भोपाल। 2023 में एमपी के सत्ता पलट और बीजेपी को बंपर जीत दिलाने वाला लोधी वोट बैंक 2023 में बीजेपी के बहिष्कार का मूड बना चुका है. खास बात ये है कि राहुल लोधी को कैबिनेट में जगह, रानी अवंतीबाई कल्याण बोर्ड के गठन और पार्टी से निष्कासित किए जा चुके प्रीतम लोधी को टिकट दिए जाने के बावजूद कभी बीजेपी का सबसे मजबूत वोट बैंक रहा लोधी समाज अब फिर कमल खिलाने के मूड में नहीं है.
भाजपा को चुनाव के समय आती है याद: मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल में खास प्रभाव रखने वाला लोधी समाज का संगठन पूरे प्रदेश में अभियान चला रहा है और समाज तक ये बात पहुंचा रहा है कि जिस दल ने समाज के साथ हमेशा छल किया इस चुनाव में उसे सबक सिखाना है. लोधी समाज के संगठन की युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष महेश नरवरिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी पर आरोप लगाया कि ''उमा भारती की याद पार्टी को चुनाव के 6 महीने पहले आती है और लोधी समाज के मंत्री भी चुनाव से दो महीने पहले ही बनाए जाते हैं.
बीजेपी का बायकॉट करेगा लोधी समाज: लोधी समाज की युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष महेश नरवरिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ''बीजेपी ने हमेशा समाज के साथ छल किया है. अब तक समाज 90 फीसदी वोट बीजेपी को देता रहा लेकिन जब जब समाज की समस्याओं की बात आई या समाज को सत्ता में प्रतनिधित्व देने की बात आई तो बीजेपी ने हमेशा धोखा किया. लोधी समाज की याद बीजेपी को हमेशा चुनाव के पहले आई है.'' नरवरिया उदाहरण के साथ बताते हैं कि ''बीजेपी की पिछली तीन पारियों में हमारे समाज के तीन मंत्री बनाए गए हैं. दशरथ सिंह को मंत्री बनाया जब चुनाव में केवल दो महीने बाकी थे. पिछली बार जालम सिंह पटेल मंत्री बनाए गए चुनाव के तीन महीने पहले. अब चुनाव में कम महीने का समय है तब राहुल लोधी मंत्री बनाए गए. केवल अपने हित साधने में जुटी है बीजेपी.''
उमा भारती कह चुकीं-समाज अपना निर्णय ले: धी समाज की युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष महेश नरवरिया का कहना है ''बीजेपी को हमारी नेता उमा भारती की याद भी चुनाव के 6 महीने पहले ही आती है. लेकिन इस बार 25 दिसम्बर को उमा भारती ने भी साफ कह दिया था कि समाज जिसे चाहे वोट करे मैं रोकूंगी नहीं, मेरे हाथ पार्टी से बंधे हैं. लेकिन समाज को जो निर्णय लेना है ले. इसीलिए समाज प्रदेश भर के जिलों में अपनी नई कार्यकारिणी बनाने के साथ अपने समाज के लोगों को समझा रहा है कि जिन्होंने हमेशा हमें छला है अब उनका साथ हम नहीं देंगे.''
100 सीटों पर समाज की सीधी ताकत: क्या लोधी समाज विधानसभा चुनाव में सियासी दलों की जीत हार का माद्दा रखता है. नरवरिया कहते हैं ''65 सीटें तो ऐसी हैं जहां लोधी समाज 15 हजार से 60 हजार के करीब वोट है. बाकी इन 65 सीटों को मिलाते हुए 100 सीटें हैं. प्रदेश में जहां सात हजार से पंद्रह हजार तक का वोट बैंक मौजूद है. लोधी समाज का झुकाव जिस तरफ होगा बाजी पलट जाएगी.