ETV Bharat / state

कमलनाथ सरकार ले रही जल प्रबंधन के सुझाव, गर्मी में पानी के लिए नहीं तरसेंगे लोग

मध्यप्रदेश में जल प्रबंधन को लेकर प्रदेश सरकार राइट टू वाटर के तहत जल प्रबंधन के बारे में जल विशेषज्ञों से सुझाव लेने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है.

Water Management
जल प्रबंधन
author img

By

Published : Feb 12, 2020, 9:08 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार राइट टू वाटर कानून के तहत प्रदेश की जनता को पर्याप्त पानी देने के लिए काम कर रही है. इसको लेकर कमलनाथ सरकार ने जल विशेषज्ञों को बुलाकर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था और सरकार चाहती है कि प्रदेश में हर व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से पानी मिले.

मध्यप्रदेश सरकार ले रही जल प्रबंधन पर सुझाव

जल प्रबंधन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय जल सम्मेलन आयोजित कर राइट टू वाटर कानून तहत देशभर के जल विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं, साथ ही इसको लेकर सरकार जल स्रोतों के संरक्षण के लिए भी सुझाव मांग रही है. पीएचई(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) के मुख्य अभियंता एके जैन के अनुसार प्रदेश में पानी की कमी नहीं है बल्कि प्रबंधन की कमी के चलते पानी का सदुपयोग नहीं हो पाता है.

प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी का उपयोग खेती के लिए होता है यानी 70 से 80% पानी खेती में उपयोग किया जाता है और सिर्फ 5% पानी ही पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है. पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराने के चलते सरकार औद्योगिक घराने, स्थानीय स्तर, पंचायत, सामाजिक संगठनों में इसकी रणनीति बना रही है.

अब देखना ये है कि आने वाले गर्मी के मौसम में सरकार किस तरीके से पानी का प्रबंधन करती है, ताकि गर्मी के मौसम में लोगों को पानी के लिए तरसना न पड़े. खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां पर हर साल गर्मी के समय पानी की किल्लत होती है, जिनमें सबसे बड़ा एरिया बुंदेलखंड का आता है.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार राइट टू वाटर कानून के तहत प्रदेश की जनता को पर्याप्त पानी देने के लिए काम कर रही है. इसको लेकर कमलनाथ सरकार ने जल विशेषज्ञों को बुलाकर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था और सरकार चाहती है कि प्रदेश में हर व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से पानी मिले.

मध्यप्रदेश सरकार ले रही जल प्रबंधन पर सुझाव

जल प्रबंधन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय जल सम्मेलन आयोजित कर राइट टू वाटर कानून तहत देशभर के जल विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं, साथ ही इसको लेकर सरकार जल स्रोतों के संरक्षण के लिए भी सुझाव मांग रही है. पीएचई(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) के मुख्य अभियंता एके जैन के अनुसार प्रदेश में पानी की कमी नहीं है बल्कि प्रबंधन की कमी के चलते पानी का सदुपयोग नहीं हो पाता है.

प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी का उपयोग खेती के लिए होता है यानी 70 से 80% पानी खेती में उपयोग किया जाता है और सिर्फ 5% पानी ही पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है. पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराने के चलते सरकार औद्योगिक घराने, स्थानीय स्तर, पंचायत, सामाजिक संगठनों में इसकी रणनीति बना रही है.

अब देखना ये है कि आने वाले गर्मी के मौसम में सरकार किस तरीके से पानी का प्रबंधन करती है, ताकि गर्मी के मौसम में लोगों को पानी के लिए तरसना न पड़े. खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां पर हर साल गर्मी के समय पानी की किल्लत होती है, जिनमें सबसे बड़ा एरिया बुंदेलखंड का आता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.