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Anand Mohan की रिहाई पर MP के IAS अफसर खफा, बिहार सरकार के फैसले का विरोध - बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई

अपराध व सियासत का गुपचुप गठबंधन कोई नया नहीं है. बिहार में आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई इसका जीता जागता सबूत है. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने घोर आपत्ति जताई है.

release of gangster turned politician Anand Mohan
बिहार में गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन की रिहाई पर ली आपत्ति
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Published : Apr 28, 2023, 2:33 PM IST

भोपाल(Agency,PTI)। गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन की जेल से रिहाई को लेकर पर मध्यप्रदेश के आईएएस एसोसिएशन ने गहरी चिंता प्रकट की है. बता दें कि आनंद मोहन तीन दशक पहले बिहार में एक आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. आनंद मोहन की जेल से रिहाई के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमावली में संशोधन किया. इसके बाद ड्यूटी पर तैनात एक आईएएस की हत्या में शामिल लोगों की जल्द रिहाई पर प्रतिबंध हटा दिया गया.

बिहार सरकार के फैसले का विरोध : मध्यप्रदेश के कई आईएएस इस मामले को लेकर मानते हैं कि बिहार सरकार के इस निर्णय से लोक सेवक के मनोबल और धैर्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. आईएएस एसोसिएशन के सचिव विवेक पोरवाल ने शुक्रवार को कहा कि बिहार सरकार के इस फैसले से आईएसएस बिरादरी हैरान है. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन सर्वसम्मति से इस फैसले को अस्वीकार करता है और संबंधित राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता है. ​​

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बीजेपी भी विरोध में : बिहार सरकार इस फैसले को लेकर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति ली है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सहयोगी राजद के समर्थन से सत्ता में बने रहने के लिए कानून की बलि चढ़ाने का आरोप लगाया है. हालांकि अधिकांश नेता व सियासी दल खुलकर आनंद मोहन का विरोध नहीं कर रहे हैं. क्योंकि सभी को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता है. बता दें कि आनंद मोहन एक समय बिहार में अलग सियासी वजूद बनाए हुए थे. उनकी इसी हैसियत को देखकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने उन्हें जेल से रिहा करवाया.

भोपाल(Agency,PTI)। गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन की जेल से रिहाई को लेकर पर मध्यप्रदेश के आईएएस एसोसिएशन ने गहरी चिंता प्रकट की है. बता दें कि आनंद मोहन तीन दशक पहले बिहार में एक आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. आनंद मोहन की जेल से रिहाई के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमावली में संशोधन किया. इसके बाद ड्यूटी पर तैनात एक आईएएस की हत्या में शामिल लोगों की जल्द रिहाई पर प्रतिबंध हटा दिया गया.

बिहार सरकार के फैसले का विरोध : मध्यप्रदेश के कई आईएएस इस मामले को लेकर मानते हैं कि बिहार सरकार के इस निर्णय से लोक सेवक के मनोबल और धैर्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. आईएएस एसोसिएशन के सचिव विवेक पोरवाल ने शुक्रवार को कहा कि बिहार सरकार के इस फैसले से आईएसएस बिरादरी हैरान है. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन सर्वसम्मति से इस फैसले को अस्वीकार करता है और संबंधित राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता है. ​​

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बीजेपी भी विरोध में : बिहार सरकार इस फैसले को लेकर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति ली है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सहयोगी राजद के समर्थन से सत्ता में बने रहने के लिए कानून की बलि चढ़ाने का आरोप लगाया है. हालांकि अधिकांश नेता व सियासी दल खुलकर आनंद मोहन का विरोध नहीं कर रहे हैं. क्योंकि सभी को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता है. बता दें कि आनंद मोहन एक समय बिहार में अलग सियासी वजूद बनाए हुए थे. उनकी इसी हैसियत को देखकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने उन्हें जेल से रिहा करवाया.

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