ETV Bharat / state

बाल अपराधों, आदिवासियों के उत्पीड़न में देश में पहले स्थान पर MP, NCRB 2020 की रिपोर्ट में खुलासा

NCRB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बाल अपराधों, मासूमों से दुराचार और आदिवासियों के उत्पीड़न के मामले में मध्य प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है. इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है.

बाल अपराधों, आदिवासियों के उत्पीड़न में देश में पहले स्थान पर MP
बाल अपराधों, आदिवासियों के उत्पीड़न में देश में पहले स्थान पर MP
author img

By

Published : Sep 15, 2021, 6:42 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में भले ही कानून व्यवस्था को पुख्ता करने के तमाम दावे होते हों, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश एक बार फिर बाल अपराधों (crimes against child), मासूमों के साथ दुराचार (rape with minors) और आदिवासियों के उत्पीड़न (harassment of tribals) के मामले में देश में शीर्ष पर है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) द्वारा साल 2020 की जारी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश इन अपराधों में सबसे ऊपर है. उधर प्रदेश में अपराधों के ग्राफ को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज सरकार के 16 सालों के विकास की यह तस्वीर है.

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध

एनसीआरबी (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में बच्चों के साथ अपराधों के मामले में मध्य प्रदेश पहले पायदान पर है. देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित बच्चे मध्य प्रदेश में हैं. नाबालिग के साथ रेप (rape with minors) के मामले में भी मध्य प्रदेश शीर्ष पर है.

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध

साल 2020 में मध्य प्रदेश में 17,008 बाल अपराध रिकाॅर्ड किए गए. हालांकि 2019 में बाल अपराधों का आंकड़ा 19,028 और 2018 में 18,892 था. पिछले दो सालों में अपराध भले ही कम हुए हों, लेकिन इसके बाद भी यह देश में सबसे ज्यादा हैं. बाल अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे, महाराष्ट्र तीसरे स्थान और पश्चिम बंगाल चौथे स्थान पर है.

प्रदेश में बच्चियों से रेप के मामले में भले ही फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया हो, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश बच्चों से रेप के मामले में सबसे ऊपर है. एनसीआरबी के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में प्रदेश में ऐसे 3,262 मामले सामने आए हैं, जो सभी राज्यों से कहीं ज्यादा हैं. महाराष्ट्र में ऐसे 2,800 मामले और उत्तर प्रदेश में 2,533 मामले सामने आए हैं.

  • यह है शिवराज सरकार के 16 वर्षों के विकास की तस्वीर।

    जब से प्रदेश में शिवराज सरकार आयी है आदिवासी, दलित, शोषित वर्ग पर उत्पीड़न व दमन की घटनाएँ बढ़ी है, दुष्कर्म की घटनाएँ रोज़ घटित हो रही है, अपराधी तत्वों के हौसले बुलंद है, क़ानून का कोई ख़ौफ़ नही बचा है।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 15, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अनुसूचित जाति जनजाति के उत्पीड़न के मामले भी मध्य प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है. 2020 में मध्य प्रदेश में एससी से अपराधों के 6,899 मामले सामने आए. इस मामले में सबसे ज्यादा अपराध उत्तरप्रदेश में 12,714 हैं.

बीच सड़क पर युवती ने दिखाए ग्लैमरस डांस मूव्स, गृहमंत्री बोले- मोटर व्हीकल एकट के तहत होगी कार्रवाई

मध्य प्रदेश में महिलाओं से रेप के बाद हत्या के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है. 2020 में प्रदेश में ऐसे 27 मामले सामने आए. सबसे ज्यादा ऐसे मामले उत्तरप्रदेश में 31 आए हैं.

कांग्रेस ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना

कांग्रेस ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना

एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि "एनसीआरबी के साल 2020 के आंकड़ों में प्रदेश आदिवासियों के उत्पीड़न में शीर्ष पर है. पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी मामले बढ़े है. एमपी बाल अपराध, मासूमों के साथ दुष्कर्म में भी शीर्ष पर हैं. बच्चों की दृष्टि से मध्य प्रदेश असुरक्षित है. यह है शिवराज सरकार के 16 सालों के विकास की तस्वीर."

बाल अपराध से निपटने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन की लें मदद

बच्चों से संबंधित किसी भी तरह के अपराध की शिकायत या निराकरण के लिए आप चाइल्ड हेल्पलाइन के नंबर 1098 का इस्तेमाल कर सकते हैं. बच्चों के प्रति घरेलू हिंसा या अन्य तरह के किसी भी अपराध की शिकायत चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर करने पर उस मामले को संबंधित क्षेत्र के चाइल्ड लाइन तक पहुंचा दिया जाता है. इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम संबंधित थाने में संपर्क कर मामले का निराकरण करने की कोशिश करती है

भोपाल। मध्य प्रदेश में भले ही कानून व्यवस्था को पुख्ता करने के तमाम दावे होते हों, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश एक बार फिर बाल अपराधों (crimes against child), मासूमों के साथ दुराचार (rape with minors) और आदिवासियों के उत्पीड़न (harassment of tribals) के मामले में देश में शीर्ष पर है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) द्वारा साल 2020 की जारी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश इन अपराधों में सबसे ऊपर है. उधर प्रदेश में अपराधों के ग्राफ को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज सरकार के 16 सालों के विकास की यह तस्वीर है.

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध

एनसीआरबी (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में बच्चों के साथ अपराधों के मामले में मध्य प्रदेश पहले पायदान पर है. देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित बच्चे मध्य प्रदेश में हैं. नाबालिग के साथ रेप (rape with minors) के मामले में भी मध्य प्रदेश शीर्ष पर है.

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल अपराध

साल 2020 में मध्य प्रदेश में 17,008 बाल अपराध रिकाॅर्ड किए गए. हालांकि 2019 में बाल अपराधों का आंकड़ा 19,028 और 2018 में 18,892 था. पिछले दो सालों में अपराध भले ही कम हुए हों, लेकिन इसके बाद भी यह देश में सबसे ज्यादा हैं. बाल अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे, महाराष्ट्र तीसरे स्थान और पश्चिम बंगाल चौथे स्थान पर है.

प्रदेश में बच्चियों से रेप के मामले में भले ही फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया हो, लेकिन इसके बाद भी मध्य प्रदेश बच्चों से रेप के मामले में सबसे ऊपर है. एनसीआरबी के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में प्रदेश में ऐसे 3,262 मामले सामने आए हैं, जो सभी राज्यों से कहीं ज्यादा हैं. महाराष्ट्र में ऐसे 2,800 मामले और उत्तर प्रदेश में 2,533 मामले सामने आए हैं.

  • यह है शिवराज सरकार के 16 वर्षों के विकास की तस्वीर।

    जब से प्रदेश में शिवराज सरकार आयी है आदिवासी, दलित, शोषित वर्ग पर उत्पीड़न व दमन की घटनाएँ बढ़ी है, दुष्कर्म की घटनाएँ रोज़ घटित हो रही है, अपराधी तत्वों के हौसले बुलंद है, क़ानून का कोई ख़ौफ़ नही बचा है।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 15, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अनुसूचित जाति जनजाति के उत्पीड़न के मामले भी मध्य प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है. 2020 में मध्य प्रदेश में एससी से अपराधों के 6,899 मामले सामने आए. इस मामले में सबसे ज्यादा अपराध उत्तरप्रदेश में 12,714 हैं.

बीच सड़क पर युवती ने दिखाए ग्लैमरस डांस मूव्स, गृहमंत्री बोले- मोटर व्हीकल एकट के तहत होगी कार्रवाई

मध्य प्रदेश में महिलाओं से रेप के बाद हत्या के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है. 2020 में प्रदेश में ऐसे 27 मामले सामने आए. सबसे ज्यादा ऐसे मामले उत्तरप्रदेश में 31 आए हैं.

कांग्रेस ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना

कांग्रेस ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना

एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि "एनसीआरबी के साल 2020 के आंकड़ों में प्रदेश आदिवासियों के उत्पीड़न में शीर्ष पर है. पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी मामले बढ़े है. एमपी बाल अपराध, मासूमों के साथ दुष्कर्म में भी शीर्ष पर हैं. बच्चों की दृष्टि से मध्य प्रदेश असुरक्षित है. यह है शिवराज सरकार के 16 सालों के विकास की तस्वीर."

बाल अपराध से निपटने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन की लें मदद

बच्चों से संबंधित किसी भी तरह के अपराध की शिकायत या निराकरण के लिए आप चाइल्ड हेल्पलाइन के नंबर 1098 का इस्तेमाल कर सकते हैं. बच्चों के प्रति घरेलू हिंसा या अन्य तरह के किसी भी अपराध की शिकायत चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर करने पर उस मामले को संबंधित क्षेत्र के चाइल्ड लाइन तक पहुंचा दिया जाता है. इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम संबंधित थाने में संपर्क कर मामले का निराकरण करने की कोशिश करती है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.