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खरमास में नहीं होते शुभ कार्य, एमपी में बीजेपी के मंत्री यदि लेते हैं शपथ तो हो सकती हैं ये परेशानियां

MP BJP ministers take oath in Kharmas: एमपी में सीएम और दो डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं लेकिन मंत्रिमंडल अभी तय नहीं हो पाया है. शनिवार से खरमास शुरू हो रहा है जो एक महीने तक चलेगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या नया मंत्रिमंडल खरमास में शपथ लेगा. ज्योतिषाचार्यों की माने तो कोई भी शुभ काम खरमास में नहीं होता. ऐसे में यदि शपथ होती है तो मंत्रियों को अपने पद से हाथ धोना भी पड़ सकता है.

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खरमास में मंत्रियों की शपथ !
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 15, 2023, 7:55 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 10:31 PM IST

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि खरमास में नहीं होते शुभ कार्य

भोपाल। वैसे तो बीजेपी धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार ही कार्यक्रम करती है लेकिन मोहन सरकार में अभी तक मंत्रियों की शपथ नहीं हो सकी है. कारण अभी तक मंत्रिमंडल तय ही नहीं हुआ है. हालांकि सीएम और दो डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं तो क्या इस बार मंत्रियों की शपथ खरमास में होगी. 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक खरमास चलेगा. ज्योतिषाचार्यों की माने तो ऐसे में यदि मंत्रियों का शपथ ग्रहण होता है तो यह अच्छा नहीं है.क्योंकि कोई भी शुभ काम खरमास में नहीं होता.

खरमास में मंत्रियों की शपथ!: अभी तक बीजेपी अपने कार्यक्रम शुभ मुहूर्त के साथ करती आई है, लेकिन बीजेपी सरकार में मंत्रियों की शपथ शुभ मुहूर्त में नहीं हो पाएगी. इसके पीछे की वजह खरमास है. पंडितों के मुताबिक खरमास में शुभ कार्य नहीं होते. यदि किए जाते हैं तो भविष्य में अड़चने पैदा होती हैं. मंत्रियों को लेकर पेंच फंसा हुआ है.

चौंकाने वाला होगा मंत्रिमंडल: इस बार बीजेपी हाईकमान ने मुख्यमंत्री का नया चेहरा लाकर सबको चौंका दिया है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल भी इस बार चौंकाने वाला होगा. जो बरसों से मंत्री पद की आस लगाए थे लेकिन लॉबिंग नहीं होने से उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया. अब उनको भी लगने लगा है कि नई सरकार में मोदी के चौंकाने वाले फैसले से उनकी लॉटरी लग सकती है.

सीएम सहित दो डिप्टी सीएम ने ली शपथ: खरमास के पहले सीएम मोहन यादव सहित दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा ने शपथ ले ली है. लेकिन 16 दिसंबर यानि शनिवार से खरमास शुरू हो रहा है. जिसमें ऐसा माना जाता है कि शुभ काम नहीं किए जाते.

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सीएम के शपथ ग्रहण के दौरान की तस्वीर

खरमास क्या होता है: खरमास सूर्य से संबंधित है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा जब पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है तो वह चंद्र मास कहलाता है और सूर्य एक राशि में जितने समय रहता है, वो उसका एक सौर मास कहलाता है. सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है. जब सूर्य गुरू के स्वामित्व की राशि धनु और मीन में रहता है तो वह समय खरमास कहलाता है.

खरमास के पीछे मान्यता : खर का मतलब होता है गधा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार सूर्य के रथ के घोड़े चलते-चलते बहुत थक गए थे तब सूर्यदेव ने उन घोड़ों को रथ से निकालकर उनके स्थान पर गधों को अपने रथ में जोत लिया. एक महीने तक सूर्यदेव का रथ गधों ने ही चलाया. चूंकि गधे घोड़ों की तरह तेज नहीं चल पाते थे फिर भी जैसे-तैसे एक महीने तक यही क्रम चलता रहा. यही समय खरमास कहलाता है.

ये भी पढ़ें:

खरमास में नहीं होते शुभ कार्य: खरमास में कोई भी शुभ काम नहीं होता. विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन,पद ग्रहण और विशेष पूजन. इसके पीछे धार्मिक कारण है. ऐसी मान्यता है कि धनु और मीन गुरू की राशियां हैं, जब सूर्य इन राशियों में प्रवेश करता है तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपने गुरू की सेवा में लगे हैं. सूर्य की ये स्थिति शुभ कार्यों के लिए ठीक नहीं है. यही वजह है कि खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते.

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य: आचार्य पंडित धर्मेंद्र शास्त्री की माने तो ये खलमास भी कहलाता है. इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ऐसा करने से कई बार बड़े अनिष्ट होते हैं. इस दौरान यदि व्यक्ति किसी पद पर बैठता है तो उस पद से व्यक्ति हाथ धो सकता है.

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि खरमास में नहीं होते शुभ कार्य

भोपाल। वैसे तो बीजेपी धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार ही कार्यक्रम करती है लेकिन मोहन सरकार में अभी तक मंत्रियों की शपथ नहीं हो सकी है. कारण अभी तक मंत्रिमंडल तय ही नहीं हुआ है. हालांकि सीएम और दो डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं तो क्या इस बार मंत्रियों की शपथ खरमास में होगी. 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक खरमास चलेगा. ज्योतिषाचार्यों की माने तो ऐसे में यदि मंत्रियों का शपथ ग्रहण होता है तो यह अच्छा नहीं है.क्योंकि कोई भी शुभ काम खरमास में नहीं होता.

खरमास में मंत्रियों की शपथ!: अभी तक बीजेपी अपने कार्यक्रम शुभ मुहूर्त के साथ करती आई है, लेकिन बीजेपी सरकार में मंत्रियों की शपथ शुभ मुहूर्त में नहीं हो पाएगी. इसके पीछे की वजह खरमास है. पंडितों के मुताबिक खरमास में शुभ कार्य नहीं होते. यदि किए जाते हैं तो भविष्य में अड़चने पैदा होती हैं. मंत्रियों को लेकर पेंच फंसा हुआ है.

चौंकाने वाला होगा मंत्रिमंडल: इस बार बीजेपी हाईकमान ने मुख्यमंत्री का नया चेहरा लाकर सबको चौंका दिया है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल भी इस बार चौंकाने वाला होगा. जो बरसों से मंत्री पद की आस लगाए थे लेकिन लॉबिंग नहीं होने से उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया. अब उनको भी लगने लगा है कि नई सरकार में मोदी के चौंकाने वाले फैसले से उनकी लॉटरी लग सकती है.

सीएम सहित दो डिप्टी सीएम ने ली शपथ: खरमास के पहले सीएम मोहन यादव सहित दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा ने शपथ ले ली है. लेकिन 16 दिसंबर यानि शनिवार से खरमास शुरू हो रहा है. जिसमें ऐसा माना जाता है कि शुभ काम नहीं किए जाते.

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सीएम के शपथ ग्रहण के दौरान की तस्वीर

खरमास क्या होता है: खरमास सूर्य से संबंधित है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा जब पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है तो वह चंद्र मास कहलाता है और सूर्य एक राशि में जितने समय रहता है, वो उसका एक सौर मास कहलाता है. सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है. जब सूर्य गुरू के स्वामित्व की राशि धनु और मीन में रहता है तो वह समय खरमास कहलाता है.

खरमास के पीछे मान्यता : खर का मतलब होता है गधा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार सूर्य के रथ के घोड़े चलते-चलते बहुत थक गए थे तब सूर्यदेव ने उन घोड़ों को रथ से निकालकर उनके स्थान पर गधों को अपने रथ में जोत लिया. एक महीने तक सूर्यदेव का रथ गधों ने ही चलाया. चूंकि गधे घोड़ों की तरह तेज नहीं चल पाते थे फिर भी जैसे-तैसे एक महीने तक यही क्रम चलता रहा. यही समय खरमास कहलाता है.

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खरमास में नहीं होते शुभ कार्य: खरमास में कोई भी शुभ काम नहीं होता. विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन,पद ग्रहण और विशेष पूजन. इसके पीछे धार्मिक कारण है. ऐसी मान्यता है कि धनु और मीन गुरू की राशियां हैं, जब सूर्य इन राशियों में प्रवेश करता है तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपने गुरू की सेवा में लगे हैं. सूर्य की ये स्थिति शुभ कार्यों के लिए ठीक नहीं है. यही वजह है कि खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते.

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य: आचार्य पंडित धर्मेंद्र शास्त्री की माने तो ये खलमास भी कहलाता है. इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ऐसा करने से कई बार बड़े अनिष्ट होते हैं. इस दौरान यदि व्यक्ति किसी पद पर बैठता है तो उस पद से व्यक्ति हाथ धो सकता है.

Last Updated : Dec 15, 2023, 10:31 PM IST
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