भोपाल। कांग्रेस के लिए हमेशा हार लिखती रही एमपी की 66 सीटों का सीन बदलने निकले दिग्विजय सिंह कांग्रेस की कमजोर कड़ियों को मजबूती देने के साथ अब उस आदिवासी वोट बैंक पर पकड़ बना रहे हैं. एमपी में जो बरसों बरस कांग्रेस का हाथ मजबूत करता रहा है. सीधी मामला भले ठंडा पड़ चुका हो लेकिन दिग्विजय सिंह लगातार आदिवासियों के मुद्दे उठाकर महौल बनाए हुए हैं कि एमपी में आदिवासियों पर बीजेपी सरकार में ही अत्याचार बढ़े हैं. बीजेपी और कांग्रेस के लिए इस बार एमपी में आदिवासी वोटर वो ट्रम्प कार्ड है कि जिसके हाथ लग गया उसकी जीत पक्की है.
आदिवासी जनजनायक याद हैं..आदिवासी याद हैं क्या: आदिवासियों को लेकर दिग्विजय सिंह अब बीजेपी सरकार को आईना दिखा रहे हैं. इस सवाल की शक्ल में कि आदिवासी जननायकों को याद कर रही बीजेपी को सामने संघर्ष भोग रहे आदिवासियों के हालात दिखाई क्यों दिखाई नहीं दे रहे. आदिवासियों के मुद्दों को लेकर दिग्विजय सिंह लगातार सीएम शिवराज को पत्र लिख रहे हैं. कटनी जिले में एक आदिवासी परिवार की जमीन पर खनन कर लाखों रुपये की खनिज सम्पदा की चोरी करने का मामला दिग्विजय सिंह ने उठाया है और सीएम शिवराज को चिट्ठी लिखकर ये बताया है कि आरोपी परिवार जिला भाजपा पदाधिकारी होने से पुलिस और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
आरोप ये भी लगाया है कि बीजेपी के स्थानीय विधायक का भी खनिज सम्पदा लूटने वालों को खुला संरक्षण है. दिग्विजय सिंह का कहना है कि कि जब वे पीड़ित आदिवासी परिवारों से मिले तब स्थानीय रहवासियों ने ग्राम कलहरा निवासी रतिया कोल के प्रताड़ना का प्रकरण सामने रखा. इस आदिवासी की जमीन पर जिला बीजेपी के नेता ने कब्जा किया ये आरोप दिग्विजय सिंह ने लगाया. दिग्विजय सिंह का आरोप है कि कटनी जिले के आदिवासी किसानों की जमीन पर बेजा कब्जे के कई मामले सामने आ रहे हैं.
गौंड आदिवासियों की जमीन पर कब्जा: दिग्विजय सिंह ने कटनी जिले की मेहगांव पंचायत का मामला भी उठाया है. यहां रामखिलावन गौंड नामक आदिवासी किसान की जमीन पर एक निजी कंपनी ने कब्जा करके बाउंड्रीवाल बना ली है. दिग्विजय सिंह का आरोप है कि बेबस परिवार जिला प्रशासन के सामने फरियाद करता रहा पर कोई सुनवाई नहीं हुई.
बीजेपी राज में बढ़े आदिवासी पर अत्याचार: कांग्रेस की मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह लगातार आदिवासियों को लेकर जो पत्र लिख रहे हैं वो असल में शिवराज सरकार के लिए आईना हैं. इसी सरकार में जननायक पूजे जाते हैं लेकिन उसी आदिवासी समाज पर इनकी ही पार्टी के नेता कितने अत्याचार करते हैं.
कांग्रेस के लिए आदिवासी केवल वोट बैंक: बीजेपी प्रवक्ता हितेष वाजपेयी कहते हैं कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी नेताओं को संगठन में भी पीछे रखा. सरकार में भी पीछे रखा है चाहे वह जमुना देवी हो या उमंग सिंगार हो या कांतिलाल भूरिया हो या अन्य कोई कांग्रेस नेता. हमेशा राजनैतिक रूप से आदिवासियों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती रही है कांग्रेस जो दुर्भाग्य जनक है. यही कारण है कि आज तेजी से कांग्रेस का विरोध आदिवासी समुदाय में पैदा हुआ है इसीलिए कांग्रेस इक्का-दुक्का आपराधिक घटनाओं को लेकर राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास करती हैं जो कि बेहद ही निंदनीय है और असफल भी होगा.