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रीवा में व्यापमं की जड़ तलाश रही STF, यहीं बने सबसे ज्यादा फर्जी प्रमाण पत्र

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Published : Feb 3, 2020, 2:39 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 3:53 PM IST

बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले की दोबारा जांच शुरु की गई है, जिसमें एसटीएफ की टीम ने पीएमटी परिक्षा को लेकर 13 मामले दर्ज किया है. जिसमे सबसे ज्यादा रीवा के अभ्यर्थियों ने जाली प्रमाण पत्र बनवाए हैं.

most bogus native certificates are made from Rewa
रीवा से बने सबसे ज्यादा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र

भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महा घोटाले की दोबारा जांच शुरु हो गई है, जिसमें एसटीएफ ने पीएमटी परिक्षा को लेकर दर्जन भर मामला दर्ज किया है, जिसमें जाली प्रमाण पत्र लगाकर शासकीय कॉलेजों में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों का आरोपी बनाया गया है, खास बात ये है कि इनमें सबसे ज्यादा अभ्यर्थी रीवा जिले से जाली प्रमाण पत्र बनवाए हैं, जिसके बाद एसटीएफ को संदेह है कि रीवा में कोई गैंग सक्रिय है. जो रुपए लेकर अभ्यर्थियों के लिए फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने का काम करता है.

रीवा से बने सबसे ज्यादा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र

एसटीएफ की टीम को ये भी जानकारी मिली है कि लोकल लेवल पर कोई गैंग या दलाल ऐसा है, जो व्यापमं की परीक्षा को लेकर गड़बड़ी करने में शामिल है. लिहाजा एसटीएफ ने एक टीम गठित कर रीवा के लिए रवाना कर दिया है, एसटीएफ की टीम इस गिरोह को लेकर बारीकी से जांच कर रही है. जिसके बाद कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महा घोटाले की दोबारा जांच शुरु हो गई है, जिसमें एसटीएफ ने पीएमटी परिक्षा को लेकर दर्जन भर मामला दर्ज किया है, जिसमें जाली प्रमाण पत्र लगाकर शासकीय कॉलेजों में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों का आरोपी बनाया गया है, खास बात ये है कि इनमें सबसे ज्यादा अभ्यर्थी रीवा जिले से जाली प्रमाण पत्र बनवाए हैं, जिसके बाद एसटीएफ को संदेह है कि रीवा में कोई गैंग सक्रिय है. जो रुपए लेकर अभ्यर्थियों के लिए फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने का काम करता है.

रीवा से बने सबसे ज्यादा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र

एसटीएफ की टीम को ये भी जानकारी मिली है कि लोकल लेवल पर कोई गैंग या दलाल ऐसा है, जो व्यापमं की परीक्षा को लेकर गड़बड़ी करने में शामिल है. लिहाजा एसटीएफ ने एक टीम गठित कर रीवा के लिए रवाना कर दिया है, एसटीएफ की टीम इस गिरोह को लेकर बारीकी से जांच कर रही है. जिसके बाद कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम महा घोटाले की दोबारा शुरू हुई जांच में एसटीएफ की टीम ने पीएमटी परीक्षा को लेकर दर्जनभर मामले दर्ज किए हैं। जन में जाली प्रमाणपत्र लगाकर शासकीय कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले अभ्यर्थियों का आरोपी बनाया गया है। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादा अभ्यर्थियों ने रीवा जिले से जाली प्रमाण पत्र बनवाए हैं। लिहाजा एसटीएफ को आशंका है कि रीवा जिले में इस तरह का कोई गैंग सक्रिय है।


Body:बहुचर्चित व्यापम महा घोटाले में एसटीएफ ने जाली मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की है। एसटीएफ की पड़ताल में पता चला है कि इनमें से कई अभ्यर्थियों के मूल निवासी प्रमाण पत्र रीवा जिले से बनाए गए हैं। एसटीएफ को आशंका है कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला कोई गिरोह रीवा जिले में सक्रिय है जो रुपए लेकर अभ्यर्थियों के लिए फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने का काम करता है। एसटीएफ की टीम को यह भी जानकारी मिली है कि लोकल लेवल पर कोई गैंग या दलाल ऐसा है जो व्यापमं की परीक्षाओं को लेकर गड़बड़ी करने में शामिल है। लिहाजा एसटीएफ ने एक टीम गठित कर रिवा के लिए रवाना कर दी है। एसटीएफ की टीम इस गिरोह को लेकर बारीकी से जांच कर रही है।


Conclusion:एसटीएफ की टीम को आशंका है कि इन अभ्यर्थियों की किसी ना किसी ने जरूर मदद की होगी। बिना किसी के मिलीभगत के फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाना संभव नहीं है। एसटीएफ इस मामले में तफ्तीश कर रही है। माना जा रहा है कि जांच के बाद फर्जी प्रमाणपत्र मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है। बता दें कि पीएमटी परीक्षाओं में फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र लगाकर शासकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले करीब 13 अभ्यर्थियों के खिलाफ एसटीएफ ने एफ आई आर दर्ज की है।

बाइट- अशोक अवस्थी, एडीजी, एसटीएफ, मध्य्प्रदेश।
Last Updated : Feb 3, 2020, 3:53 PM IST
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