भोपाल। मध्यप्रदेश अकेला प्रदेश है देश का जो अपने भूगोल की वजह से पहचाना जाता है. इसके भूगोल ने बनाया उसे ह्रदय प्रदेश. इसीलिए वह हिंदुस्तान का दिल कहलाया. कुदरती खूबसूरती से सराबोर मध्यप्रदेश की सतपुड़ा विंध्याचल पर्वत मालाएं इस प्रदेश की नदियां धार्मिक स्थल तक. इस प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले कवियों शायरों ने अपने-अपने ढंग से मध्यप्रदेश को अपनी कविताओं और शायरी में उतारा हैं. भवानी प्रसाद मिश्र की कविता सतपुड़ा के घने जंगल से लेकर मध्यप्रदेश गान तक देखिए कैसे ये प्रदेश कविता और शायरी में उतरा है. (67th foundation day of madhya pradesh) (mp foundation day on 1st november) (madhya pradesh heart of country)
इन वनों के खूब भीतर चार मुर्गे चार तीतरः सतपुड़ा और विंध्यालय पर्वत शृंखला मध्यप्रदेश की पहचान में शामिल है. भवानी प्रसाद मिश्र ने सतपुड़ा के इन्हीं घने जंगलों पर कालजयी कविता लिख दी थी. कविता भले सतपुड़ा के जंगलों पर है, लेकिन इस कविता में मध्यप्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य के साथ यहां की आदिवासी संस्कृति का भी परिचय मिलता है.
इन वनों के खूब भीतर,
चार मुर्गे, चार तीतर
पाल कर निश्चिन्त बैठे,
विजनवन के बीच बैठे,
झोंपडी पर फूस डाले
गोंड तगड़े और काले.
जबकि होली पास आती,
सरसराती घास गाती,
और महुए से लपकती,
मत्त करती बास आती,
गूंज उठते ढोल इनके,
गीत इनके, बोल इनके
सतपुड़ा के घने जंगल
नींद मे डूबे हुए से
उँघते अनमने जंगलय. (Four chickens, four pheasant, within a lot of these forests) (67th foundation day of madhya pradesh) (mp foundation day on 1st november) (madhya pradesh heart of country)
मध्यप्रदेश गान, सुख का दाता अपना मध्यप्रदेश हैः वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव का मध्यप्रदेश पर लिखा गीत तो अब मध्यप्रदेश गान बन चुका है. इस गीत में मध्यप्रदेश की धर्म संस्कृति आध्यात्म इतिहास के दर्शन मिलते हैं.
सुख का दाता, सब का साथी, शुभ का यह संदेश है,
मां की गोद, पिता का आश्रय, मेरा मध्यप्रदेश है.
विंध्याचल सा भाल, नर्मदा का जल जिसके पास है,
यहां ताप्ती और बेतवा का पावन इतिहास है.
उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न सम्पदा जहां अशेष है,
स्वर-सौरभ-सुषमा से मंडित, मेरा मध्यप्रदेश है.
क्षिप्रा में अमृत घट छलका, मिला कृष्ण को ज्ञान यहां,
महाकाल को तिलक लगाने,मिला हमें वरदान,
न्याय, वीरता, गायन, सब कुछ यहां विशेष है,
हृदय देश का यह, मैं इसका, मेरा मध्यप्रदेश है.
(Giver of happiness is his own Madhya Pradesh) (67th foundation day of madhya pradesh) (mp foundation day on 1st november) (madhya pradesh heart of country)
देश का दिल है हमारी जान है मध्यप्रदेशः उर्दू अकादमी की निदेशक और मशहूर शायरा डॉ नुसरत मेंहदी ने अपने प्रदेश को अपना मान अभिमान बताया है. और मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश को बेहद खूबसूरत अल्फाज़ों में अपनी शायरी में पिरोया है.
मान है, अभिमान है पहचान है मध्यप्रदेश
देश का दिल है हमारी जान है मध्यप्रदेश
नर्मदा और ताप्ती और बेतवा चंबल यहां
पचपढ़ी खजुराहो जैसे पर्यटन स्थल यहां
है अरावली सतपुड़ा भी और विंध्याचल यहां
स्वच्छ और शीतल हवाएं दे रहे जंगल यहां
पर्यटन साहित्य में और सांस्कृतिक परिवेश में
गर्व है सूबा हमारा अग्रणी है देश में
तुझ से ही ताप्ती का उद्गम भेड़ाघाट का तुझ में दर्शन. (Heart of the country is our life Madhya Pradesh) (67th foundation day of madhya pradesh) (mp foundation day on 1st november) (madhya pradesh heart of country)
शायर ने लिखी हिंदी पर कविताः नामचीन शायर डॉ. महताब आलम ने उर्दू के बजाए हिंदी में मध्यप्रदेश पर लंबी कविता लिखी है. और कोशिश की है कि मध्यप्रदेश की संस्कृति रवायत और इतिहास सब इसमें दर्ज हो सके.
मेरे मध्यप्रदेश की आत्मा
तेरी महिमा अपरम्पार
तेरे तन पर वस्त्र हरे वन के
तेरे मुख पर लाली फूलों की
तिरी नस नस गाये मल्हार
मेरे मध्यप्रदेश की आत्मा
तेरी महिमा अपरम्पार
तुझ से ही ताप्ती का उद्गम
भेड़ाघाट का तुझ में दर्शन
भोजताल का तुझ में वर्णन
खजुराहो की सभ्यता तुझमें
सांची का शाहकार तू ही है
तुझ पे बनी है भीम की बैठक
कालीदास की ज्ञान की चौखट
तानसेन के सुर की जवानी
सतपुड़ा का अभिलाषा तू ही है. (Poetry on Hindi written by the poet) (67th foundation day of madhya pradesh) (mp foundation day on 1st november) (madhya pradesh heart of country)