भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 20 दिनों से हड़ताल कर रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन अब अपने उच्च स्तर पर पहुंचता जा रहा है. नियमितीकरण की मांग को लेकर यह सभी भोपाल में एकत्रित हुए और मुख्यमंत्री निवास जाने की तैयारी में जुट गए. जिसके बाद प्रशासन को सूचना मिली तो उन्होंने इन्हें स्थान दे दिया और यहीं धरना प्रदर्शन की अनुमति भी दे दी गई. प्रदेश भर से आए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे. एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर यह हर तरह का प्रयास कर चुके हैं. बावजूद इसके उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में सरकार क्या चाहती है यह समझ में नहीं आ रहा है.
आंदोलन में परिजन भी शामिल: छिंदवाड़ा से आई महिला स्वास्थ्य कर्मचारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी भेंट करने आई थी. अपने हाथों से बनी बड़ी-बड़ी राखियां लेकर यहां पहुंची और कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हम सभी बहनों के भाई हैं. ऐसे में बहनों का जो दर्द है, उसे हमारे भाई को समझना चाहिए. हम उनके लिए यह राखी लेकर आए हैं और उन्हें भेंट करना चाहते हैं. वहीं प्रदेशभर से आए इन NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ उनके परिवार के लोग भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. इनके साथ छोटे-छोटे बच्चों के साथ कई महिलाएं यहां पहुंची. उनका कहना था कि उनके सामने परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है. इतनी कम सैलरी में इनका गुजारा नहीं होता. यह 10 से 15 सालों से संविदा पर ही काम कर रहे हैं. ऐसे में सरकार अगर इन्हें नियमित नहीं करती है, तो यह कहां जाएंगे.
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मध्य प्रदेश में हज़ारों संविदा स्वास्थ्य कर्मी 20 दिन से हड़ताल पर हैं। कोरोना माहमारी के दौरान सरकार इन्हें कोरोना योद्धा बता रही थी और आज ये अपनी माँगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल है ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से आम जनता को बहुत परेशानी हो…
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 8, 2023
स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल है ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से आम जनता को बहुत परेशानी हो…मध्य प्रदेश में हज़ारों संविदा स्वास्थ्य कर्मी 20 दिन से हड़ताल पर हैं। कोरोना माहमारी के दौरान सरकार इन्हें कोरोना योद्धा बता रही थी और आज ये अपनी माँगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
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स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल है ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से आम जनता को बहुत परेशानी हो…
संविदा कर्मियों को कमलनाथ का साथ: वहीं जबलपुर से आई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी रोली का कहना था कि सरकार हर बार नियमितीकरण की बात कहती है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक नियमित नहीं किया गया. चुनावी साल में भी सरकार सिर्फ लॉलीपॉप देकर घोषणाएं करती है. इस बार यह नियमितीकरण का आदेश लेकर ही जाएंगे. अगर इनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो यह सभी अपनी हड़ताल लगातार जारी रखेंगे. फिलहाल तो प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी मांगों का निराकरण नहीं होता है तो चुनावी साल में बीजेपी सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के समर्थन में ट्वीट किया है और मुख्यमंत्री शिवराज से इनकी मांगों का निराकरण करने की बात कही है. कमलनाथ ने कहा है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोरोना के दौरान एक योद्धा की तरह काम किया अब उनकी वाजिब मांगों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.