भोपाल। मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ.माधव हसानी का कहना है कि मध्य प्रदेश में लंबे समय से चिकित्सकों का प्रमोशन रुका है. वहीं कई वेतन विसंगतियां भी हैं, जिसको लेकर सरकार को बार-बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही. डॉक्टर्स की इस यात्रा में 7 मेडिकल एसोसिएशन ने मिलकर महासंघ बनाया है. जिसमें मेडिकल टीचर, चिकित्सा शिक्षा अधिकारी, चिकित्सा शिक्षक कर्मचारी अधिकारी संघ व अन्य डॉक्टर और नर्स भी जुड़े हुए हैं. जिसके बैनर तले ये आंदोलन हो रहा है.
सीएम शिवराज से मुलाकात की मांग : संघ के संयोजक डॉ.राकेश मालवीय का कहना है कि हमने सभी डॉक्टर्स को एकजुट कर लिया है और सरकार से भी बार-बार अपनी मांग रख दी है. ऐसे में अंतिम फैसला अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को करना है. वह अगर चाहें तो प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर हमसे पूरी जानकारी ले सकते हैं. अन्यथा मंगलवार को भोपाल में आयोजित समापन सभा के बाद प्रदेश के चिकित्सालयों में काम बंद का फैसला भी लिया जा सकता है.
ग्वालियर से शुरू हुई यात्रा : अब तक 13 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में संपर्क कर चुके हैं ये डॉक्टर्स. ये यात्रा 27 जनवरी 2023 को ग्वालियर से आरंभ हुई थी. जो मध्यप्रदेश के मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवारी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पतालों एवं 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरते हुए 7 फरवरी को भोपाल पहुंचेगी.
साढ़े 5 हजार किमी पैदल सफर : चिकित्सा शिक्षा संघ के अविनाश ठाकुर का कहना ग्वालियर से शुरू हुई यह यात्रा जब भोपाल पर मंगलवार को समापन होगी तो लगभग 5500 किलोमीटर हम चल चुके होंगे. इस दौरान जगह-जगह हमें सभी डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर और मेडिकल लाइन से जुड़े छात्र और नर्सेज का भी काफी समर्थन मिला है. सभी हमारे साथ और लोग भी हैं. इस रैली और यात्राओं में भी बड़ी संख्या में चिकित्सक जुड़ रहे हैं. 8 से 10 हज़ार तक डॉक्टर्स महासंघ में शामिल हो चुके है. हमारा उद्देश्य सिर्फ सभी को एकजुट करना है.