल इंडिया को कोयले का पैसा नहीं दिया है. स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्डस पर कोल इंडिया का 21 हजार 619 करोड़ बकाया है. इसलिए कोल इंडिया ने कोयले की स्पलाई रोक दी है. मध्य प्रदेश में 7 रैक कोयला आया था, लेकिन बिजली बनाने के लिए 30 प्रतिशत ज्यादा खर्च हो रहा है. इस कारण भी एमपी में बिजली का संकट गहरा सकता है.

सांसद और मंत्री ने बिजली संकट को नकारा

जानकारों की माने तो यदि एक दिन भी कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है तो थर्मल पावर प्लांट ठप्प हो जाऐंगें. बिजली संकट के बावजूद भी सांसद और मंत्री कह रहे हैं कि कोई बिजली संकट नहीं है. सांसद वीडी शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री जनता को तकलीफ नहीं होने देंगे. इस संकट पर बारिकी से नजर रखी जा रही है. वहीं मंत्री भूपेंद्र सिंह कहते है कि कोई बिजली संकट नहीं है.

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