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MP Election 2023: BJP हाईकमान ने 9 मंत्रियों के टिकट किए होल्ड, इनमें 4 सिंधिया समर्थक, कई MLA के टिकट कटने का खतरा

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अब तक 136 प्रत्याशियों की सूची जारी की है. शिवराज मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 34 मंत्री हैं, जबकि एक पद रिक्त है. नौ मंत्रियों के टिकट होल्ड किए गए हैं. इन मंत्रियों की धड़कनें बढ़ गई हैं. इनमें 4 सिंधिया समर्थक मंत्री हैं. MP Election 2023

MP Election 2023
BJP हाईकमान ने 9 मंत्रियों के टिकट किए होल्ड
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 11, 2023, 9:34 AM IST

भोपाल। दो दिन पहले बीजेपी ने चौथी सूची में 57 प्रत्याशियों के नाम जारी किए. इनमें मुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री तथा शेष सभी विधायक हैं. लेकिन जिनकी धड़कनें बढ़ी हैं. वे हैं पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, नगरीय प्रशासन व विकास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया, लोक स्वास्थ्य व यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, उषा ठाकुर, रामलेखावन पटेल. इसके अलावा स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार भी शामिल हैं. खेल व युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.

रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं : हाल ही में मंत्री बनाए गए नर्मदा घाटी विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन अपनी पुत्री मौसम बिसेन को टिकट दिलाना चाह रहे हैं. भाजपा ने जिस तरह परिजनों के लिए टिकट मांगने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को खुद मैदान में उतारा है, उससे बिसेन की बात को पार्टी कितना मानेगी, यह नहीं कहा जा सकता. बताया जाता है कि जिन मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें अधिकांश की रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री चौहान ने खराब परफारमेंस वाले कई मंत्रियों को बुलाकर समझाइश भी दी थी. साथ ही परफारमेंस सुधारने को भी कहा था. जिन राज्य मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया, बृजेंद्र सिंह यादव तथा सुरेश धाकड़ पहली बार विधायक बने थे.

विधायकों को कटने का खतरा : भाजपा की चौथी सूची में जिस तरह दो दर्जन मंत्रियों समेत 57 विधायकों को फिर टिकट दिया गया है, उसने टिकट के आधार को काफी हद तक साफ कर दिया है. जिन मंत्रियों का परफारमेंस ठीक नहीं है या वे क्षेत्र में ही आरोपों के घेरे में हैं, उनके टिकट होल्ड कर दिए गए हैं. यही फार्मूला कुछ मौजूदा विधायकों पर भी अपनाया गया है. चौथी सूची ने इन नौ मंत्रियों समेत 67 विधायकों की नींद उड़ा दी है. सूत्रों की मानें तो नवरात्र में एक और सूची आ रही है. उसमें कुछ विधायकों को टिकट मिल सकता है. उपचुनाव के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 127 हो गई थी. इसमें तीन विधायकों के टिकट वह पहले ही काट चुकी है. जालम सिंह पटेल का टिकट काट कर उनके भाई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है.

पितृपक्ष में सूची जारी कर चौंकाया : केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारा गया है. मैहर से पार्टी ने वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट उनके पार्टी विरोधी बयानों के चलते पहले ही काट दिया गया था. भाजपा ने पितृ पक्ष में चौथी सूची जारी कर सभी को चौंका दिया है. इसके पहले के चार चुनावों में पार्टी ने कभी पितृ पक्ष में अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की. भाजपा इस बार प्रत्याशियों को चुनावी तैयारी का पर्याप्त मौका देने और संभावित भितरघात को कंट्रोल करने के लिए जल्द टिकट बांट रही है.

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67 सीटों पर नाम रोके : अभी 67 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम रोके गए हैं. इनमें एक दर्जन से अधिक ऐसी सीटें हैं, जहां पार्टी के सामने भारी कसमकस की स्थिति है. इंदौर तीन से आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं. उनके पिता को पार्टी इंदौर-एक से प्रत्याशी बना चुकी है, लिहाजा उनका टिकट खतरे में है. इसी तरह भोपाल के दक्षिण-पश्चिम सीट पर एक से ज्यादा दावेदार होने से यहां का टिकट होल्ड कर दिया गया है. जबलपुर की उत्तर- मध्य सीट पर टिकट होल्ड है. यहां से पिछली बार भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने निर्दलीय मैदान में उतरकर भाजपा का गणित बिगाड़ा था.

भोपाल। दो दिन पहले बीजेपी ने चौथी सूची में 57 प्रत्याशियों के नाम जारी किए. इनमें मुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री तथा शेष सभी विधायक हैं. लेकिन जिनकी धड़कनें बढ़ी हैं. वे हैं पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, नगरीय प्रशासन व विकास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया, लोक स्वास्थ्य व यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, उषा ठाकुर, रामलेखावन पटेल. इसके अलावा स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार भी शामिल हैं. खेल व युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.

रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं : हाल ही में मंत्री बनाए गए नर्मदा घाटी विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन अपनी पुत्री मौसम बिसेन को टिकट दिलाना चाह रहे हैं. भाजपा ने जिस तरह परिजनों के लिए टिकट मांगने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को खुद मैदान में उतारा है, उससे बिसेन की बात को पार्टी कितना मानेगी, यह नहीं कहा जा सकता. बताया जाता है कि जिन मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें अधिकांश की रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री चौहान ने खराब परफारमेंस वाले कई मंत्रियों को बुलाकर समझाइश भी दी थी. साथ ही परफारमेंस सुधारने को भी कहा था. जिन राज्य मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया, बृजेंद्र सिंह यादव तथा सुरेश धाकड़ पहली बार विधायक बने थे.

विधायकों को कटने का खतरा : भाजपा की चौथी सूची में जिस तरह दो दर्जन मंत्रियों समेत 57 विधायकों को फिर टिकट दिया गया है, उसने टिकट के आधार को काफी हद तक साफ कर दिया है. जिन मंत्रियों का परफारमेंस ठीक नहीं है या वे क्षेत्र में ही आरोपों के घेरे में हैं, उनके टिकट होल्ड कर दिए गए हैं. यही फार्मूला कुछ मौजूदा विधायकों पर भी अपनाया गया है. चौथी सूची ने इन नौ मंत्रियों समेत 67 विधायकों की नींद उड़ा दी है. सूत्रों की मानें तो नवरात्र में एक और सूची आ रही है. उसमें कुछ विधायकों को टिकट मिल सकता है. उपचुनाव के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 127 हो गई थी. इसमें तीन विधायकों के टिकट वह पहले ही काट चुकी है. जालम सिंह पटेल का टिकट काट कर उनके भाई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है.

पितृपक्ष में सूची जारी कर चौंकाया : केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारा गया है. मैहर से पार्टी ने वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट उनके पार्टी विरोधी बयानों के चलते पहले ही काट दिया गया था. भाजपा ने पितृ पक्ष में चौथी सूची जारी कर सभी को चौंका दिया है. इसके पहले के चार चुनावों में पार्टी ने कभी पितृ पक्ष में अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की. भाजपा इस बार प्रत्याशियों को चुनावी तैयारी का पर्याप्त मौका देने और संभावित भितरघात को कंट्रोल करने के लिए जल्द टिकट बांट रही है.

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67 सीटों पर नाम रोके : अभी 67 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम रोके गए हैं. इनमें एक दर्जन से अधिक ऐसी सीटें हैं, जहां पार्टी के सामने भारी कसमकस की स्थिति है. इंदौर तीन से आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं. उनके पिता को पार्टी इंदौर-एक से प्रत्याशी बना चुकी है, लिहाजा उनका टिकट खतरे में है. इसी तरह भोपाल के दक्षिण-पश्चिम सीट पर एक से ज्यादा दावेदार होने से यहां का टिकट होल्ड कर दिया गया है. जबलपुर की उत्तर- मध्य सीट पर टिकट होल्ड है. यहां से पिछली बार भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने निर्दलीय मैदान में उतरकर भाजपा का गणित बिगाड़ा था.

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