भोपाल। सीएम शिवराज ने स्मार्टसिटी पार्क में मेट्रो मॉडल कोच का अनावरण किया. कोच का इंटीरियर वैसा ही है जैसा मेट्रो ट्रेन में रहेगा. भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी भी पूर्ण की जा रही है. सितंबर मध्य में मेट्रो ट्रेनों के ट्रायल रन का शुभारंभ होगा. मेट्रो परियोजना के अंतर्गत भोपाल-इंदौर में ऑरेंज लाइन तथा ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है. भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना का कार्य दिसंबर 2026 तक होगा पूर्ण. भोपाल मेट्रो लाइन की लंबाई 31 किमी और लागत 7000 करोड़ है. इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्रेन के लाइन के रूट का फोटो भी ट्वीट किया और कहा कि ''एमपी मेट्रो में आपका स्वागत है.''
मंडीदीप और सीहोर तक जायेगी मेट्रो: CM शिवराज ने डिब्बे का अनावरण किया और कहा कि ''आने आने वाले समय में मंडीदीप और सीहोर तक भोपाल मेट्रो जायेगी. इसकी शुरुआत अप्रैल मई माह तक विधिवत होगी.'' सीएम ने कहा कि ''आज एक सपना और संकल्प पूरा हुआ है.''
-
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में मेट्रो मॉडल कोच का लोकार्पण किया। @ChouhanShivraj@CMMadhyaPradesh@mpurbandeptt#MetroInMP #JansamparkMP pic.twitter.com/N9oAygkGMI
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में मेट्रो मॉडल कोच का लोकार्पण किया। @ChouhanShivraj@CMMadhyaPradesh@mpurbandeptt#MetroInMP #JansamparkMP pic.twitter.com/N9oAygkGMI
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 26, 2023मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में मेट्रो मॉडल कोच का लोकार्पण किया। @ChouhanShivraj@CMMadhyaPradesh@mpurbandeptt#MetroInMP #JansamparkMP pic.twitter.com/N9oAygkGMI
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 26, 2023
भोपाल और इंदौर मेट्रो की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएँ
टेक्शन और पावर सप्लाई
- शहर की सुंदरता बनाए रखने हेतु तार के जालों से मुक्त विश्वसनीय विद्युतीकरण प्रणाली 750 वॉल्ट डीसी थर्ड रेल.
- 132 केवी विद्युत आपूर्ति भूमिगत केबल नेटवर्क मप्र में पहली बार.
- बेहतर मानव सेफ्टी के लिए मोटर चालित शॉर्ट सर्किट डिवाइस.
- आपातकालीन यात्री निकासी के लिए थर्ड रेल पावर का स्वचालित स्विच.
- छत के ऊपर सौर पैनल.
- ऑटोमैटिक डोर, स्टार्ट-स्टॉप और इमर्जेंसी हैंडलिंग (अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन)
- सायबर अटैक व हैकिंग से सुरक्षित.
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक ऑब्सटेकल व डिरेलमेंट डिटेक्शन
- कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 के खड़े होने की क्षमता.
- हर दो मिनिट में आने-जाने की फ्रीक्वेंसी.
- ब्रैक के साथ ऊर्जा री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत .
- कोच में होगी जर्म कंट्रोल और एयर-फिल्ट्रेशन की तकनीक, हमेशा स्वच्छ रहेगी वायु.
- कोच में लगे CCTV होंगे AI तकनीक से संचालित.
- ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन (कैमरे करेंगे चेहरों की पहचान).
- ऑटोमैटिक व स्मार्ट प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था .
- हाइलेवल पैसेंजर सेफ्टी (HL3 Stansard).
- दिव्यांगों के लिए विशेष व्हील चेयर्स व उनके अनुकूल बैठने का स्थान नियत.
- कोच मैंटीनेंस की 15 साल की सेवा गारंटी.
स्टेशन पर रहेगी यह सुविधा
- ऊर्जा बचत हेतु स्वचालित प्रकाश नियंत्रण के साथ स्मार्ट प्रकाश व्यवस्था.
- यात्री सुरक्षा के लिए अग्निशमन प्रणाली की व्यवस्था.
- यात्री सुरक्षा के लिए स्टेशन प्लेटफार्म पर आपातकालीन पावर स्विच ऑफ सिस्टम.
- ऊर्जा कुशल एयर कंडिशनिंग.
- ईवी चार्जिंग से युक्त स्टेशनों के साथ दोपहिया पार्किंग की व्यवस्था.
- यात्रियों के लिए स्टेशन के सार्वजनिक क्षेत्र में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की सुविधा उपलब्ध होगी.
- कम धुआं उत्पन्न करने वाले शून्य हेलोजन केबल.
सिग्रलिंग और टेलीकॉम
- कुशल परिचालन क्षमताओं एवं समय की बचत हेतु उन्नत CBTC तकनीक एवं स्वचालित समय सारिणी विनियमन (एटीआर) प्रणाली.
- सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए परिचालन प्रौद्योगिकी (ओटी) साइबर सुरक्षा.
- मेनलाइन संचालन के साथ बेहतर एकीकरण के लिए सीबीटीसी क्षमता वाले उन्नत डिपो संचालन.
- सुचारू और सुरक्षित चालक रहित ट्रेन संचालन के लिए घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली (आईडीएमएस).
- यात्रियों को समय पर सूचना प्रदान करने हेतु उच्च तकनीक वाली फाइबर ऑप्टिक ट्रांसमिशन सिस्टम
लिफ्ट और एस्केलेटर: भोपाल और इंदौर मेट्रो सेवाओं में लिफ्ट और एस्केलेटर दिव्यांग लोगों सहित सभी यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. भोपाल और इंदौर मेट्रो स्टेशनों में लिफ्ट ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल तक और कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल तक बाधा रहित पहुंच प्रदान करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दिव्यांग या सीमित गतिशीलता वाले व्यक्ति शारीरिक रूप से कील चेयर के साथ यात्रा करने की सुविधा के साथ यात्रा कर सकें. दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट कार और लैंडिंग के अंदर ब्रेल बटन की सुविधा, दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए जमीनी स्तर से प्लेटफॉर्म स्तर तक जुड़े लिफ्ट के प्रवेश द्वारों पर स्पर्शनीय फर्श और बधिर व्यक्तियों के लिए लैंडिंग प्रवेश द्वार और लिफ्ट के अंदर एक झंकार के साथ घंटियों की सुविधा होगी.
लिफ्ट के अंदर ऑटो कॉल सुविधा: यात्रा के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की आसानी के लिए सभी लिफ्टों में स्टेशन नियंत्रण कक्ष से जुड़ी ऑटो कॉल सुविधा, इंटरकॉम और अलार्म की सुविधाएं दी जा रही है. लिफ्ट को फायर अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है और आग लगने की स्थिति में लिफ्ट में निकासी लैंडिंग पर पहुंचने की सुविधा होगी. स्टेशनों पर सभी लिफ्ट को सभी आवश्यक आपातकालीन निकासी साइनेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. प्रवेश और निकास द्वार से दोनों प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के लिए एस्केलेटर दिए जाएंगे. भोपाल और इंदोर मेट्रो में आधुनिक एस्केलेटर ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के साथ डिजाइन किए गए है, जिनमें कम यात्री यातायात के दौरान गति नियंत्रण प्रणाली और स्टैंडबाय मोड शामिल हैं. ये ऊर्जा खपत को कम करने में योगदान करते हैं.
अधिकतम यात्री क्षमता: दिसम्बर 2026 में परियोजना के वर्तमान स्वीकृत चरण के पूर्ण होने पर दोनो भोपाल एवं इंदौर शहर में प्रतिदिन 7 लाख से अधिक यात्री उधगम स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक सुविधाजनक रूप एवं कम समय में यात्रा कर सकेंगे.
भोपाल मेट्रो रेल परियोजना की सामान्य जानकारी: भोपाल मेट्रो परियोजना के अंतर्गत भोपाल शहर में दो लाइन,ओरेंज लाइन तथा ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है. एम्स से करोंद चौराहे तक निर्माणाधीन ऑरेंज लाइन की कुल लम्बाई 16.74 किमी है. इसमें अंडरग्राउंड भाग 3.39 किलो मीटर का है. ऑरेंज लाइन में दो अंडरग्राउंड स्टेशन (भोपाल स्टेशन,नादरा बस स्टैंड) व 14 एलीवेटेड स्टेशन हैं. जिनमें स्टेशन एम्स, अल्कापुरी, डीआरएम आफिस, रानी कमलापति, एम पी नगर, बोर्ड आफिस, केंद्रीय विद्यालय, सुभाष नगर, पुल बोगदा, ऐशबाग, सिन्धी कॉलोनी, डीआइजी बंगलों, कृषि उपज मंडी एवं करोंद चौराहा है. रत्नागिरि तिराहे से भदभदा चौराहे तक मेट्रो रेल की ब्लू लाइन की कुल लम्बाई 14.16 किमी है.
14 एलीवेटेड स्टेशन बनेंगे: रत्नागिरि तिराहा, पिपलानी, इंद्रपुरी, जेके रोड, गोविंदपुरा औद्योगिक, प्रभात पेट्रोल पम्प, पुल बोगदा, परेड ग्राउंड, मिंटो हाल, रोशनपुरा चौराहा, जवाहर चौराहा, डिपो चौराहा, भदभदा चौराहे पर एलीवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे. सितम्बर 2023 में सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक ट्रेन्स के ट्रायल्स प्रारम्भ किये जायेंगे. भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की सम्पूर्ण परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है.
येलो लाइन में 21 एलिवेटेड स्टेशन:
- गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर-6,5,4,3,2,1
- भवर कुआ चौराहा
- एम आर -10
- आई एस बी टी
- चन्द्रगुप्त चौराहा
- हीरा नगर
- बापट चौराहा
- मेघदूत गार्डन
- विजय नगर चौराहा
- मालवीय नगर चौराहा
- शहीद बाग
- खजराना
- बंगाली चौराहा
- पत्रकार कॉलोनी
- पलासिया
सात अंडरग्राउंड स्टेशन हैं: इंदौर रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा, छोटा गणपति, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर, कॉलानी नगर, एयरपोर्ट अंडरग्राउंड स्टेशन में शामिल हैं.
प्रथम चरण में गाँधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर-03 तक के 6.0 किलोमीटर के भाग को जून 2024 में सर्व साधारण के लिए मेट्रो रेल यातायात की सुविधा उपलब्ध करने की योजना है. सितम्बर 2023 में, इस भाग में ट्रेन्स के ट्रायल्स प्रारम्भ किये जायेंगे. इसके उपरांत शीघ्र ही गाँधी नगर से रैडिसन तक के 17.0 किलो मीटर भाग में भी सर्व साधारण के लिए मेट्रो रेल की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की सम्पूर्ण परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है.
तेजी से चल रहा मेट्रो परियोजना का कार्य: मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अंतर्गत भोपाल एवं इंदौर शहरों में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है. सबसे खास बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नवंबर 2021 में भोपाल मेट्रो रेल के लिए भूमि पूजन किया. मात्र डेढ़ साल में एलिवेटेड पुल वायाडक्ट का निर्माण होने के साथ ही प्रॉयोरिटी कॉरीडोर पर इसी वर्ष सितंबर में ट्रायल रन को मूर्तरूप दे दिया जाएगा. मेट्रो कंपनी के अनुसार भारत सरकार, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 30 नवंबर 2018 को 6941.40 करोड़ की लागत से भोपाल मेट्रो परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई. जिसके उपरांत भूमि अधिग्रहण आदि की प्रक्रिया शुरू हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा नवंबर 2021 मे 426.67 करोड़ की लागत से 8 मेट्रो स्टेशन की नींव रखी गई.