भोपाल। एमपी बीजेपी में ये पहली बार है कि केन्द्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में ले ली है कमान, लिहाजा इन चुनाव में कई प्रयोग देखने को मिल सकते हैं. जानकारी के मुताबिक एमपी समेत यूपी, महाराष्ट्र समेत चार राज्यों के बीजेपी के विधायक एमपी की 230 सीटों पर बीजेपी की मजबूती के लिए काम करेंगे. जानकारी के मुताबिक अब तक का प्लान ये है कि अगस्त के तीसरे हफ्ते में ये विधायक ट्रेनिंग के बाद एमपी में मोर्चा संभालेंगे और फिर फीडबैक रिपोर्ट संगठन को सौपेंगे. बताया जा रहा है कि दूसरे राज्यों से आ रहे विधायकों को मुश्किल सीटों की कमान पहले सोंपी जाएगी, इंदौर के 9 विधानसभा क्षेत्र, पार्टी के सबसे मजबूत राज्य गुजरात के विधायक संभालेंगे.
गुजरात के अलावा और किन राज्यों को जवाबदारी: जानकारी के मुताबिक एमपी में गुजरात के अलावा यूपी, महाराष्ट्र, बिहार के बीजेपी विधायकों की भी 230 सीटों पर ड्यूटी लगाई जा रही है. 100 से ज्यादा सीटें पार्टी के टेस्टेट और ट्रस्टेड गुजरात, यूपी को सौंपी गई हैं. खास तौर पर एमपी के यूपी से सटे इलाकों में यूपी के विधायकों को जिम्मेदारी दी जाएगी, इनमें विंध्य से सटे इलाकों के अलावा ग्वालियर चंबल का इलाका है.
गुजरात को जिम्मेदारी मालवा निमाड़ में: इलाकावार जो जवाबदारी दी गई है, उसमें ये तय किया गया है कि किस राज्य से सटे इलाके में वहां के विधायकों का नेटवर्क मजबूत हो सकता है और वे असरदार हो सकते हैं. इसी लिहाज से मालवा निमाड़ जो की एमपी की सत्ता का सबसे मजबूत रास्ता कहा जाता है. यहां की 9 ऐसी सीटें जो कांग्रेस के कब्जे में रही हैं, वहां गुजरात से आए विधायक मोर्चा संभालेंगे.
एमपी के नेताओं ने भी गुजरात यूपी में ली है जिम्मेदारी: एमपी एक समय तक बीजेपी के आदर्श संगठन में गिना जाता रहा है और यहां की खासियत ये है कि यहां के नेताओं ने देश के अलग अलग हिस्सों में जाकर बीजेपी की चुनावी कमान संभाली है. सीएम शिवराज सिंह चौहान तो कई राज्यों में पार्टी के स्टार प्रचारक के तौर पर गए ही हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल का प्रभार संभाला था. इनके अलावामंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी यूपी चुनाव में कई विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रबंधन संभाला था.