भोपाल। माफिया से खुद को जान का खतरा बता रहे बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने सरकार से मिली सुरक्षा भी वापिस लौटा दी है. उमाकांत शर्मा ने ETV Bharat से बातचीत में कहा कि मैनें शासन को सुरक्षा वापिस लौटाते हुए ये लिखकर दिया है कि अब मैं जीवन में कभी कोई सुरक्षा नहीं लूंगा, आम आदमी की जिंदगी जीऊंगा, मेरी कभी भी हत्या हो सकती है मैं जानता हूं लेकिन जनता के खातिर अगर मरना भी पड़े तो मुझे मंजूर है. उमाकांत शर्मा ने कहा कि मैं आखिरी सांस तक बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता रहूंगा लेकिन निराश हूं कि जिस सरकार में माफियाओं पर बुलडोजर चलाए जाते हैं उस सरकार में पार्टी के विधायक के क्षेत्र में ऐसे माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. जानिए ETV Bharat पर बीजेपी विधायक का अपनी ही सरकार में उठाए गए सवाल.
राजनीतिक हत्या चाहते हैं कुछ लोग: उमाकांत शर्मा ने खुलकर कहा कि सिंरौज लटेरी विदिशा जिले में भी उनकी ही पार्टी के कुछ लोग हैं जो उनको राजनीति में नहीं देखना चाहते हैं. वो इस कोशिश में है कि विधायक पर किसी तरह से झूठे मुकदमें लगाया जाएं. उन्होने कहा कि ये लोग चारित्रिक आरोप लगाना चाहते हैं कि मानहानि का सार्वजनिक प्रकरण बने.
माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं: उमाकांत शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार माफियाओं पर बुलडोजर चला देती है. गुंडे बख्शे नहीं जाते लेकिन क्या वजह है कि मेरे इलाके में ऐसे लोगों पर कार्रवाई नही हो रही. विधायक के शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं हो रही है तो अंदाजा लगाइए कि आम आदमी की स्थिति क्या होगी. उमाकांत शर्मा ने कहा कि मेरे क्षेत्र में अवैध दारू बिक रही है मादक द्रव्य बिक रहे हैं, कितनी बार शिकायत की कोई कार्रवाई नहीं हुई, दोषी सरेआम घूम रहे हैं.
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जो गलत हैं पार्टी उन्हें पुरस्कृत कर रही है: बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा का आरोप है कि जो मेरी जान लेना चाहते हैं जिसने मुझे जान से मारने की धमकी दी, जिले की प्रभारी उनके यहां जाती हैं जो मेरे चुनाव में परेशान कर चुका उसे पार्टी ने प्रदेश पदाधिकारी बना दिया. उमाकांत ने कहा कि मैनें भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कराई ये शायद ये मेरी गलती थी. मैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लिखित में शिकायत दे चुका हूं. पार्टी फोरम पर अपनी बात रख चुका हूं. कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. मैं हताश और निराश हो चुका हूं.
लात मारकर भगाएंगे तो भी बीजेपी नहीं छोडूंगा: जब अपनी ही पार्टी की सरकार में सुनवाई नहीं तो क्या पार्टी छोड़ेंगे. इस सवाल के जवाब में उमाकांत ने कहा कि मैं आखिरी सांस तक बीजेपी का कार्यकर्ता हूं और रहूंगा पार्टी की और सरकार की सेवा में जुटा रहूंगा. मैं व्यक्ति हित नहीं देखता. समाज और देशहित सोचता हूं पहले.