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मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा फैसला, मध्य प्रदेश में अब यहां लगेगा मांस-मछली का बाजार

Mohan Yadav Decision MP Meat and Fish Market: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि एमपी में मांस-मछली की बिक्री के लिए अलग मार्केट बनेंगे. उन्होंने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को कहा कि सरकार ने मांस और मछली के खुले में बिकने पर प्रतिबंध लगाया है, ऐसे में इनके विक्रेताओं के लिए आवश्यक रूप से भवन निर्मित किए जाएं.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 8:19 PM IST

Updated : Dec 19, 2023, 10:34 PM IST

Mohan Yadav Decision MP Meat and Fish Market
एमपी में मांस मछली की बिक्री के लिए अलग मार्केट

भोपाल (IANS)। मध्य प्रदेश में मांस-मछली की खुले बाजार में बिक्री पर सरकार ने रोक लगा रखी है. नियम विरुद्ध संचालित दुकानों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय निकायों में मांस-मछली की बिक्री के लिए अलग से बाजार बनाने के निर्देश दिए हैं.

मांस-मछली मार्केट के लिए बनेंगे नये भवन: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को कहा है कि राज्य शासन द्वारा मांस और मछली के खुले में बिकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इनके विक्रेताओं को परेशानी न हो, इस उद्देश्य से नगरीय निकायों द्वारा मांस-मछली मार्केट के लिए आवश्यक रूप से भवन निर्मित किए जाएं. जब तक भवन निर्मित नहीं होते तब तक मांस, मछली विक्रय के लिए स्थल निर्धारित कर अस्थाई शेड की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए. नगरीय निकायों के साथ-साथ बड़ी ग्रामीण पंचायतों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कान्ह नदी का पानी, शुद्धिकरण के बाद ही क्षिप्रा नदी में मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए आवश्यक प्लांट लगाया जाए. इस संबंध में जल संसाधन तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग की संयुक्त बैठक तत्काल आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए.

बिल्डिंग परमिशन प्रक्रिया सरल की जाये: मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिल्डिंग परमिशन और कम्पाउडिंग के नियम और प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए. नियम स्पष्ट और सरल हों, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके और उसे कोई परेशानी न हो. सामान्य व्यक्ति जीवन में एक बार मकान बनाता है, बिल्डिंग परमिशन आदि की व्यवस्था ऐसी की जाए, जिससे वह परेशान न हो और निर्धारित समय-सीमा में कार्य हो. नगरीय निकायों से नक्शे जल्दी पास कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. भवन अनुज्ञा से संबंधित सॉफ्टवेयर का आकलन कर यह ज्ञात करें कि वर्तमान में औसतन कितने दिनों में भवन अनुज्ञा जारी की जा रही है.

शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी प्राप्त की जाए अनुमति: मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त की जाए. नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, पर्यटन सहित शासकीय भवन निर्माण में संलग्न सभी एजेंसियां बिल्डिंग परमिशन लें और निर्माण में बिल्डिंग लाइन, ओपन स्पेस, पार्किंग आदि का अनिवार्य ध्यान रखें. टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि रहवासियों को सुविधा प्राप्त हो और शहरों की बेहतर प्लानिंग भी सुनिश्चित की जा सके.

ये भी पढ़ें:

नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी मिशन 1.0, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा पीएम स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश देश में प्रथम रहा है. इसके साथ ही अमृत 1.0, स्वच्छ भारत मिशन 1.0 और डे-एनयूएलएम में प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. प्रजेंटेशन में शहरी अधोसंरचना विकास के लिए जारी पूंजीगत योजनाओं जैसे कायाकल्प, मास्टर प्लान सड़क, स्मार्ट सिटी, यूनिटी मॉल आदि कार्यों की प्रगति से अवगत कराया गया.

भोपाल (IANS)। मध्य प्रदेश में मांस-मछली की खुले बाजार में बिक्री पर सरकार ने रोक लगा रखी है. नियम विरुद्ध संचालित दुकानों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय निकायों में मांस-मछली की बिक्री के लिए अलग से बाजार बनाने के निर्देश दिए हैं.

मांस-मछली मार्केट के लिए बनेंगे नये भवन: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को कहा है कि राज्य शासन द्वारा मांस और मछली के खुले में बिकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इनके विक्रेताओं को परेशानी न हो, इस उद्देश्य से नगरीय निकायों द्वारा मांस-मछली मार्केट के लिए आवश्यक रूप से भवन निर्मित किए जाएं. जब तक भवन निर्मित नहीं होते तब तक मांस, मछली विक्रय के लिए स्थल निर्धारित कर अस्थाई शेड की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए. नगरीय निकायों के साथ-साथ बड़ी ग्रामीण पंचायतों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कान्ह नदी का पानी, शुद्धिकरण के बाद ही क्षिप्रा नदी में मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए आवश्यक प्लांट लगाया जाए. इस संबंध में जल संसाधन तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग की संयुक्त बैठक तत्काल आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए.

बिल्डिंग परमिशन प्रक्रिया सरल की जाये: मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिल्डिंग परमिशन और कम्पाउडिंग के नियम और प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए. नियम स्पष्ट और सरल हों, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके और उसे कोई परेशानी न हो. सामान्य व्यक्ति जीवन में एक बार मकान बनाता है, बिल्डिंग परमिशन आदि की व्यवस्था ऐसी की जाए, जिससे वह परेशान न हो और निर्धारित समय-सीमा में कार्य हो. नगरीय निकायों से नक्शे जल्दी पास कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. भवन अनुज्ञा से संबंधित सॉफ्टवेयर का आकलन कर यह ज्ञात करें कि वर्तमान में औसतन कितने दिनों में भवन अनुज्ञा जारी की जा रही है.

शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी प्राप्त की जाए अनुमति: मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त की जाए. नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, पर्यटन सहित शासकीय भवन निर्माण में संलग्न सभी एजेंसियां बिल्डिंग परमिशन लें और निर्माण में बिल्डिंग लाइन, ओपन स्पेस, पार्किंग आदि का अनिवार्य ध्यान रखें. टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि रहवासियों को सुविधा प्राप्त हो और शहरों की बेहतर प्लानिंग भी सुनिश्चित की जा सके.

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नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी मिशन 1.0, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा पीएम स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश देश में प्रथम रहा है. इसके साथ ही अमृत 1.0, स्वच्छ भारत मिशन 1.0 और डे-एनयूएलएम में प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. प्रजेंटेशन में शहरी अधोसंरचना विकास के लिए जारी पूंजीगत योजनाओं जैसे कायाकल्प, मास्टर प्लान सड़क, स्मार्ट सिटी, यूनिटी मॉल आदि कार्यों की प्रगति से अवगत कराया गया.

Last Updated : Dec 19, 2023, 10:34 PM IST
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