भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की चुनावी मोड में आ चुकी है. इसी बीच एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर (MP Assembly Election 2023) बड़ा ऐलान किया है. कमलनाथ ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए ट्वीट कर लिखा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपये महीना करेंगे. उन्होंने इससे पहले पहले पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) और किसानों के लिए कृषि ऋण माफी योजना दोबारा शुरू करने की बात कही थी.
1 हजार होगी वृद्धावस्था पेंशन: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी अगर अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता में आती है तो वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह करेगी. कमलानाथ ने ट्वीट कर लिखा कि हमने वृद्धावस्था पेंशन को 300 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए किया और हम इसे 1,000 रुपए करने जा रहे थे. सौदेबाजी से हमारी सरकार गिरा दी गई और बुजुर्गों का 1,000 रुपए महीने पेंशन का हक मारा गया. मध्यप्रदेश में 2023 में कांग्रेस सरकार बनते ही हम वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1,000 रुपए महीना करेंगे.
OPS पर कमलनाथ का ऐलान: पुरानी पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों की प्रमुख मांग है. मप्र में, 1 जनवरी, 2005 को या उसके बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत कवर किया गया है. 18 दिसंबर को उन्होंने पार्टी की कृषि ऋण माफी योजना को ट्वीट किया था, जो उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान लागू थी. पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि शिवराज सरकार ने कहा है कि वो पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करेगी. सरकार का यह वक्तव्य कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है. मैं कर्मचारी साथियों के साथ हूं. मध्यप्रदेश में 2023 में कांग्रेस सरकार बनते ही पुरानी पेंशन योजना बहाल की जायेगी.
भाजपा ने नाथ के वादे झूठे: इन घोषणाओं को दरकिनार करते हुए, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि नाथ हमेशा अपने वादों से "पीछे हटते" हैं. सत्ता में आने के दस दिनों के भीतर 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी को लागू करने का नाथ सरकार का वादा कभी पूरा नहीं हुआ. चतुर्वेदी ने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह का भुगतान भी नहीं किया था. इस तरह के झूठे वादों पर विश्वास न करें.
PTI