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MP में 5-डे वीक कल्चर, अब सरकारी कर्मचारियों को साल में सिर्फ 163 दिन काम - एमपी न्यूज

यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो 163 दिन काम करो और साल भर की पगार लो. मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने कर्मचारियों के लिए 5 डे वीक कर दिया है. सरकारी कर्मचारी साल में 202 दिन आराम करेंगे और सिर्फ 163 दिन ही सरकारी काम करेंगे. (MP government adopts 5 day week culture)

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Published : Jan 5, 2023, 8:00 AM IST

Updated : Jan 5, 2023, 8:06 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना काल के बाद 5 डे वीक कल्चर शुरू हो गया है. सरकारी कर्मचारियों को अब सोमवार से लेकर शुक्रवार तक काम करना होता है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले बल्ले है, साल में सिर्फ उन्हें 163 दिन ही काम करना होगा और तनख्वाह पूरे साल की मिलेगी, यानी 365 दिन की. लेकिन, वहीं दूसरी तरफ अब जिन लोगों के सरकारी दफ्तरों में काम हैं छुट्टी के चलते 3 दिन का इंतजार करना पड़ता है. यदि शुक्रवार को उसका काम नहीं होता, तो उसे 3 दिन रुकना पड़ेगा उसे सोमवार तक इंतजार करना होगा. (MP government adopts 5 day week culture)

सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां : 5 डे वीक कल्चर शुरू होने से एमपी में सरकारी कर्मचारी साल में 202 दिन छुट्टी पर रहेंगे. आपको बताते हैं कि सरकारी कर्मचारियों को साल में कितनी छुट्टियां मिलती हैं. छुट्टियों के मौजूदा गणित के हिसाब से 53 रविवार, 52 शनिवार, धार्मिक पर्व व त्योहार, जयंती और पुण्यतिथि की 29 छुट्टियां सालाना. ये सब मिलाकर 134 दिन की सरकारी छुट्टी पहले से ही थी. इसके अलावा कर्मचारियों की अन्य छुट्टी की पात्रता भी है, जिसमें एक साल में 30 ईएल, 13 सीएल और 20 मेडिकल लीव शामिल हैं. साल में 57 दिन ऐच्छिक अवकाश भी होता है, साथ में 3 स्थानीय अवकाश भी मिलते हैं.

5-डे वीक से क्या सरकारी ढर्रा सुधरेगा: जहां तक कर्मचारियों की बात की जाए तो वे इस फैसले से खुश हैं. कर्मचारी नेता ओपी कटियार का कहना है कि "सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, फाइव-डे वीक कल्चर से वे बेहतर काम कर पाएंगे और तनाव मुक्त रहेंगे." हालांकि, इनका ये भी कहना है कि अब दफ्तरों का टाइम आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम को बढ़ा दिया गया है. (employees in MP to work for 163 days )

MP government adopts 5 day week culture
मध्यप्रदेश में फाइव दे वीक

सरकारी कर्मचारियों के बारे में आम जनता और जानकारों का क्या कहना है : आम जनता का कहना है कि सरकारी ढर्रा अपने ढंग से चलेगा. कहने को ऑफिस के बंद होने का टाइम और शुरू होने के टाइम में बदलाव किया गया है, लेकिन अभी भी देखा जाता है कि कर्मचारी समय पर नहीं आते और समय से पहले चले जाते हैं. यहां पर वर्क कल्चर सुधारा जाना चाहिए. वहीं, जानकारों के मुताबिक कर्मचारियों के काम होने की टाइम लिमिट तय होनी चाहिए. इसके लिए कड़ाई बरतनी होगी, जो की सरकारी ढर्रे में संभव नहीं दिखता, जितना काम उतना दाम की पॉलिसी अपनानी चाहिए. (MP News)

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5-डे वीक से सरकार को होगा 370 करोड़ का फायदा: खर्च के हिसाब से देखें तो 5-डे वीक में सरकार को सालाना करीब 370 करोड़ से ज्यादा का फायदा होगा. पेट्रोल-डीजल पर ढाई हजार करोड़, किराए के वाहनों पर 400 करोड़, टेलीफोन, इंटरनेट पर 500 से 700 करोड़, सफाई पर 400 करोड़, मीटिंग में चाय-पानी पर 55 करोड़ का सालाना खर्च होता है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना काल के बाद 5 डे वीक कल्चर शुरू हो गया है. सरकारी कर्मचारियों को अब सोमवार से लेकर शुक्रवार तक काम करना होता है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले बल्ले है, साल में सिर्फ उन्हें 163 दिन ही काम करना होगा और तनख्वाह पूरे साल की मिलेगी, यानी 365 दिन की. लेकिन, वहीं दूसरी तरफ अब जिन लोगों के सरकारी दफ्तरों में काम हैं छुट्टी के चलते 3 दिन का इंतजार करना पड़ता है. यदि शुक्रवार को उसका काम नहीं होता, तो उसे 3 दिन रुकना पड़ेगा उसे सोमवार तक इंतजार करना होगा. (MP government adopts 5 day week culture)

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5-डे वीक से क्या सरकारी ढर्रा सुधरेगा: जहां तक कर्मचारियों की बात की जाए तो वे इस फैसले से खुश हैं. कर्मचारी नेता ओपी कटियार का कहना है कि "सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, फाइव-डे वीक कल्चर से वे बेहतर काम कर पाएंगे और तनाव मुक्त रहेंगे." हालांकि, इनका ये भी कहना है कि अब दफ्तरों का टाइम आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम को बढ़ा दिया गया है. (employees in MP to work for 163 days )

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मध्यप्रदेश में फाइव दे वीक

सरकारी कर्मचारियों के बारे में आम जनता और जानकारों का क्या कहना है : आम जनता का कहना है कि सरकारी ढर्रा अपने ढंग से चलेगा. कहने को ऑफिस के बंद होने का टाइम और शुरू होने के टाइम में बदलाव किया गया है, लेकिन अभी भी देखा जाता है कि कर्मचारी समय पर नहीं आते और समय से पहले चले जाते हैं. यहां पर वर्क कल्चर सुधारा जाना चाहिए. वहीं, जानकारों के मुताबिक कर्मचारियों के काम होने की टाइम लिमिट तय होनी चाहिए. इसके लिए कड़ाई बरतनी होगी, जो की सरकारी ढर्रे में संभव नहीं दिखता, जितना काम उतना दाम की पॉलिसी अपनानी चाहिए. (MP News)

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5-डे वीक से सरकार को होगा 370 करोड़ का फायदा: खर्च के हिसाब से देखें तो 5-डे वीक में सरकार को सालाना करीब 370 करोड़ से ज्यादा का फायदा होगा. पेट्रोल-डीजल पर ढाई हजार करोड़, किराए के वाहनों पर 400 करोड़, टेलीफोन, इंटरनेट पर 500 से 700 करोड़, सफाई पर 400 करोड़, मीटिंग में चाय-पानी पर 55 करोड़ का सालाना खर्च होता है.

Last Updated : Jan 5, 2023, 8:06 AM IST
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