भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. इससे पहले पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सीएम हाउस पहुंचे. सागर में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मांग है कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाए. वहीं राज्य के तीन दिग्गज नेताओं की इस मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
लोगों को नहीं पता है हनीट्रैप की सच्चाई: मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि, उन्होंने पिछले 50 सालों में कई सरकार देखी, लेकिन BJP जैसा जंगलराज नहीं देखा. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि, कांग्रेस के कार्यकाल में हमने ऐसी कभी राजनीति नहीं की. जबकि मेरे पास पिछले मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक की शिकायतें आईं. लोगों को अभी तक ई-टेंडरिंग, हनीट्रैप की पूरी सच्चाई नहीं पता. मैं नहीं चाहता था कि प्रदेश की बदनामी हो.
मामले की जांच के लिए बनाएं कमेटी: दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मंत्री भूपेन्द्र सिंह के क्षेत्र खुरई और दूसरे जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने के लिए मामले दर्ज कराए जा रहे हैं. कार्यकर्ताओं पर झूठे केस लगाए जा रहे हैं. उनके मकान तोड़े जा रहे हैं. उनकी जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने अपने 50 साल के राजनैतिक जीवन में ऐसे झूठे केस लगाने के उदाहरण नहीं देखे, जैसे दतिया, खुरई और सुरखी में सामने आ रहे हैं। बीजेपी विरोध करने वालों विरोध में चुनाव लड़ने वालों पर मामले पंजीबद्ध करा रही है. उनके घर तोड़े जा रहे हैं. जेल भेजा जा रहा है.
कांग्रेस शुरू करेगी जेल भरो आंदोलन: दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमने सागर जिले में दो वकील तैनात किए हैं, जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के फ्री में केस लड़ेंगे। हमने मुख्यमंत्री से भी मामले की जांच कराने की मांग की है. सरकार इसकी विधानसभा अध्यक्षता की अध्यक्षता में एक विधानसभा की कमेटी से जांच कराए. विधि विभाग के सचिव को इसमें सचिव बनाया जाए. 30 अप्रैल तक इसकी जांच भेजी जाए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएम ने मामलों की जांच कराने का भरोसा दिलाया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि जांच नहीं कराई गई तो कांग्रेस जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी. हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ जेल जाएंगे.
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कमलनाथ ने कहा भूपेन्द्र का घर मैंने बचाया: कमलनाथ ने कहा कि भूपेन्द्र कुछ भी आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं उनकी पोल खोलता हूं. भूपेन्द्र सिंह का चार इमली वाला बंगला मैंने बचाया. मेरे कई मंत्री उस बंगले लेने के लिए बोल रहे थे, लेकिन भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मेरे बच्चे पढ़ रहे हैं, उनका बंगला रहने दिया जाए. इसके बाद मैं भूपेन्द्र सिंह का यह बंगला नकुल नाथ के नाम कर दिया. मैंने सोचा ये मानवता की बात है कि बच्चे पढ़ रहे हैं. मैंने उनके ऊपर कोई अहसान नहीं किया. कमलनाथ ने कहा कि मैंने कभी ऐसी राजनीति नहीं की, जबकि मेरे पास पिछले मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक की शिकायतें थी. लोगों को आज भी हनीट्रेप और ई टेंडर घोटाले की सच्चाई नहीं पता. मैं नहीं चाहता था कि हमारे प्रदेश की बदनामी हो.