भोपाल। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदाकर्मियों को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों के बाद हुए विरोध को देखते हुए अब इसमें संशोधन की तैयारी की जा रही है. जारी दिशा निर्देशों का कर्मचारी संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है और इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा किए गए ऐलान के विपरीत बताया है. उधर मध्यप्रदेश में संविदा कर्मियों को सौ फीसदी वेतनमान का लाभ देने के लिए वित्त विभाग तैयारियों में जुट गया है. वित्त विभाग ने सेवा शर्तों के संबंध में निर्देश जारी करने के बाद अब सभी विभागों को पत्र लिखा है.
वित्त विभाग ने पूछा कितना भार आएगा: वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर पूछा है कि संविदा कर्मचारियों को 100 फीसदी वेतन देने से कितना अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. इसके अलावा विभागों से पूछा गया है कि संविदाकर्मियों की किस पद के विरूद्ध भर्ती की गई है. सभी विभागों से 31 जुलाई तक जानकारी देने के लिए कहा गया है ताकि समय सीमा में वेतन में संशोधन कर कर्मचारियों को 100 फीसदी वेतन का लाभ दिया जा सके. दरअसल संविदाकर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश, अनुकंपा जैसे सुविधाएं देने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में संशोधन भी कर दिया है. हालांकि कर्मचारियों ने इसे मुख्यमंत्री के ऐलान के अनुरूप नहीं बताया है, इसके चलते इसमें भी संशोधन किया जा रहा है.
नियमित करने की प्रक्रिया आसान नहीं: हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग ने जो नियम जारी किए हैं, उसमें संविदा कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया आसान नहीं हैं. संविदा कर्मियों को नियमित होने के लिए सरकार द्वारा तय किए गए पैमानों के अनुरूप खरा उतरना होगा. इसके तहत विभागों में नियमित पदों पर होने वाली सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए 50 फीसदी पद रखे जाएंगे। इसमें जो खरे उतरेंगे, वे ही नियमित किए जाएंगे. आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हें मिलेगा, जिनकी संविदा की अविधि 5 साल पूरी हो गई हो. इसके लिए संविदा कर्मचारियों को अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा.