भोपाल। वो कौन से बयान थे, जिन्होंने बीच चुनाव में पार्टियों को झटका दिया और मूल मुद्दे को भटका दिया. कपड़ा फाड़ से शुरु हुई राजनीति में वीरू, शेरू भी आए. अमिताभ इसरानी भी.....चुनाव की शुरुआत में जो भाषा की मर्यादा टूटी तो प्रचार के आखिरी दौर तक आते-आते कभी हमराह बनकर एक ही पार्टी में चले दो राजनेताओं का लिहाज भी टूट गया.
कांग्रेस ने शुरु किया कपड़ा फाड़: तो जब ये सवाल उठेगा कि 2023 का चुनाव किन बयानों के लिए याद किया जाएगा, तो उसमें पहला जिक्र कमलनाथ के कपड़ा फाड़ो बयान का आएगा. 2018 के विधानसभा चुनाव में चलो चलो की टेर लगाने वाले कमलनाथ का वीडियो वायरल हुआ. जिसमें वे कह रहे थे कि जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़िए. बात यही खत्म नहीं हुई. पार्टी के वचन पत्र के कार्यक्रम में जब दोनों नेता एक मंच पर थे, तब दिग्विजय सिंह ने मामले को साफ करते बयान दिया कि नामांकन पर तो दस्तखत प्रदेश अध्यक्ष के होते हैं, तो कपड़े कमलनाथ के भी फटना चाहिए. कमलनाथ ने ये कहकर मामला साधा कि मेरे हिस्से की गाली खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी मैने दिग्विजय सिंह को दे रखी है. हालांकि दोनों ने इसे हंसी मजाक का मामला कहकर निपटाया लेकिन इसी बयान के साथ बीजेपी ने इस चुनाव में कांग्रेस को भरपूर घेरा.
जब हुई जय वीरू की भी एंट्री: सियासत में सिनेमा के किरदारों की एंट्री भी बड़ी दिलचस्प हुई. इस बार बीजेपी के लिए वोट मांग रहे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नाम लिए बगैर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी को जय वीरू कह दिया. सिंधिया ने जय और वीरू की जोड़ी को चोर बताया. बात आगे बढ़ी तो नरेन्द्र सिंह तोमर का बयान आया. तोमर ने कहा कि जय और वीरू की जोड़ी तो पहले से हमारी और शिवराज की है. फिर कमलनाथ का बयान आया कि जनता अपने मुद्दों पर बात करना चाहती है और यहां बीजेपी फिल्मी किरदारों में उलझी है. पहले तो शिवराज ही अकेले अभिनय करते थे, अब तो नरेन्द्र सिंह तोमर भी फिल्मी किरदारों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. बीजेपी को एक आपात बैठक बुला लेना चाहिए और तय कर लेना चाहिए कि कौन क्या किरदार निभाएगा.
बयानों में मुर्खों का सरदार भी: बयानों में उपमाएं और भी आईं. पीएम मोदी के कमोबेश हर सभा में कांग्रेस पर हमला होता रहा, लेकिन उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन्हें मुर्खों का सरदार कह दिया. पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस के एक महाज्ञानी का कहना है कि भारत के सारे लोगों के पास मेड इन चाइना का फोन है. फिर मोदी ने आगे कहा कि मुर्खों के सरदार किस दुनिया में रहते हैं ये लोग. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक मानसिक बीमारी है जिसमें वो भारत की उपलब्धियां नहीं देख पाती.
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प्रचार के आखिरी दौर में टूटा लिहाज: प्रचार के आखिरी दौर में लिहाज भी टूट गया. आम तौर पर प्रियंका राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच आमने-सामने वार नहीं होते थे. लेकिन प्रचार के आखिरी दिन प्रियंका गांधी ने जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को अहंकारी और गद्दारी की परिवार की परंपरा कहा तो बात रुकी नहीं सिंधिया ने उन्हें पार्ट टाइम पॉलीटिशियन का तमगा दे दिया.