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स्कूल शिक्षा विभाग की मोहल्ला क्लासेस बनी टीचर्स के लिए खतरा, अब तक कोरोना से 50 शिक्षकों की हुई मौत

स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान शुरू किया था, लेकिन ये अभियान शिक्षकों के लिए खतरा बन गया है. शिक्षकों को कोरोना का डर सता रहा है.

Mohalla classes become a risk to teachers
मोहल्ला क्लासेस बनी टीचर्स के लिए खतरा
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Published : Oct 18, 2020, 4:01 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान शुरू किया था. इस अभियान को 4 माह हो चुके हैं, अनलॉक के बाद भी स्कूल अब तक नहीं खोले गए हैं. ऐसे में छात्रों को दूरदर्शन, ऑनलाइन क्लास, दीक्षा ऐप जैसे माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. जिन छात्रों के पास इन माध्यम से पढ़ने के लिए कोई संसाधन नहीं हैं उनके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान चलाया था. जिसे मोहल्ला क्लासेस के नाम से लगाया जा रहा है. इस अभियान के तहत शिक्षक प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर छात्रों को एक जगह एकत्रित कर कक्षाएं लगा रहे हैं.

छात्रों के लिए कारगर मोहल्ला क्लासेस-

कोरोना के बीच छात्रों के लिए ये अभियान कारगर साबित हुआ, क्योंकि जो बच्चे संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले पाए थे, वो मोहल्ला क्लास में कक्षा ले रहे हैं, लेकिन इस अभियान के तहत प्रदेश के शिक्षकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण के बीच हर रोज झुग्गी बस्तियों में जाकर छात्रों को एकत्रित कर पढ़ाना शिक्षकों के लिए खतरे को बुलावा देना है. ऐसा हम नहीं बल्कि इस अभियान से जुड़े शिक्षकों का कहना है.

शिक्षकों को कोरोना का डर-

शिक्षकों का कहना है कि कोरोना के बीच गली मोहल्ले में घूमना शिक्षकों के लिए कोरोना को बुलावा देने जैसा है. इससे न केवल शिक्षक बल्कि बच्चों की जान को भी खतरा है. आज कई शिक्षक कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं, अस्पतालों में भर्ती हैं, 50 शिक्षकों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है और 100 से अधिक शिक्षक घरों में आइसोलेट हैं. बावजूद इसके विभाग का ये अभियान जारी है और शिक्षक मजबूरन नोकरी के लिए संक्रमण के बीच छात्रों को पढ़ाने के लिए गांव में घर-घर जाकर कक्षाएं लगा रहे हैं.

नोकरी बचाने शिक्षक कर रहे मजबूरी में काम-

सूरज नगर शासकीय कन्या शाला के प्राचार्य सुभाष सक्सेना का कहना है कि जब ये अभियान शुरू किया गया था, तब भी शिक्षकों ने इसका विरोध जताया था, लेकिन कोरोना काल में अपनी नोकरी बचाने और बच्चों को शिक्षा देने के लिए शिक्षक शासन के सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन बदले में शासन ने शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर सम्मान तक नहीं दिया. कोरोना से 50 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है. जिनकी मृत्यु हुई है, उन शिक्षकों को सम्मान दिलवाने के लिए भी मंत्री के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन अब तक उन शिक्षाकों के सम्मान के लिए विभाग द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई, उनका आरोप है कि इस अभियान से विभाग कोरोना महामारी को फैलाने का काम कर रहा है और ये अभियान शिक्षाकों की जान पर खतरा साबित हो रहा है.

मोहल्ला क्लासेस बनी टीचर्स के लिए खतरा

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन-

इस मामले पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि मोहल्ला क्लास कोरोना के बीच वैकल्पिक रूप से लगाई गई हैं. छात्रों की चिंता करना सरकार का काम है, छात्रों और शिक्षकों के बीच तालमेल बना रहे ये भी जरूरी है. इसके लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान जारी रहेगा, जो शिक्षक इस बीच सराहनीय काम कर रहे हैं, जिनकी कोरोना के चलते मृत्यु हो गई, उनको कोरोना योद्धा का सम्मान दिया जाएगा. सम्मान निधि शिक्षकों के खाते में डाली जाएगी.

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जहां कंटेंटमेंट जोन हैं, वहां जाने के लिए शिक्षकों को मना किया गया है. ये अभियान सफलतापूर्वक काम कर रहा है. इससे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम किया जा रहा है. शिक्षकों और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की है और विभाग द्वारा इस अभियान की मोनिटरिंग की जा रही है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान शुरू किया था. इस अभियान को 4 माह हो चुके हैं, अनलॉक के बाद भी स्कूल अब तक नहीं खोले गए हैं. ऐसे में छात्रों को दूरदर्शन, ऑनलाइन क्लास, दीक्षा ऐप जैसे माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. जिन छात्रों के पास इन माध्यम से पढ़ने के लिए कोई संसाधन नहीं हैं उनके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान चलाया था. जिसे मोहल्ला क्लासेस के नाम से लगाया जा रहा है. इस अभियान के तहत शिक्षक प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर छात्रों को एक जगह एकत्रित कर कक्षाएं लगा रहे हैं.

छात्रों के लिए कारगर मोहल्ला क्लासेस-

कोरोना के बीच छात्रों के लिए ये अभियान कारगर साबित हुआ, क्योंकि जो बच्चे संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले पाए थे, वो मोहल्ला क्लास में कक्षा ले रहे हैं, लेकिन इस अभियान के तहत प्रदेश के शिक्षकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण के बीच हर रोज झुग्गी बस्तियों में जाकर छात्रों को एकत्रित कर पढ़ाना शिक्षकों के लिए खतरे को बुलावा देना है. ऐसा हम नहीं बल्कि इस अभियान से जुड़े शिक्षकों का कहना है.

शिक्षकों को कोरोना का डर-

शिक्षकों का कहना है कि कोरोना के बीच गली मोहल्ले में घूमना शिक्षकों के लिए कोरोना को बुलावा देने जैसा है. इससे न केवल शिक्षक बल्कि बच्चों की जान को भी खतरा है. आज कई शिक्षक कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं, अस्पतालों में भर्ती हैं, 50 शिक्षकों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है और 100 से अधिक शिक्षक घरों में आइसोलेट हैं. बावजूद इसके विभाग का ये अभियान जारी है और शिक्षक मजबूरन नोकरी के लिए संक्रमण के बीच छात्रों को पढ़ाने के लिए गांव में घर-घर जाकर कक्षाएं लगा रहे हैं.

नोकरी बचाने शिक्षक कर रहे मजबूरी में काम-

सूरज नगर शासकीय कन्या शाला के प्राचार्य सुभाष सक्सेना का कहना है कि जब ये अभियान शुरू किया गया था, तब भी शिक्षकों ने इसका विरोध जताया था, लेकिन कोरोना काल में अपनी नोकरी बचाने और बच्चों को शिक्षा देने के लिए शिक्षक शासन के सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन बदले में शासन ने शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर सम्मान तक नहीं दिया. कोरोना से 50 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है. जिनकी मृत्यु हुई है, उन शिक्षकों को सम्मान दिलवाने के लिए भी मंत्री के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन अब तक उन शिक्षाकों के सम्मान के लिए विभाग द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई, उनका आरोप है कि इस अभियान से विभाग कोरोना महामारी को फैलाने का काम कर रहा है और ये अभियान शिक्षाकों की जान पर खतरा साबित हो रहा है.

मोहल्ला क्लासेस बनी टीचर्स के लिए खतरा

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन-

इस मामले पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि मोहल्ला क्लास कोरोना के बीच वैकल्पिक रूप से लगाई गई हैं. छात्रों की चिंता करना सरकार का काम है, छात्रों और शिक्षकों के बीच तालमेल बना रहे ये भी जरूरी है. इसके लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक 'हमारा घर हमारा विद्यालय' अभियान जारी रहेगा, जो शिक्षक इस बीच सराहनीय काम कर रहे हैं, जिनकी कोरोना के चलते मृत्यु हो गई, उनको कोरोना योद्धा का सम्मान दिया जाएगा. सम्मान निधि शिक्षकों के खाते में डाली जाएगी.

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जहां कंटेंटमेंट जोन हैं, वहां जाने के लिए शिक्षकों को मना किया गया है. ये अभियान सफलतापूर्वक काम कर रहा है. इससे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम किया जा रहा है. शिक्षकों और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की है और विभाग द्वारा इस अभियान की मोनिटरिंग की जा रही है.

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