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MP Election 2023: एमपी में बैठकों का दौर जारी, 22 को जेपी नड्डा और 30 को अमित शाह पहुंचेंगे भोपाल - BJP President JP Nadda bhopal visit

मध्य प्रदेश के चुनाव नजदीक आते ही भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं. 22 जुलाई को जेपी नड्डा और 30 जुलाई को अमित शाह भोपाल पहुंचेंगे. इससे पहले 11 जुलाई को अमित शाह ने अचानक भोपाल का दौरा किया था और 2 घंटे रुककर बैठक ली थी. Amit Shah MP Election Strategy

MP Election 2023
अमित शाह और जेपी नड्डा का भोपाल दौरा
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Published : Jul 20, 2023, 1:27 PM IST

भोपाल। बीजेपी में बैठकों का दौर लगातार जारी है. मिशन 2023 की तैयारी के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्ल भी मोर्चे पर डट गया है. 22 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आने वाले हैं, तो वहीं 30 को फिर गृह मंत्री अमित शाह भोपाल में बड़ी बैठके लेंगे. बता दें 11 जुलाई को अमित शाह ने अचानक भोपाल का दौरा किया था और 2 घंटे रुककर बैठक ली. इस बैठक का सीधा फोकस एमपी में 2023 में होने वाले चुनाव को लेकर था, कि किस रणनीति के जरिए चुनाव जीतें. अमित शाह ने प्रदेश के हर क्षेत्र की रिपोर्ट पर चर्चा की. हालांकि लाडली बहना योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इससे बीजेपी के पक्ष में माहौल बन रहा है. प्रदेश की आधी आबादी को रिझाने में बीजेपी सफल होती दिखाई दे रही हैं. वहीं, अब दोबारा 30 जुलाई को फिर अमित शाह भोपाल आ रहे हैं. दिन भर तो बैठकों का दौर रहेगा और शाह रात्रि विश्राम भी भोपाल में ही करेंगे.

अमित शाह की बैठकों में क्या होगाः अमित शाह जब बैठक लेंगे तो इसमें ये तय होगा कि भाजपा की दिशा क्या होगी, मुद्दे क्या होंगे, नारे क्या होंगे. प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने दो दिनों तक मीडिया, इंटरनेट मीडिया और अन्य विभागों के साथ बैठक कर मध्य प्रदेश के राजनीतिक माहौल को समझा है. वहीं, चुनाव प्रबंधन की कमान संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर भी प्लान में जुट गए हैं कि कैसे चुनावी जीत के लिए रणनीति बिछाई जाए. पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि अगली बैठक में चुनाव के राजनीतिक मुद्दे तय होंगे, चुनाव थीम क्या होगी , इसका फैसला 30 जुलाई को ले लिया जाएगा. (Amit Shah MP Election Strategy)

अमित शाह के पहले 22 को जेपी नड्डा भोपाल पहुंचेंगेः अमित शाह के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 22 जुलाई को भोपाल पहुंचेंगे. शाह के दौरे के पहले नड्डा चुनावी तैयारी को लेकर सभी मोर्चा, पदाधिकारियों के साथ पार्टी के आने वाले क्या कार्यक्रम हैं. इसे लेकर बैठक लेने वाले हैं. मकसद है हर हाल में पार्टी को जीत चाहिए, 2018 की गलतियां क्या हुई हैं, इसपर भी नड्डा बैठक में चर्चा कर सकते हैं. नड्डा के दौरे को लेकर बीजेपी कार्यालय में लगातार बैठकों का दौर जारी है. सभी को होम वर्क दे दिया गया है. सभी अपने दिए गए टास्क में जुट गए हैं. आखिर बड़े नेताओं के दौरे लगातार क्यों हो रहे हैं, कहीं बीजेपी को हार का डर तो नहीं है. भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरों को लेकर पार्टी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि बड़े नेताओं का मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहता है और चुनावी साल में दौरे लगातार होते रहते हैं. सभी को जिम्मेदारी दी जाती है. पार्टी ने चुनावी अभियान की शुरुआत उसी दिन से कर ली, जिस दिन अमित शाह भोपाल आए थे

अमित शाह की नजर हारी हुई सीटों पर बीजेपी की नजरः 103 सीटों पर है जो उसने हारी है, खास तौर से उन सीटों पर ज्यादा फोकस है जो ज्यादा वोटों से नहीं हारी है. प्रदेश में 10 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत-हार का अंतर 1000 वोट का था. ये सीटें ग्वालियर चंबल की हैं. 18 सीटें वे हैं जहां बीजेपी के कैंडिडेट 2000 वोट के अंतर से हारे. इसी तरह 30 सीटें हैं जहां पर जीत का अंतर 3,000 से कम रहा. वहीं, 45 सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर 5,000 से कम रहा है. बीजेपी इन सीटों को आकांक्षी सीटें मान रही है. ऐसी सीटों को मिला लिया जाए तो 100 के आसपास का आंकड़ा पार्टी की नजर में है. बीजेपी को लग रहा है कि यदि इन सीटों को जीत लिया तो उसका मिशन 2023 पूरा हो जाएगा.

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कांग्रेस नेताओं को बीजेपी में करना शामिलः बीजेपी में दिगज्जों के दौरे के पहले कांग्रेस नेताओं का बीजेपी में शामिल होना. बीजेपी लगातार उन नेताओं को पार्टी में शामिल करा रही है जो कांग्रेस से नाराज हैं, बीजेपी ने आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले से करीब 200 लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई. पार्टी ने कुनबी समाज के मुन्ना मानकर को पार्टी में शामिल किया. पार्टी के मुताबिक बैतूल जिले में कुनबी समाज की आबादी करीब 3 लाख है. ऐसे में पार्टी ने यहां के कुनबी समाज को साधने की कोशिश की है.

भोपाल। बीजेपी में बैठकों का दौर लगातार जारी है. मिशन 2023 की तैयारी के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्ल भी मोर्चे पर डट गया है. 22 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आने वाले हैं, तो वहीं 30 को फिर गृह मंत्री अमित शाह भोपाल में बड़ी बैठके लेंगे. बता दें 11 जुलाई को अमित शाह ने अचानक भोपाल का दौरा किया था और 2 घंटे रुककर बैठक ली. इस बैठक का सीधा फोकस एमपी में 2023 में होने वाले चुनाव को लेकर था, कि किस रणनीति के जरिए चुनाव जीतें. अमित शाह ने प्रदेश के हर क्षेत्र की रिपोर्ट पर चर्चा की. हालांकि लाडली बहना योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इससे बीजेपी के पक्ष में माहौल बन रहा है. प्रदेश की आधी आबादी को रिझाने में बीजेपी सफल होती दिखाई दे रही हैं. वहीं, अब दोबारा 30 जुलाई को फिर अमित शाह भोपाल आ रहे हैं. दिन भर तो बैठकों का दौर रहेगा और शाह रात्रि विश्राम भी भोपाल में ही करेंगे.

अमित शाह की बैठकों में क्या होगाः अमित शाह जब बैठक लेंगे तो इसमें ये तय होगा कि भाजपा की दिशा क्या होगी, मुद्दे क्या होंगे, नारे क्या होंगे. प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने दो दिनों तक मीडिया, इंटरनेट मीडिया और अन्य विभागों के साथ बैठक कर मध्य प्रदेश के राजनीतिक माहौल को समझा है. वहीं, चुनाव प्रबंधन की कमान संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर भी प्लान में जुट गए हैं कि कैसे चुनावी जीत के लिए रणनीति बिछाई जाए. पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि अगली बैठक में चुनाव के राजनीतिक मुद्दे तय होंगे, चुनाव थीम क्या होगी , इसका फैसला 30 जुलाई को ले लिया जाएगा. (Amit Shah MP Election Strategy)

अमित शाह के पहले 22 को जेपी नड्डा भोपाल पहुंचेंगेः अमित शाह के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 22 जुलाई को भोपाल पहुंचेंगे. शाह के दौरे के पहले नड्डा चुनावी तैयारी को लेकर सभी मोर्चा, पदाधिकारियों के साथ पार्टी के आने वाले क्या कार्यक्रम हैं. इसे लेकर बैठक लेने वाले हैं. मकसद है हर हाल में पार्टी को जीत चाहिए, 2018 की गलतियां क्या हुई हैं, इसपर भी नड्डा बैठक में चर्चा कर सकते हैं. नड्डा के दौरे को लेकर बीजेपी कार्यालय में लगातार बैठकों का दौर जारी है. सभी को होम वर्क दे दिया गया है. सभी अपने दिए गए टास्क में जुट गए हैं. आखिर बड़े नेताओं के दौरे लगातार क्यों हो रहे हैं, कहीं बीजेपी को हार का डर तो नहीं है. भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरों को लेकर पार्टी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि बड़े नेताओं का मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहता है और चुनावी साल में दौरे लगातार होते रहते हैं. सभी को जिम्मेदारी दी जाती है. पार्टी ने चुनावी अभियान की शुरुआत उसी दिन से कर ली, जिस दिन अमित शाह भोपाल आए थे

अमित शाह की नजर हारी हुई सीटों पर बीजेपी की नजरः 103 सीटों पर है जो उसने हारी है, खास तौर से उन सीटों पर ज्यादा फोकस है जो ज्यादा वोटों से नहीं हारी है. प्रदेश में 10 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत-हार का अंतर 1000 वोट का था. ये सीटें ग्वालियर चंबल की हैं. 18 सीटें वे हैं जहां बीजेपी के कैंडिडेट 2000 वोट के अंतर से हारे. इसी तरह 30 सीटें हैं जहां पर जीत का अंतर 3,000 से कम रहा. वहीं, 45 सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर 5,000 से कम रहा है. बीजेपी इन सीटों को आकांक्षी सीटें मान रही है. ऐसी सीटों को मिला लिया जाए तो 100 के आसपास का आंकड़ा पार्टी की नजर में है. बीजेपी को लग रहा है कि यदि इन सीटों को जीत लिया तो उसका मिशन 2023 पूरा हो जाएगा.

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