MP Monsoon Session 2023: 11 जून से शुरु हुई मध्य प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र की कार्यवाही 3 दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. बुधवार को शुरु हुई विधानसभा की कार्यवाही शुरुआत से ही हंगामे से भरी रही, कांग्रेस के आदिवासी विधायक गर्भगृह में पहुंच गए, जिसके कारण पहले कार्यवाही 10 मिनट के स्थगित की गई. दरअसल विपक्ष सीधी पेशाब कांड को लेकर काफी हंगामा कर रहा था, 10 मिनट बाद भी हंगामा शांत ना होने पर कार्यवाही अनिश्चितकाल काल के लिए स्थगित कर दी गई.
हंगामे के बीच पारित हुआ अनुपूरक बजट: प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर चर्चा की मांग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शोर-शराब इतना बड़ा कि विधानसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद फिर से सत्र शुरू हुआ, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही फिर गर्भगृह में पहुंच गए और सरकार से आदिवासियों पर हाल ही में जो मामले हुए हैं, उस पर चर्चा करने की मांग करने लगे, इस बीच सत्तापक्ष से भी मंत्री और विधायक बोलने लगे. हंगामा थमता नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधेयकों को पास किया और कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. कार्यवाही स्थगित करने के पहले कार्यसूची में शामिल सभी प्रस्तावों को शोर-शराबे के बीच पूरा कर लिया गया था.
शुरू होने के पहले ही जताई थी स्थगित होने की संभावना: पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही कहा था कि "आज विधानसभा सत्र को खत्म करवाया जाएगा, इतना हंगामा किया जाएगी कि विधानसभा आज ही स्थगित हो जाएगी. इससे सत्ता पक्ष को किसी भी मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं करनी पड़ेगी. विपक्ष जिस मुद्दे पर पर चर्चा करना चाहता, सरकार उस मुद्दे से भागती है." वहीं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया था, उन्होंने कहा था कि "सरकार किसी सी मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती."
2 दिन में ही सिमटा मानसून सत्र: सदन की कार्रवाई 15 जुलाई तक चलनी थी, लेकिन कांग्रेस ने आदिवासी अत्याचार, महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरना शुरू किया, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया और लगातार हंगामा होता रहा. इस बीच कई विधायक भी हंगामे के बीच पारित कर दिए गए और कार्य सूची भी पूरी कर ली गई, फिर हंगामे के बीच विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस तरह 15 तारीख तक चलने वाला मानसून सत्र सिर्फ 2 दिन में ही सिमट गया.
सदन में किसने क्या कहा: विधायक संजीव सिंह ने भिंड में रेत भंडारण में अनिमियता का मुद्दा उठाया. उन्होंने अवैध भंडारण पर कार्रवाई नहीं होने का भी आरोप लगाया. मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने विधायक संजीव सिंह के सवाल का जवाब दिया. मंत्री ब्रजेंद्र प्रताप ने कहा कि अवैध भंडारण और अवैध रेत उत्खनन पर भी कार्रवाई की गई है. मंत्री ने मामलों में FIR दर्ज करने की भी बात कही है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान: पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ रहा है. झाबुआ में भी ऐसे आदिवासी लड़कियों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. रोज कोई ना कोई घटना घट रही है, लेकिन कई घटनाएं छपती नहीं है. कमलनाथ ने कहा हम विधायकों की राय के मुताबिक चलेंगे. वहीं विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कान्हा टाइगर रिजर्व का मुद्दा सदन में उठाया. कान्हा टाइगर रिजर्व के कुछ वन क्षेत्र नक्सली गतिविधियों के चलते संवेदनशील है. पुलिसकर्मियों की तरह वनकर्मियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने की बात कही. विधायक नारायत्र सिंह ने वनकर्मियों को अतिरिक्त सुविधा देने की भी बात कही है.