भोपाल। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों से बड़े-बड़े वादे करके भाजपा ने सरकार तो बना ली, लेकिन अब भाजपा को मंत्रिमंडल विस्तार करने में पसीना आ रहा है. शिवराज सरकार को 2 महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है, लेकिन सरकार सिर्फ पांच मंत्रियों के भरोसे चल रही है. जब भी शिवराज सिंह की राज्यपाल से मुलाकात होती है, तो मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन विस्तार हो नहीं पा रहा है. इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी निशासा साधा है.
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी और सिंधिया के समर्थक 22 पूर्व विधायकों को खरीद-फरोख्त और सौदेबाजी के आधार पर सरकार बनाई है. इसका खामियाजा मध्य प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल नहीं बन पा रहा है. पूर्व विधायक कहते हैं कि हम लोगों में से 12 से 15 लोगों को मंत्री बनाने का वादा किया था. वहीं बीजेपी में 40-50 विधायक ऐसे हैं, जो तीन से चार बार के विधायक हैं. अब बीजेपी इन 22 पूर्व विधायकों से अपने वादे तोड़ने की तरफ बढ़ रही है और काम निकलने के बाद इनसे पल्ला झाड़ना चाहती है. वहीं यह लोग बीजेपी पर लगातार दबाव बना रहे हैं. इसलिए मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है. मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण चारों ओर त्राहिमाम मचा हुआ है और बीजेपी और सिंधिया समर्थक राजनीति और स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं.
बीजेपी ने दिया जवाब
वहीं बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार होना संभावित और अपेक्षित भी है. रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बीजेपी में ना झंझट है ना झंझावात. यहां ना 5 में है ना 25 में, इसलिए जब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह राज्यपाल से मिलकर तय करेंगे तब मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा.
यह है मौजूदा स्थिति
सूत्रों की माने तो ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 10 समर्थकों को मंत्री बनवाना चाहते हैं. वहीं बीजेपी में 30 से 40 ऐसे विधायक हैं, जो तीन से चार बार चुनाव जीत चुके हैं. मप्र में मुख्यमंत्री सहित 35 मंत्री बन सकते हैं. पांच मंत्री पहले ही बनाए जा चुके हैं. इस तरह मंत्रिमंडल के लिए 29 पद खाली हैं. पहले मंत्रिमंडल विस्तार में दो सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया गया है और आठ सिधिया समर्थक अभी भी मंत्रिमंडल में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें चुनाव लड़ना है और मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी से वे परेशान हैं.
इस बात का बीजेपी को सता रहा डर
शिवराज सिंह 8 सिंधिया समर्थकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर लेते हैं, तो भाजपा के लिए सिर्फ 16 मंत्री पद बचे रहेंगे. असंतोष पर काबू रखने के लिए शिवराज सिंह कुछ मंत्री पद खाली भी रखना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में बीजेपी के अंदर काफी असंतोष पनप रहा है. बीजेपी को डर सता रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि हमारे विधायक बागी हो जाएं और कांग्रेस के साथ जा खड़े हों. बीजेपी को डर है कि ऐसा ना हो कि उपचुनाव के पहले कोई बड़ा राजनीतिक खेल हो जाए. क्योंकि कमलनाथ बयान दे चुके हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार पर हमारी नजर है और आप देखिए क्या होता है.