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MP में अवकाश पर तहसील के अफसर, अब कैसे होगा बर्बाद फसलों का सर्वे

मध्यप्रदेश में सरकार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हो रही फसलों के नुकसान का सर्वे करवाएगी. लेकिन सोमवार से मध्यप्रदेश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार अवकाश पर जा रहे हैं, ऐसे में सर्वे कैसे होगा ये जानने वाली बात होगी.

crop damage compensation in mp
एमपी बर्बाद फसलों का मुआवजा
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Published : Mar 19, 2023, 10:31 PM IST

एमपी बर्बाद फसलों का मुआवजा

भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. सरकार बारिश और ओले से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे करवाएगी. 15 जिलों में सर्वे शुरू भी हो गया है, लेकिन यह सर्वे कैसे होगा इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है क्योंकि सोमवार से ही मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं.

बेमौसम बारिश से किसान परेशान: मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर इन जिलों में फसलों के नुकसान का सर्वे शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देते हुए कहा कि सरकार उनके साथ है और जो भी नुकसान उनका हुआ है उसकी भरपाई सरकार करेगी. इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है. राजस्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के 12 से 15 दिनों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे के निर्देश दे दिए गए हैं.

फसलों के नुकसान के सर्वे पर संशय: यह सर्वे कैसे हो पाएगा इसको लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रमोशन और वेतनमान सहित दूसरी मांगों को लेकर सोमवार से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने वाले हैं. प्रदेश के तहसीलदार संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल का कहना है कि, तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांगों को लेकर कई बार पत्राचार कर चुके हैं. बावजूद अभी तक उनकी मांगे नहीं मानी गई है इसलिए वे सामूहिक अवकाश पर जा रहे.

इन खबरों पर भी एक नजर:

कैसे होगा सर्वे: गुलाब सिंह बघेल ने कहा कि नियमित प्रमोशन, कार्यवाहक सूची 28 अक्टूबर 2022 को पूरी हो चुकी थी. उसका भी प्रकाशन नहीं किया गया. लगातार अधिकारियों के साथ बैठक हो रही है. नायाब तहसीलदारों को राजपत्र में शामिल किया जाए. ग्रेड पे की जो विसंगतियां हैं उसे दूर किया जाए यह मांगे कोई बड़ी नहीं है. अगर मांगे नहीं मानी गई तो 3 दिन के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा. वहीं इनका कहना है कि जब तहसीलदार, नायब तहसीलदारों के साथ ही अन्य कर्मचारी अवकाश पर रहेंगे तो ऐसे में सर्वे कैसे हो पाएगा. यह सरकार ही जाने.

15 जिले में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद: गुलाब सिंह के अनुसार मध्य प्रदेश में लगभग 13 सौ के करीब तहसीलदार और नायब तहसीलदार हैं. ऐसे में यह सभी 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर साथ रहेंगे. मध्य प्रदेश के जिन जिलों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है उसमें छिंदवाड़ा, बालाघाट, गवालियर, भोपाल, सागर दमोह, विदिशा सहित 15 जिले शामिल हैं. वहीं बड़वानी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फिलहाल तो सवाल यही उठता है कि सरकार बारिश से मची तबाही के बाद फसलों के नुकसान का सर्वे कैसे कराएगी.

एमपी बर्बाद फसलों का मुआवजा

भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. सरकार बारिश और ओले से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे करवाएगी. 15 जिलों में सर्वे शुरू भी हो गया है, लेकिन यह सर्वे कैसे होगा इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है क्योंकि सोमवार से ही मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं.

बेमौसम बारिश से किसान परेशान: मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर इन जिलों में फसलों के नुकसान का सर्वे शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देते हुए कहा कि सरकार उनके साथ है और जो भी नुकसान उनका हुआ है उसकी भरपाई सरकार करेगी. इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है. राजस्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के 12 से 15 दिनों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे के निर्देश दे दिए गए हैं.

फसलों के नुकसान के सर्वे पर संशय: यह सर्वे कैसे हो पाएगा इसको लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रमोशन और वेतनमान सहित दूसरी मांगों को लेकर सोमवार से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने वाले हैं. प्रदेश के तहसीलदार संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल का कहना है कि, तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांगों को लेकर कई बार पत्राचार कर चुके हैं. बावजूद अभी तक उनकी मांगे नहीं मानी गई है इसलिए वे सामूहिक अवकाश पर जा रहे.

इन खबरों पर भी एक नजर:

कैसे होगा सर्वे: गुलाब सिंह बघेल ने कहा कि नियमित प्रमोशन, कार्यवाहक सूची 28 अक्टूबर 2022 को पूरी हो चुकी थी. उसका भी प्रकाशन नहीं किया गया. लगातार अधिकारियों के साथ बैठक हो रही है. नायाब तहसीलदारों को राजपत्र में शामिल किया जाए. ग्रेड पे की जो विसंगतियां हैं उसे दूर किया जाए यह मांगे कोई बड़ी नहीं है. अगर मांगे नहीं मानी गई तो 3 दिन के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा. वहीं इनका कहना है कि जब तहसीलदार, नायब तहसीलदारों के साथ ही अन्य कर्मचारी अवकाश पर रहेंगे तो ऐसे में सर्वे कैसे हो पाएगा. यह सरकार ही जाने.

15 जिले में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद: गुलाब सिंह के अनुसार मध्य प्रदेश में लगभग 13 सौ के करीब तहसीलदार और नायब तहसीलदार हैं. ऐसे में यह सभी 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर साथ रहेंगे. मध्य प्रदेश के जिन जिलों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है उसमें छिंदवाड़ा, बालाघाट, गवालियर, भोपाल, सागर दमोह, विदिशा सहित 15 जिले शामिल हैं. वहीं बड़वानी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फिलहाल तो सवाल यही उठता है कि सरकार बारिश से मची तबाही के बाद फसलों के नुकसान का सर्वे कैसे कराएगी.

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