भोपाल। एमपी में नव नियुक्त मंत्रियों को आखिरकार बंगले आवंटित हो ही गए हैं, लेकिन आलम ये है कि मंत्रियों को वे बंगले मिले है. जिन पर ज्यादातर कांग्रेस विधायकों ने अपना कब्जा जमा रखा था. मंत्रियों को बंगलो के लिये करीब 15 से 20 दिन का इंतजार करना पड़ा. आखिरकार अब उन्हें बंगले मिल गए हैं. खास बात ये है कि अभी भी पूर्व मंत्रियों और खासतौर से जो शिवराज सरकार में बड़े मलाईदार पदों पर थे. उन्होंने अपने सरकारी बंगलों का मोह नहीं छोड़ा है.
30 मंत्रियों वाली कैबिनेट में कई मंत्री हैं. जिन्हें सरकारी बंगला नहीं मिला है. वह अपने रिश्तेदारों या गेस्ट हाउस में रहकर काम काज निपटा रहे हैं. मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे के शिवाजी नगर के बंगले में रह रहे हैं. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल अपने भाई जालम सिंह के बंगले में रह रहे हैं. वहीं, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह बीएचईएल के गेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हैं. राव उदय प्रताप भी प्रोफेसर कॉलोनी के सर्किट हाउस में रुके हुए हैं.
सरकार पर हमलावर कांग्रेस
नरोत्तम मिश्रा और कमल पटेल सहित करीब 12 मंत्री चुनाव हार चुके हैं. वहीं 10 पूर्व मंत्री ऐसे हैं, जो चुनाव तो जीत गए हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में जगह नहीं पा पाए हैं, लेकिन अभी भी 18 लोगों ने अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है. जिसकी वजह से नए मंत्रियों को बंगले नहीं मिल पा रहे थे. इस मामले में कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि एमपी सरकार, केंद्र द्वारा चलाई जा रही है. मंत्रियों की सीएम नहीं सुन रहे हैं, जो मंत्री चुनाव हार चुके हैं. सरकार इतनी सुचिता की बात करती है तो पूर्व मंत्रियों को बाहर निकाल कर नए मंत्रियों को बंगले देना चाहिए.
हारे विधायक और पूर्व मंत्रियों का बंगला मोह
चुनाव में हारे विधायकों और जिन विधायकों को टिकट नहीं मिले हैं. उनमें से अभी 35 ऐसे पूर्व विधायक हैं. जिन्होंने अभी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं. इन पूर्व विधायकों से आवास खाली कराने का प्रयास कर रही है. वहीं, विधानसभा स्पीकर नरेन्द्र सिंह तोमर प्रोफेसर कॉलोनी स्थित अपने वर्तमान बंगले में ही रहेंगे.
सभी मंत्रियों को चाहिए बड़े बड़े बंगले
सरकार ने हाल ही में 31 मंत्री बनाए हैं. इसमें से 18 मंत्रियों को डी, बी और सी टाइप के आवास चाहिए. जबकि सरकार के पास इनको देने के लिए डी-टाइप 3 और ई-टाइप के 12 बंगले खाली हैं. विधानसभा और सामान्य पूल में मंत्रियों के लिए बंगले की तलाश की जा रही है. इन पूल में सिर्फ डी, बी और सी टाइप के 9 बंगले ही खाली हैं. इधर पिछली शिवराज सरकार ने 34 विधायकों को मंत्री बनाए थे. जिसमें से डॉ. मोहन यादव सरकार में इस बार 9 मंत्री रिपीट हुए हैं. इसमें से सभी 25 पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने बंगला खाली नहीं किए.
अब जाकर मिले मंत्रियों को बंगला
13 कैबिनेट मंत्रियों को बंगलों का आवंटन
- प्रहलाद पटेल b7 सिविल लाइन
- करण सिंह वर्मा बी 22 चार इमली
- उदय प्रताप सिंह b 17, 74 बंगले
- संपतिया उईके B12a, 74 बंगले
- निर्मला भूरिया बी 10 74 बंगले
- नारायण सिंह कुशवाहा b 11 चार इमली
- नागर सिंह चौहान b 12b, 74 बंगले
- राकेश शुक्ला b 19 74 बंगले
- चेतन कश्यप b 2 काशियाना बंगले
- धर्मेंद्र लोधी बी11 74 बंगले
- दिलीप जायसवाल b2 चार इमली
- गौतम टेंटवाल c 1, 74 बंगले
- लखन पटेल c 14 शिवाजी नगर