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मनरेगा के तहत भोपाल संभाग में 40 हजार से अधिक मजदूरों को मिला रोजगार

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Published : May 2, 2020, 11:23 AM IST

लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार से मिली छूट के बाद प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों को काम देना शुरू कर दिया है. भोपाल संभाग में 40 हजार से अधिक मजदूरों को इस योजना के तहत काम दिया गया है. इस दौरान सुरक्षा बरतने के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.

Bhopal
भोपाल

भोपाल| कोविड-19 लॉकडाउन कें दौरान मध्यप्रदेश शासन ने ग्रामीण स्तर पर अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत देते हुए मनरेगा के कार्य प्रारंभ कराए हैं. भोपाल संभाग अंतर्गत 2 हज़ार 373 ग्राम पंचायतों में से 2 हज़ार 117 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं. शुरू किए गए 8 हज़ार 514 रोजगार मूलक कार्यों में 40 हज़ार 359 मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर संक्रमण से बचने के लिए सभी तरह के नियमों का पालन भी किया जा रहा है और मनरेगा के तहत काम करने वाले सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही चेहरे पर मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा यहां काम करने वाले सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है.

किस जिले में कितने मजदूर कर रहे है काम

भोपाल संभाग अन्तर्गत क्रमशः जिला भोपाल में 187 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रगति पर है, जिनमें 1021 रोजगार मूलक कार्यों में 2328 मजदूर कार्यरत है.

रायसेन में 491 ग्राम पंचायतों में से 418 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसके तहत 1565 रोजगार मूलक कार्यों में 6380 मजदूर कार्यरत हैं.

इसी तरह राजगढ़ जिले में 621 ग्राम पंचायतों में से 598 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसके तहत 3255 रोजगार मूलक कार्यों में 16271 मजदूर कार्यरत हैं.

जिला विदिशा में 577 ग्राम पंचायतों में से 465 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसमें 1596 रोजगार मूलक कार्यों में 6521 मजदूर कार्यरत हैं

सीहोर में 497 ग्राम पंचायतों में से 479 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य के अंतर्गत 1077 रोजगार मूलक कार्यों में 8859 मजदूर कार्यरत हैं.

मनरेगा के कार्यों के दौरान प्रत्येक ग्राम पंचायत में कोविड -19 वायरस के संक्रमण को रोकने एवं बचाव के सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए गए हैं. सभी मजदूरों को मास्क पहनाकर कार्य कराए जा रहा हैं एवं समय-समय पर उनको सेनेटाइज किया जाता है. कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जा रहा है. ग्रीष्मकालीन परिस्थितियों को देखते हुए कार्यस्थल पर ही साफ पीने का पानी की व्यवस्था की गई है.

शासन के मनरेगा के कार्य प्रारंभ करने के निर्णय से ग्राम वासियों में खुश नजर आ रही हैं. रोजगार मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और परिवार का पालन पोषण करने में अधिक सक्षम होंगे.

भोपाल| कोविड-19 लॉकडाउन कें दौरान मध्यप्रदेश शासन ने ग्रामीण स्तर पर अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत देते हुए मनरेगा के कार्य प्रारंभ कराए हैं. भोपाल संभाग अंतर्गत 2 हज़ार 373 ग्राम पंचायतों में से 2 हज़ार 117 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं. शुरू किए गए 8 हज़ार 514 रोजगार मूलक कार्यों में 40 हज़ार 359 मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर संक्रमण से बचने के लिए सभी तरह के नियमों का पालन भी किया जा रहा है और मनरेगा के तहत काम करने वाले सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही चेहरे पर मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा यहां काम करने वाले सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है.

किस जिले में कितने मजदूर कर रहे है काम

भोपाल संभाग अन्तर्गत क्रमशः जिला भोपाल में 187 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रगति पर है, जिनमें 1021 रोजगार मूलक कार्यों में 2328 मजदूर कार्यरत है.

रायसेन में 491 ग्राम पंचायतों में से 418 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसके तहत 1565 रोजगार मूलक कार्यों में 6380 मजदूर कार्यरत हैं.

इसी तरह राजगढ़ जिले में 621 ग्राम पंचायतों में से 598 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसके तहत 3255 रोजगार मूलक कार्यों में 16271 मजदूर कार्यरत हैं.

जिला विदिशा में 577 ग्राम पंचायतों में से 465 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसमें 1596 रोजगार मूलक कार्यों में 6521 मजदूर कार्यरत हैं

सीहोर में 497 ग्राम पंचायतों में से 479 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य के अंतर्गत 1077 रोजगार मूलक कार्यों में 8859 मजदूर कार्यरत हैं.

मनरेगा के कार्यों के दौरान प्रत्येक ग्राम पंचायत में कोविड -19 वायरस के संक्रमण को रोकने एवं बचाव के सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए गए हैं. सभी मजदूरों को मास्क पहनाकर कार्य कराए जा रहा हैं एवं समय-समय पर उनको सेनेटाइज किया जाता है. कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जा रहा है. ग्रीष्मकालीन परिस्थितियों को देखते हुए कार्यस्थल पर ही साफ पीने का पानी की व्यवस्था की गई है.

शासन के मनरेगा के कार्य प्रारंभ करने के निर्णय से ग्राम वासियों में खुश नजर आ रही हैं. रोजगार मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और परिवार का पालन पोषण करने में अधिक सक्षम होंगे.

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