भोपाल। महंगाई भत्ता दिए जाने के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने परिवार के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा भी चाहती हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अल्टीमेटम दे दिया है. कहा है कि अगर जल्द से जल्द सुनवाई नहीं हुई तो चुनावी साल में प्रदेश भर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अब उग्र आंदोलन छेड़ेंगी. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बुनियादी तौर पर तो महिला बाल विकास विभाग से जुड़ी योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने और उसका फीडबैक लेने की जवाबदारी है. लेकिन चूंकि इनकी पहुंच घर घर तक है लिहाजा सिस्टम में बाकी योजनाओं की जानकारी जुटाने से लेकर वोटर आईडी कोरोना वैक्सीनेशन के काम तक हर ड्यूटी में ये करती हैं.
सारे बेगारी वाले काम हमारे सिर पर क्यों : आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की प्रदेश कोषाध्यक्ष हफ्जा काज़मी कहती हैं कि हमारे लिए न काम के घंटे तय हैं और ना ये तय है कि केवल यही काम लिया जाएगा. जो भी बेगारी होती है वो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सिर पर डाल दी जाती है. वोटर आईडी का काम हमारे जिम्मे है. कोरोना में घर- घर वैक्सीनेशन का काम भी हमे दिया गया. बाद में टीकाकरण का डाटा भी. सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों का रिकार्ड भी हमें ही रखना है.
सरकारी कर्मचारी का काम तो वेतन क्यों नहीं : आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की मांग है कि हम सरकार और जनता के बीच की अहम कड़ी है. महिला बाल विकास विभाग की रीढ़ इन कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. और सरकारी कर्मचारी की तरह कार्यकर्ता को 26 हजार रुपए और सहायिका को 21 हजार रुपए का प्रतिमाह वेतन दिया जाए. इसी तरह से जिन आंगनवाड़ी भवनो के किराए का भुगतान पिछले एक वर्ष से नहीं किया गया, उनका भुगतान सरकार जल्द से जल्द करे. बाकी कर्मचारियों की तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी दी जाए.
अब आर- पार की लड़ाई होगी : आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति पर सरकारी की ओर से एक लाख रुपए और सहायिका को 75 हजार रुपए देने की जो घोषणा की गई थी, इसे घोषणा के दिनांक से लागू कर सेवानिवृत्त हुई सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका लाभ दिया जाए. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की प्रदेश कोषाध्यक्ष हफ्जा काज़मी कहती हैं कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की मांगे लंबे समय से पेंडिंग है. सरकार जिन योजनाओं के दम पर मध्यप्रदेश में महिलाओं की तरक्की और बच्चों के पोषण का काम चल रहा है. वो सारा काम हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के कंधे पर ही है. सरकार चुनावी साल में हमें बड़ी सौगात दे. वरना हम तो पूरी तैयारी किए बैठे हैं कि इस बार लड़ाई निर्णायक होगी.