भोपाल। गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) अगले साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में दांव आजमा सकती है. दरअसल एमपी में इसी साल हुए नगरीय निकाय चुनाव में आप ने अच्छा प्रदर्शन किया था. जिसे देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ये पार्टियां राज्य के सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को एक बार फिर से दूसरे राज्य में चुनौती देने उतर सकती हैं.
एमपी में तीसरा विकल्प: अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले संगठन ने गुजरात में सिर्फ पांच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. आप 13 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने में सफल रही. जिसके बाद आप ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में तीसरे राजनीतिक विकल्प के लिए जगह है क्योंकि राज्य के लोग भाजपा और कांग्रेस दोनों से तंग आ चुके हैं. (AAP factor in MP election 2023)
कमलनाथ ने बताया B-टीम: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (MP Congress) और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनावों में आप और एआईएमआईएम के फैक्टर लेकर कहा कि राज्य में जमीन पर उनकी मौजूदगी नहीं है. दोनों पर्टियों का कोई जनाधार नहीं है. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि निश्चित रूप से ये दोनों हीं पार्टियां भाजपा की बी-टीम हैं. उन्होंने ये भी कहा कि ये पार्टियां केवल उन्हीं जगहों पर चुनाव लड़ते हैं, जहां से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया जा सकें.
आप को नहीं मिलेगी जगह: भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि, "वे (आप) मप्र की द्विध्रुवीय राजनीति में कोई जगह नहीं बना पाएंगे. हिमाचल प्रदेश की तरह वे यहां भी बुरी तरह हारेंगे. बग्गा ने बताया कि आप के प्रमुख उम्मीदवार भी गुजरात में हाल ही में संपन्न चुनावों में जीतने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि गुजरात में उनके मुख्य नेता, जिनमें राज्य पार्टी अध्यक्ष गोपाल इटालिया और आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदन गढ़वी भी चुनाव हार गए हैं.
एआईएमआईएम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा लेकिन दोनों पार्टियों ने कांग्रेस कई सीटों पर, खासकर जहां अल्पसंख्यकों के वोटर हैं उन सीटों पर नुकसान पहुंचाया. हैदराबाद में पार्षद और मध्य प्रदेश में पार्टी के प्रभारी एआईएमआईएम नेता सैय्यद मिन्हाजुद्दीन ने कहा, "स्थानीय निकाय चुनावों में हमारे प्रदर्शन के आधार पर, हम निश्चित रूप से मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व का होगा.
(PTI)